वैकल्पिक विषय – समाजशास्त्र | 28 Nov 2021

प्रश्न पत्र-1

समाजशास्त्र के मूलभूत सिद्धांत

  • समाजशास्त्र: विद्याशाखा
    (क) यूरोप में आधुनिकता एवं सामाजिक परिवर्तन तथा समाजशास्त्र का अविर्भाव।
    (ख) समाजशास्त्र का विषय क्षेत्र एवं अन्य सामाजिक विज्ञानों से इसकी तुलना।
    (ग) समाजशास्त्र एवं सामान्य बोध।
  • समाजशास्त्र विज्ञान के रूप में:
    (क) विज्ञान, वैज्ञानिक पद्धति एवं समीक्षा
    (ख) अनुसंधान क्रिया विधि के प्रमुख सैद्धांतिक तत्त्व
    (ग) प्रत्यक्षवाद एवं इसकी समीक्षा
    (घ) तथ्य, मूल्य एवं उद्देश्यपरकता
    (ङ) अप्रत्यक्षवादी क्रियाविधियाँ
  • अनुसंधान पद्धतियाँ एवं विश्लेषण: 
    (क) गुणात्मक एवं मात्रात्मक पद्धतियाँ
    (ख) दत्त संग्रहण की तकनीक
    (ग) परिवर्त, प्रतिचयन, प्राक्कल्पना, विश्वसनीयता एवं वैधता
  • समाजशास्त्री चिंतक:
    (क) कार्ल मार्क्स-ऐतिहासिक भौतिकवाद, उत्पादन विधि, वि-संबंधन, वर्ग संघर्ष।
    (ख) इमाईल दुखीम- श्रम विभाजन, सामाजिक तथ्य, आत्महत्या, धर्म एवं समाज।
    (ग) मैक्स वेबर- सामाजिक क्रिया, आदर्श प्रारूप, सत्ता, अधिकारीतंत्र, प्रोटेस्टेंट नीतिशास्त्र और पूंजीवाद की भावना। 
    (घ) तालकॉट पार्सन्स- सामाजिक व्यवस्था, प्रतिरूप परिवर्त।
    (ड.) राबर्ट के मर्टन- अव्यक्त तथा अभिव्यक्त प्रकार्य अनुरूपता एवं विसामान्यता संदर्भ समूह।
    (च) मीड- आत्म एवं तादात्म्य।
  • स्तरीकरण एवं गतिशीलता
    (क) संकल्पनाएँ- समानता, असमानता, अधिक्रम, अपवर्जन, गरीबी एवं वंचन।
    (ख) सामाजिक स्तरीकरण के सिद्धांत- संरचनात्मक प्रकार्यवादी सिद्धांत, मार्क्सवादी सिद्धांत वेबर का सिद्धांत।
    (ग) आयाम- वर्ग, स्थिति समूहों, लिंग, नृजातीयता एवं प्रजाति का सामाजिक स्तरीकरण।
    (घ) सामाजिक गतिशीलता- खुली एवं बंद व्यवस्थाएँ गतिशीलता के प्रकार, गतिशीलता के स्रोत एवं कारण।
  • कार्य एवं आर्थिक जीवन
    (क) विभिन्न प्रकार के समाजों में कार्य का सामाजिक संगठन- दास समाज सामंती समाज, औद्योगिक/पूंजीवादी समाज।
    (ख) कार्य का औपचारिक एवं अनौपचारिक संगठन।
    (ग) श्रम एवं समाज।
  • राजनीति एवं समाज
    (क) सत्ता के समाजशास्त्रीय सिद्धांत।
    (ख) सत्ता प्रव्रजन अधिकारीतंत्र, दबाव समूह, राजनैतिक दल।
    (ग) राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, लोकतंत्र, सिविल समाज, विचारधारा।
    (घ) विरोध, आंदोलन, सामाजिक आंदोलन, सामूहिक क्रिया, क्रांति।
  • धर्म एवं समाज
    (क) धर्म के समाजशास्त्रीय सिद्धांत।
    (ख) धार्मिक क्रम के प्रकार- जीववाद, एकतत्त्ववाद बहुतत्त्ववाद, पंथ, उपासना, पद्धतियाँ।
    (ग) आधुनिक समाज में धर्म धर्म एवं विज्ञान, धर्म निरपेक्षीकरण, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद, मूलतत्त्ववाद।
  • नातेदारी की व्यवस्थाएँ: 
    (क) परिवार, गृहस्थी, विवाह
    (ख) परिवार के प्रकार एवं रूप
    (ग) वंश एवं वंशानुक्रम
    (घ) पितृतंत्र एवं श्रम का लिंगाधारिक विभाजन
    (ङ) समसामयिक प्रवृत्तियाँ
  • आधुनिक समाज में सामाजिक परिवर्तन :
    (क) सामाजिक परिवर्तन के समाजशास्त्रीय सिद्धांत
    (ख) विकास एवं पराश्रितता
    (ग) सामाजिक परिवर्तन के कारक
    (घ) शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन
    (ङ) विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक परिवर्तन

प्रश्न पत्र 2

भारतीय समाज : संरचना एवं परिवर्तन 

1. भारतीय समाज का परिचय:

  • भारतीय समाज के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य
    (क) भारतीय विद्या (जी एस धुर्ये)
    (ख) संरचनात्मक प्रकार्यवाद (एम. एन. श्रीनिवास)
    (ग) मार्क्सवादी समाजशास्त्र (ए.आर. देसाई)
  • भारतीय समाज पर औपनिवेशिक शासन का प्रभाव
    (क) भारतीय राष्ट्रवाद की सामाजिक पृष्ठभूमि
    (ख) भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण
    (ग) औपनिवेशिककाल के दौरान विरोध एवं आंदोलन
    (घ) सामाजिक सुधार

2. सामाजिक संरचना:

  • ग्रामीण एवं कृषिक सामाजिक संरचना
    (क) भारतीय ग्राम का विचार एवं ग्राम अध्ययन।
    (ख) कृषिक सामाजिक संरचना- पट्टेदारी प्रणाली का विकास, भूमिसुधार।
  • जाति व्यवस्था
    (क) जाति व्यवस्था के अध्ययन के परिप्रेक्ष्य (जीएस धुर्ये, एम.एन. श्रीनिवास, लुईदयूमां, आंद्रे बेतेय)
    (ख) जाति व्यवस्था के अभिलक्षण 
    (ग) अस्पृश्यता-रूप एवं परिप्रेक्ष्य
  • भारत में जनजातीय समुदाय
    (क) परिभाषीय समस्याएँ
    (ख) भौगोलिक विस्तार
    (ग) औपनिवेशिक नीतियाँ एवं जनजातियाँ
    (घ) एकीकरण एवं स्वायत्ता के मुद्दे
  • भारत में सामाजिक वर्ग
    (क) कृषिक वर्ग संरचना
    (ख) औद्योगिक वर्ग संरचना
    (ग) भारत में मध्यम वर्ग
  • भारत में नातेदारी की व्यवस्थाएँ
    (क) भारत में वंश एवं वंशानुक्रम
    (ख) नातेदारी व्यवस्थाओं के प्रकार
    (ग) भारत में परिवार एवं विवाह
    (घ) परिवार घरेलू आयाम
    (ङ) पितृतंत्र, हकदारी एवं श्रम का लिंगाधारित विभाजन
  • धर्म एवं समाज:
    (क) भारत में धार्मिक समुदाय
    (ख) धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्याएँ

3. भारत में सामाजिक परिवर्तन :

  • भारत में सामाजिक परिवर्तन की दृष्टियाँ
    (क) विकास आयोजना एवं मिश्रित अर्थव्यवस्था का विचार
    (ख) संविधान विधि एवं सामाजिक परिवर्तन
    (ग) शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन
  • भारत में ग्रामीण एवं कृषिक रूपांतरण
    (क) ग्रामीण विकास कार्यक्रम, समुदाय विकास कार्यक्रम, सहकारी संस्थाएँ, गरीबी उन्मूलन योजनाएँ
    (ख) हरित क्रांति एवं सामाजिक परिवर्तन
    (ग) भारतीय कृषि में उत्पादन की बदलती विधियाँ
    (घ) ग्रामीण मज़दूर, बंधुआ एवं प्रवासन की समस्याएँ
  • भारत में औद्योगिकीकरण एवं नगरीकरण
    (क) भारत में आधुनिक उद्योग का विकास
    (ख) भारत में नगरीय बस्तियों की वृद्धि
    (ग) श्रमिक वर्ग: संरचना, वृद्धि, वर्ग संघटन
    (घ) अनौपचारिक क्षेत्रक, बालश्रमिक
    (ङ) नगरी क्षेत्र में गंदी बस्ती एवं वंचन
  • राजनीति एवं समाज
    (क) राष्ट्र लोकतंत्र एवं नागरिकता
    (ख) राजनैतिक दल, दबाव समूह, सामाजिक एवं राजनैतिक प्रव्रजन 
    (ग) क्षेत्रीयतावाद एवं सत्ता का विकेंद्रीकरण
    (घ) धर्म निरपेक्षीकरण
  • आधुनिक भारत में सामाजिक आंदोलन
    (क) कृषक एवं किसान आंदोलन
    (ख) महिला आंदोलन
    (ग) पिछड़ा वर्ग एवं दलित वर्ग आंदोलन
  • जनसंख्या गतिकी
    (क) जनसंख्या आकार, वृद्धि संघटन एवं वितरण
    (ख) जनसंख्या वृद्धि के घटक जन्म, मृत्यु, प्रवासन
    (ग) जनसंख्या नीति एवं परिवार नियोजन 
    (घ) उभरते हुए मुद्दे: काल प्रभावन, लिंग अनुपात, बाल एवं शिशु मृत्यु दर, जनन स्वास्थ्य।
  • सामाजिक रूपांतरण की चुनौतियाँ
    (क) विकास का संकट: विस्थापन, पर्यावरणीय समस्याएं एवं संपोषणीयता
    (ख) गरीबी, वंचन एवं असमानताएं
    (ग) स्त्रियों के प्रति हिंसा
    (घ) जाति द्वंद्व
    (ङ) नृजातीय द्वंद्व, सांप्रदायिकता, धार्मिक पुनः प्रवर्तनवाद 
    (च) असाक्षरता तथा शिक्षा में समानताएँ