• प्रश्न :

    प्रश्न. "लोक प्रशासन में नैतिकता व्यक्तिगत सद्गुण, व्यावसायिक निष्ठा और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रतिच्छेदन पर कार्य करती है।" चर्चा कीजिए। लोक प्रशासन में नैतिकता व्यक्तिगत सद्गुण, पेशेवर सत्यनिष्ठा तथा सामाजिक उत्तरदायित्व, इन तीनों के अंतर्संबंधों पर कार्य करती है। विवेचना कीजिये। (150 शब्द)

    14 Aug, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • लोक प्रशासन में नैतिकता को परिभाषित कीजिये।
    • तीन आयामों— व्यक्तिगत सद्गुण, पेशेवर सत्यनिष्ठा और सामाजिक उत्तरदायित्व की व्याख्या कीजिये।
    • इन तीनों के अंतर्संबंधों को दर्शाइये तथा यह भी चर्चा कीजिये कि वे शासन एवं सेवा वितरण को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
    • भारतीय प्रशासनिक प्रथाओं, नीतियों या केस स्टडीज़ के उदाहरणों के साथ विवेचना कीजिये।
    • आधुनिक लोक प्रशासन के लिये प्रासंगिकता के साथ उचित निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    लोक प्रशासन में नैतिकता लोक सेवकों के व्यवहार, निर्णयों और शासन का मार्गदर्शन करती है। यह व्यक्तिगत सद्गुण, पेशेवर सत्यनिष्ठा और सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्संबंध पर कार्य करती है तथा लोकतांत्रिक शासन में उत्तरदायित्व, विश्वास एवं वैधता सुनिश्चित करती है।

    मुख्य भाग:

    व्यक्तिगत सद्गुण

    • व्यक्तिगत सद्गुण नैतिक लोक सेवा का आधार बनता है।
    • इसमें सत्यनिष्ठा, साहस, सहानुभूति और आत्म-अनुशासन जैसे गुण शामिल हैं।
    • व्यक्तिगत नैतिकता दिन-प्रतिदिन के निर्णय लेने को आकार देती है तथा संगठनात्मक व्यवहार का आधार निर्धारित करती है।
      • उदाहरण के लिये, रिश्वत लेने से इनकार करने वाला या राजनीतिक दबाव का विरोध करने वाला अधिकारी व्यक्तिगत सत्यनिष्ठा प्रदर्शित करता है, जो सहकर्मियों को प्रभावित करता है तथा एक नैतिक संगठनात्मक संस्कृति को बढ़ावा देता है।
    • व्यक्तिगत सद्गुण के बिना, अन्य नैतिक आयाम कमज़ोर पड़ सकते हैं, जिससे शासन में समझौता हो सकता है।

    पेशेवर सत्यनिष्ठा

    • नियमों का पालन, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और निष्पक्षता शामिल है।
    • दबाव में वस्तुनिष्ठ निर्णय लेने और प्रक्रियात्मक औचित्य सुनिश्चित करता है।
      • उदाहरण: सूचना का अधिकार (RTI) का कार्यान्वयन पारदर्शिता और नागरिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है।
    • व्यक्तिगत नैतिकता को सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ता है, जिससे निष्पक्ष प्रशासन सुनिश्चित होता है।

    सामाजिक उत्तरदायित्व

    • नैतिकता का विस्तार जनहित, सामाजिक न्याय और सीमांत समूहों की सेवा तक होता है।
    • इसके लिये समान नीति कार्यान्वयन और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण की आवश्यकता होती है।
      • उदाहरण: MGNREGA ग्रामीण आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करता है और सामाजिक उत्तरदायित्व को दर्शाता है।
    • इस आयाम के बिना नैतिक आचरण प्रतीकात्मक या स्वार्थ-साधन बन सकता है।

    अंतर्संबंध

    • व्यक्तिगत सद्गुण पेशेवर सत्यनिष्ठा को आधार प्रदान करता है, जो सामाजिक उत्तरदायित्व को सक्षम बनाता है।
    • किसी भी आयाम में कमज़ोरी नैतिक शासन को कमज़ोर कर सकती है।
    • उदाहरण: व्यक्तिगत स्तर पर भ्रष्टाचार से जनता का विश्वास कम हो जाता है तथा यह सामाजिक कार्यक्रमों के प्रभाव को कम करता है।

    निष्कर्ष:

    लोक प्रशासन में नैतिकता के लिये एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जिसमें व्यक्तिगत सद्गुण, व्यावसायिक निष्ठा और सामाजिक उत्तरदायित्व का समावेश हो। अरस्तू के सद्गुण नीतिशास्त्र के मार्गदर्शन में, जहाँ अधिकारी सद्गुण, साहस और व्यावहारिक ज्ञान का विकास करते हैं तथा लोकसेवा की नैतिकता जैसे: निष्ठा, निष्पक्षता व उत्तरदायित्व को अपनाते हैं, तब शासन पारदर्शी, नागरिक-केंद्रित एवं न्यायसंगत बनता है।