• प्रश्न :

    आप एक बाढ़–प्रभावित ज़िले के उप-मण्डलीय दण्डाधिकारी (SDM) हैं। हाल ही में आयी बाढ़ के कारण हज़ारों लोग विस्थापित हो गये हैं। राज्य सरकार ने आपातकालीन राहत कोष भेजा है, जो आवश्यकतानुसार की तुलना में काफी कम है। आपको निर्देश दिया गया है कि इस कोष का वितरण “आपातकाल एवं संवेदनशीलता के आधार पर” कीजिये
    किंतु आपके समक्ष निम्नलिखित परिस्थिति है:
    ग्राम A राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है। स्थानीय विधायक आप पर दबाव डालते हैं कि राहत कोष का बड़ा हिस्सा वहाँ आवंटित किया जाए। वे संकेत करते हैं कि “भविष्य का सहयोग” आपके निर्णय पर निर्भर करेगा।
    ग्राम B अत्यधिक रूप से प्रभावित है, परंतु वहाँ सड़क संपर्क अत्यंत कमज़ोर है। वहाँ राहत पहुँचाने में अतिरिक्त समय एवं संसाधन लगेंगे।
    ग्राम C में जनहानि अपेक्षाकृत कम है, परंतु वहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर रहते हैं, जिनके पास आधिकारिक राहत वितरण के लिये आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं।
    आपका क्षेत्रीय स्टाफ निजी तौर पर यह सुझाव देता है कि आप लॉजिस्टिक्स (वाहन, ईंधन, भोजन आदि) के लिये कुछ धनराशि कोष से ही निकाल लें। आधिकारिक दिशा-निर्देश ऐसा करने की अनुमति नहीं देते, परंतु इन व्ययों के बिना दूरदराज़ क्षेत्रों में राहत पहुँचने में विलंब होगा।
    मीडिया यह रिपोर्ट कर रहा है कि प्रशासन “धीमा और लापरवाह” है, जिससे आप पर अतिरिक्त दबाव बढ़ रहा है।
    आपको सीमित संसाधनों का निष्पक्ष, कुशल तथा नैतिक तरीके से उपयोग करते हुए इस राहत को आवंटित करना है, साथ ही राजनीतिक दबाव, प्रशासनिक सीमाओं और मानवीय सरोकारों के बीच संतुलन भी बनाए रखना है।
    प्रश्न:
    प्रश्न 1. इस स्थिति में निहित प्रमुख नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिये।
    प्रश्न 2. SDM के रूप में आपके पास उपलब्ध विकल्पों का उल्लेख कीजिये तथा प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन नैतिक सिद्धांतों के आलोक में कीजिये।
    प्रश्न 3. आपका अंतिम कार्यपथ क्या होगा? अपने निर्णय को उपयुक्त तर्कों, नैतिक सिद्धांतों तथा लोकसेवा के मूल्यों का संदर्भ देते हुए न्यायोचित ठहराइये।

    05 Dec, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    प्रश्न का उत्तर जल्द ही प्रकाशित होगा।