• प्रश्न :

    लघु वित्त बैंकों के गठन के उद्देश्य और उनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालें। इनकी क्या सीमाएँ हैं ? ये भुगतान बैंकों से किस प्रकार भिन्न हैं ?

    09 Sep, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा –

    • लघु वित्त बैंक क्या होते हैं, समझाएँ।
    • इनके गठन के उद्देश्य लिखें।
    • लघु वित्त बैंक की विशेषताओं को लिखें।
    • इन बैंकों की सीमाओं का उल्लेख करें।
    • इनकी भुगतान बैंकों से भिन्नता को समझाएँ।

    लघु वित्त बैंक आबादी के एक निश्चित जनसांख्यिकीय हिस्से और उससे संबंधित आवश्यकताओं पर केंद्रित बैंक होते हैं। ये बैंक कमज़ोर वर्ग के लोगों के मध्य ऋण देने की गतिविधि को संपादित करते हैं।

    गठन के उद्देश्य-

    • बैंकिंग प्रणाली के दायरे के अंतर्गत गैर-बैंकिंग संस्थाओं को लाना।
    • गैर-बैंकिंग क्षेत्रों में बैंकिंग संबंधी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना। 
    • देश में बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों तक बैंकिंग-उत्पादों की पहुँच को सुनिश्चित करना।
    • छोटे व सीमांत किसानों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों एवं अन्य संगठित क्षेत्रों की संस्थाओं आदि को बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना।

    लघु वित्त बैंकों की विशेषताएँ-

    • इनकी न्यूनतम भुगतानगत पूंजी लगभग 100 करोड़ के आस-पास है।
    • ये मुख्य रूप से कृषि विकास तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों आदि से जमा राशि स्वीकार करने तथा उन्हें ऋण देने में सक्षम हैं।
    • ये पूर्ण बैंक के रूप में भी परिवर्तित हो सकते हैं।
    • लघु वित्त बैंक पेंशन, म्यूचुअल फंड व बीमा आदि की बिक्री कर सकने में सक्षम हैं।

    लघु वित्त बैंक की सीमाएँ-

    • ये बड़ी कंपनियों और समूहों को ऋण नहीं दे सकते।
    • रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पहले पाँच वर्षों के अनुमोदन के पूर्व अपनी शाखाएँ नहीं खोल सकते।
    • ये किसी भी अन्य बैंक के साथ व्यवसायगत संपर्क नहीं रख सकते हैं। 
    • ये गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं की गतिविधियों के लिये सहायक कंपनियों की स्थापना नहीं कर सकते।

    भुगतान बैंकों से इनकी भिन्नताएँ-

    • भुगतान बैंकों में जहाँ 75% तक का डिपोजिट सरकारी बॉण्डों में होता है, वहीं लघु वित्त बैंकों में इतनी ही मात्रा की जमा राशि प्राथमिक क्षेत्रों के लिये होती है।
    • भुगतान बैंकों में लगभग 25% तक की जमा राशि अन्य बैंकों के लिये, वहीं लघु बैंकों में यही 25% तक की जमा राशि गैर-बैंकिंग क्षेत्रों में खोली गईं लघु वित्त बैंक की शाखाओं के लिये होती है। 
    • भुगतान बैंकों के पास लोन देने की क्षमता नहीं होती, जबकि लघु वित्त बैंक लोन दे सकते हैं।
    • भुगतान बैंकों के द्वारा सिर्फ एक लाख रुपए तक की राशि को स्वीकार किया जा सकता है, जबकि लघु वित्त बैंकों को जमा राशि स्वीकार करने की कोई सीमा तय नहीं की गई है।