आप मध्य भारत के एक खनिज-समृद्ध जनजातीय ज़िले में ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) के पद पर नियोजित हैं। यह ज़िला लौह अयस्क, बॉक्साइट और कोयले के महत्त्वपूर्ण भंडारों से समृद्ध है, जिससे यह खनन गतिविधियों का केंद्र बना है। हालाँकि, हाल के वर्षों में, अवैध खनन की गतिविधियाँ अनियंत्रित हो गई हैं, जिससे गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है जिसमें बिना अनुमति के वनोन्मूलन किया जा रहा है, पिच्छिल विसर्जन के कारण नदियाँ विषाक्त हो रही हैं और कृषि भूमि बंजर होती जा रही है।
स्थानीय समुदाय, विशेषकर जनजातीय समूह, अपनी आजीविका के लिये वनों और नदियों पर निर्भर हैं। अब उन्हें स्वच्छ जल, वनोपज और उपजाऊ मृदा का अभाव है, जिससे असंतोष जनित हो रहा है। नागरिक समाज संगठनों ने ऐसे मामलों का दस्तावेज़ीकरण किया है जहाँ महिलाओं और साथ ही नाबालिगों सहित श्रमिकों को उचित सुरक्षा उपकरणों के बिना असुरक्षित परिस्थितियों में कार्य करने के लिये विवश किया जाता है। बारंबार जनित होने वाली दुर्घटनाओं, श्वसन संबंधी रोगों और क्षति के लिये प्रतिकर के अभाव से मानवीय संकट और बढ़ गया है।
इसके साथ ही, खनन गतिविधियाँ इस क्षेत्र में रोज़गार और राजस्व सर्जक हैं। हज़ारों परिवार खनन से संबद्ध नौकरियों पर निर्भर हैं और खनन के आकस्मिक समापन से बेरोज़गारी और अशांति की संभावना हो सकती है। स्थानीय राजनेता, जिनमें से कुछ के इनमें प्रत्यक्ष व्यावसायिक हित हैं, आप पर खनन कंपनियों के प्रति उदारवादी रुख अपनाने का दबाव डालते हैं। खनन और पुलिस विभागों के कई अवर स्तर के अधिकारी कथित रूप से इसमें शामिल हैं और उल्लंघनों की अनदेखी करने के लिये रिश्वत लेते हैं।
गैर-सरकारी संगठनों की याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए, न्यायपालिका ने अब ज़िला प्रशासन को अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिये एक व्यापक योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मीडिया द्वारा प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए अभियान आयोजित किये जा रहे हैं, जिससे आपके कार्यालय पर सार्वजनिक दबाव बढ़ गया है। हालाँकि, सख्त कार्रवाई करने राजनीतिक विरोध, धमकियों और आर्थिक अव्यवस्था जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
A. इस मामले में शामिल प्रमुख नीतिपरक मुद्दों की पहचान कीजिये।
B. आप आर्थिक हितों, राजनीतिक दबावों और पर्यावरण संरक्षण एवं श्रम कल्याण के प्रति अपने कर्तव्य के बीच किस प्रकार संतुलन स्थापित करेंगे?
C. इस मामले में भ्रष्टाचार का निवारण करने के लिये प्रशासन में उत्तरदायित्व और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु आप क्या उपाय करेंगे?
D. उन नीतिपरक मूल्यों का उल्लेख कीजिये जो आपका मार्गदर्शन करेंगे। (250 शब्द)
29 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़एक खनिज-समृद्ध जनजातीय जिले के ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में मुझे एक नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह दुविधा पर्यावरण और आजीविका की सुरक्षा बनाम राजनैतिक एवं संस्थागत दबावों के बीच संतुलन बनाने की है। इस स्थिति में चुनौती पारिस्थितिक संवहनीयता, सामाजिक न्याय और आर्थिक आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाने के साथ-साथ विधि के शासन एवं प्रशासनिक विश्वसनीयता को बनाए रखने की है।
A. शामिल नैतिक मुद्दे
B. आर्थिक हितों, राजनीतिक दबावों और कर्त्तव्यों में संतुलन
C. उत्तरदायित्व और पारदर्शिता सुनिश्चित करना
D. कार्रवाई का मार्गदर्शन करने वाले नैतिक मूल्य:
जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा है, “पृथ्वी हर व्यक्ति की आवश्यकता पूरी करने में सक्षम है, लेकिन हर व्यक्ति के लालच को पूरा करने में नहीं।”
अतः अवैध खनन पर नियंत्रण केवल प्रशासनिक आवश्यकता ही नहीं बल्कि नैतिक अनिवार्यता भी है, ताकि विकास एवं संवहनीयता में संतुलन स्थापित हो, जनजातीय समुदाय की आजीविका सुरक्षित हो तथा भावी पीढ़ियों के लिये न्याय सुनिश्चित हो।