दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- विश्व युद्धों के दौरान युद्ध पर प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
- इस संदर्भ में प्रमुख नवाचारों को प्रासंगिक उदाहरणों के साथ स्पष्ट एवं संक्षिप्त बुलेट पॉइंट्स में प्रस्तुत कीजिये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
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परिचय:
प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैन्य प्रौद्योगिकी में प्रमुख बदलाव आया जिससे विश्व स्तर पर युद्ध में क्रांति आई। इन संघर्षों से ऐसे नवाचारों को देखा गया जिससे युद्ध का पैमाना, गति और विध्वंसक क्षमता काफी बढ़ गई। तकनीकी प्रगति से युद्ध, पारंपरिक संघर्षों से इतर औद्योगिक नवाचारों से प्रभावित हुआ।
मुख्य भाग:
प्रमुख तकनीकी नवाचार:
- मशीन गन: ब्रिटिश लुईस गन और अमेरिकी ब्राउनिंग जैसे हथियारों से युद्ध क्षेत्र में मारक क्षमता को बढ़ावा मिला।
- टैंक: ब्रिटिश "लिटिल विली" जैसे प्रारंभिक मॉडलों तथा बाद में जर्मन पैंजर्स से तीव्र आक्रमण सक्षम हुआ।
- विमानन: लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों की शुरुआत से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रणनीतिक बमबारी अभियानों द्वारा शहर एवं औद्योगिक केंद्र तबाह हो गए। उदाहरण के लिये, ब्रिटेन पर लूफ्टवाफे के हमले।
- पनडुब्बियों का उपयोग: जर्मन यू-बोटों ने मित्र देशों की नौसेना की आपूर्ति लाइनों को बुरी तरह बाधित किया, जिससे दोनों युद्धों में बड़ा खतरा पैदा हो गया।
- रासायनिक युद्ध: फॉस्जीन और मस्टर्ड गैस जैसी 100,000 टन से अधिक जहरीली गैसों के प्रयोग से बड़े पैमाने पर जनहानि हुई।
निष्कर्ष:
इन नवाचारों से स्थानीय स्तर पर होने वाले युद्ध मशीनीकृत होने के साथ बड़े पैमाने के संघर्षों में बदल गए। इससे युद्ध के लिये नागरिक लक्ष्यीकरण एवं आर्थिक लामबंदी सहित नई चुनौतियों का उदय हुआ। इस प्रकार विश्व युद्धों से आधुनिक युद्ध की तकनीकी और रणनीतिक जटिलताओं का आधार तैयार हुआ।