• प्रश्न :

    डिजिटल क्रांति क्या है? इस क्षेत्र की चुनौतियों तथा इनसे निपटने के प्रयासों की स्पष्ट चर्चा कीजिये।

    13 Jun, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    प्रश्न-विच्छेद

    • डिजिटल क्रांति को बताना है।
    • इस क्षेत्र की चुनौतियों तथा इनसे निपटने के प्रयासों की स्पष्ट चर्चा करनी है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    • प्रभावी भूमिका लेखन के साथ डिजिटल क्रांति को बताएँ।
    • तार्किक एवं संतुलित विषय-वस्तु में इसकी चुनौतियों तथा इनसे निपटने के प्रयासों की चर्चा करें।
    • प्रश्नानुसार संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें।

    प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से डिजिटल पहलों, जैसे— इलेक्ट्रॉनिक भुगतान, ई-स्वास्थ्य, डिजिटल साक्षरता और वित्तीय समावेशन में वृद्धि डिजिटल क्रांति है। इसके माध्यम से भारत के आर्थिक-सामाजिक-राजनैतिक क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाया गया है।

    भारत एक ऐसा देश है जिसने प्रौद्योगिकी विकास की दिशा में कठिन समय और बाधाओं के बावजूद भी अपना रास्ता कभी धीरे तो कभी त्वरित गति से कुशलतापूर्वक तय किया है। 2014 से डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और स्मार्ट सिटीज जैसे अनेक नीतिगत उपायों की शुरुआत की गई है। यद्यपि भारत में डिजिटल क्रांति की शुरुआत 4 साल पहले की गई तथा सरकार ने इस दिशा में कुछ लक्ष्य निर्धारित किये थे जिनके साथ-साथ चुनौतियाँ भी विद्यमान हैं। इनमें—

    • ब्रॉडबैंड हाईवे के अंतर्गत नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार,
    • सबके पास फोन की उपलब्धता जिसके लिये तकनीकी और तैयारी की अपर्याप्तता,
    • पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम के लिये आवश्यक प्रशिक्षण का अभाव,
    • ई-गवर्नेंस के बारे में लोगों में पर्याप्त जानकारी न होना तथा इसका पूर्ण रूप से उपयोग न होना,
    • सूचनाओं तक लोगों की पहुँच न होने से इंफॉर्मेशन फॉर ऑल कार्यक्रम की विफलता,
    • ई-क्रांति की सफलता के लिये पर्याप्त अवसंरचनात्मक ढाँचे का न होना,
    • इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के क्षेत्र में कल-पुर्जों के आयात का शून्य होना, साथ ही घरेलू उत्पादन का बहुत सीमित होना आदि मुख्य हैं।

    उपर्युक्त चुनौतियों से निपटने के लिये सरकार को सार्वजनिक और निजी भागीदारी से तकनीकी विकास को बढ़ाना होगा, साथ ही अवसंरचनात्मक ढाँचे का निर्माण करना होगा। डिजिटलीकरण की दिशा में चलाए जा रहे कार्यक्रमों तथा योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के साथ ही इसमें जनभागीदारी को बढ़ाना होगा तथा लोगों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने के साथ-साथ उनके लिये इसके पर्याप्त प्रशिक्षण की आवश्यकता को भी पूरा करना होगा। तभी डिजिटल क्रांति अपने वास्तविक रूप में सार्थक सिद्ध होगी और भारत में वास्तव में डिजिटल युग का सूत्रपात होगा।