• प्रश्न :

    क्या डिजिटल इंडिया अभियान ,एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज को विकसित करने के साथ-साथ सरकारी विभागों और भारत के नागरिकों को डिजिटल रूप से एकीकृत करने में सक्षम है ? चर्चा करें।

    10 May, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • डिजिटल इंडिया अभियान क्या है और उद्देश्य ।
    • ये उद्देश्य किस सीमा तक सरकारी विभागों तथा भारत के नागरिकों को डिजिटल रूप से एकीकृत करने में सक्षम हैं।

    डिजिटल इंडिया अभियान भारत के समाज को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की एक पहल है। 1 जुलाई, 2015 को आरंभ किये गए इस अभियान के तहत नागरिकों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने, सरकारी सेवाओं को डिजिटल माध्यमों से जनता तक पहुँचाने, सूचना तकनीक और दूरसंचार के क्षेत्र में व्यापक आधारभूत ढाँचे का विकास करने तथा विभिन्न विभागों व मंत्रालयों की डिजिटल सेवाओं को आपस में जोड़ने पर बल दिया जा रहा है। इसको भारत की राजनैतिक-सामाजिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ देश की जनता को ज्ञान आधारित भविष्य की ओर ले जाने के महत्त्वाकांक्षी प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

    डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों में देश में व्यापक स्तर पर आधारभूत डिजिटल सेवाओं का विकास, जनता को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सरकारी सेवाएँ तथा प्रशासनिक सुविधाएँ हर समय उपलब्ध कराना (ऑन डिमांड सुविधाएँ) और भारतीय नागरिकों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम और सबल बनाना शामिल है। इसके माध्यम से देश की 1.2 अरब जनसंख्या को ई-प्रशासन, ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा और ई-बैंकिग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराकर सरकार को नागरिकों के प्रति और प्रतिबद्ध करने पर बल दिया जाएगा।

    डिजिटल इंडिया के तहत विकास के नौ स्तंभ चिह्नित किये गए हैं, जिनमें ब्रॉडबैंड हाइवेज, सर्वत्र उपलब्ध मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट के सार्वजनिक प्रयोग की सहज सुविधा, ई-प्रशासन, ई-क्रांति, सबके लिये सूचना, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, रोजगार के लिये सूचना प्रौद्योगिकी तथा अर्ली हार्वेस्ट आदि कार्यक्रम शामिल हैं।

    • इन कार्यक्रमों से समाज का एकीकरण होगा तथा सरकार और नागरिकों के बीच संबंध और मजबूत होंगे, परंतु इस मार्ग में कई चुनौतियाँ हैं।
    • इन चुनौतियों के अंतर्गत इस विशाल परियोजना के लिये निर्धारित कम समय (2019), अनुकूल माहौल, परिस्थितियाँ, मानसिकता और आधारभूत ढाँचे का विकास, जैसे- बिजली की कमी को दूर करना, दूरसंचार टावरों और इंटरनेट ढाँचे, दूरसंचार स्पेक्ट्रम की कमी को दूर करना, सरकारी दस्तावेजें और सेवाओं का डिजिटलीकरण करना, सरकारी प्रक्रियाओं का सरलीकरण, लालफीताशाही आदि प्रमुख हैं।
    • इन चुनौतियों से निपटकर एस्तोनिया, स्वीडन एवं डेनमार्क जैसे देशों के मॉडल से सीख लेकर भारत डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर सकते हैं।