• प्रश्न :

    किसानों के लिये शुरू की गई ब्याज सहायता योजना पर प्रकाश डालते हुए इसकी प्रभाविता पर विचार करें?

    07 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • ब्याज सहायता योजना के मुख्य प्रावधानों पर विचार करें।
    • बताएँ कि यह योजना कितनी प्रभावी हो सकती है।

    कृषि क्षेत्र में वित्तीय प्रवाह को बढ़ाने के लिये तथा किसानों  पर ब्याज के बोझ को कम कर उन्हें समय पर ऋण भुगतान हेतु प्रेरित करने के लिये  2006- 2007 में ब्याज सहायता योजना  लाई गई थी। इससे संबंधित महत्त्वपूर्ण बातों को निम्नलिखित रुपों में देखा जा सकता है-

    • ब्याज सहायता योजना का क्रियान्वयन नाबार्ड तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाएगा। यह सहायता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, गैर सरकारी बैंक, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपनी अपनी निधियों का प्रयोग किए जाने पर  तथा नाबार्ड को  को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को पुनः वित्तपोषण किए जाने पर प्रदान की जाएगी। 
    • इस योजना के तहत किसान 7% ब्याज की दर पर ₹300000 तक रियायती फसल ऋण का लाभ उठा सकते हैं। इसमें अग्रिम धनराशि लिये जाने के 1 वर्ष के भीतर तत्काल भुगतान किए जाने पर अतिरिक्त 3% की सहायता का प्रावधान भी है । इस प्रकार वर्तमान की स्थिति में किसानों को प्रभावी रूप से ब्याज के रूप में 4% ही अदा करना होगा 
    • किसानों की ऋण संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु 2017-18 में  इस योजना के तहत लगभग  20339 करोड़ रुपए प्रदान करने की बात की गई है।
    • ऐसे लघु और सीमांत किसान  जिन्हें  उत्पादन पश्चात फसल भंडारण के लिये  ऋण लेना पड़ता है उन्हें राहत देने के लिये सरकार ने फसल काटने के छह माह तक ऋण पर 2% की ब्याज सहायताप्रदान करने के प्रावधान किए हैं।
    • प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान करने के लिये पुनः संरचित धनराशि पर प्रथम वर्ष में बैंकों को 2% की ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी।
    • समय पर लघु अवधि कृषि ऋण का भुगतान नहीं करने पर किसानों को केवल 2% का ब्याज लाभ प्राप्त होगा।

    इस योजना से किसान ट्रेनिंग लेने के लिये प्रेरित होंगे जिससे देश में कृषि तथा उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा अपेक्षाकृत कम दर से ऋण प्राप्त होने के कारण किसान महाजनों के स्थान पर सरकारी बैंकों से ऋण लेंगे इससे महाजनों द्वारा किसानों से मनचाही ब्याज दर वसूल करने की घटना में कमी आएगी वहीं समयबद्ध तरीके से ऋण तथा ब्याज का भुगतान करने पर ब्याज में छूट के प्रावधान से किसान समय पर भुगतान करने के लिये प्रेरित होंगे इससे बैंकिंग  व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। साथ ही भंडारण के लिये ब्याज सहायता उपलब्ध करवाने से फसलों की भंडारण की समस्या का भी समाधान हो पाएगा। 

    किंतु इस योजना की प्रभाविता के लिये आवश्यक है कि किसान योजना के प्रति जागरुक हो तथा बैंक सरलता के साथ उन्हें ऋण प्रदान कर सकें। इसके अलावा जमीनी स्तर पर बैंक कर्मचारियों के व्यवहार  को भी किसानों के अनुकूल बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि किसान आसानी से बैंकों के साथ जुड़ पाए।