भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की सफलता के मार्ग में आने वाली प्रमुख बाधाएँ कौन-कौन सी हैं? उल्लेख करें।
                  
                      उत्तर :
                      भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, रोजगार सृजन करने, समावेशी विकास सुनिश्चित करने तथा अर्थव्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभा पाने की क्षमता के कारण अत्यंत महत्त्वपूर्ण उद्योग है। लेकिन इस उद्योग की सफलता के मार्ग में अनेक बाधाएँ उपस्थित हैं, जिनका निराकरण करना आवश्यक है-
- भारत में महत्त्वपूर्ण अवसंरचनाओं की अपर्याप्तता इस उद्योग के मार्ग में प्रमुख बाधा है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग कुल सड़कों का केवल 2 प्रतिशत है तथा वे अति भारित हैं। भारत में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की कमी है। शीत भंडार एवं वेयर हाउस की संख्या एवं क्षमता अपर्याप्त है।
 
- खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक व्यापक राष्ट्रीय नीति का अभाव है। वर्तमान में यह उद्योग विभिन्न राज्य स्तरीय एवं केंद्रीय कानूनों से शासित होता है, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
 
- भारत में खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये प्रयोगशालाओं की कमी है। एवं उनके पास पर्याप्त आधुनिक उपकरण भी नहीं हैं। जाँच मानकों में एकरूपता का अभाव है, जिससे जाँच परिणामों में विरोधाभास देखने को मिलता है।
 
-  प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी के कारण आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग नहीं हो पाता तथा पुरानी तकनीकों का प्रयोग होता है।
 
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में अनुसंधान एवं विकास की कमी है जिस कारण खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नवाचार नहीं हो पाता।
 
- राज्य स्तरीय APMC (Agriculture Produce Market Committee) कानूनों के कारण इस उद्योग को सही गुणवत्ता का कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में सही समय पर नहीं मिल पाता।
 
उपर्युक्त बाधाएँ भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के मार्ग में रुकावट हैं। अत्यंत संभावनाशील उद्योग है जो न केवल कृषि क्षेत्र के विकास में सहायक होगा, बल्कि किसान की आय में पर्याप्त वृद्धि करने में मददगार साबित होगा। अतः समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिये इस उद्योग के समक्ष आने वाली इन बाधाओं को दूर करना चाहिये।