प्रश्न :
आप एक बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के विनिर्माण इकाई (मैन्युफैक्चरिंग यूनिट) में महाप्रबंधक (General Manager) के पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में प्रबंधन और मज़दूर संघ (Workers’ Union) के बीच तनाव बढ़ गया है। यूनियन ने वेतन वृद्धि, बेहतर सुरक्षा मानकों और संविदा कर्मचारियों के स्थायी समायोजन की माँगें उठाई हैं।
हालाँकि उनकी कुछ माँगें श्रम कल्याण मानदंडों के अनुरूप और न्यायसंगत हैं, जबकि कुछ माँगों से कंपनी की वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसी बीच, आपको पता चलता है कि कुछ प्रभावशाली यूनियन नेता कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिये उकसा रहे हैं, जबकि वार्ता की प्रक्रिया अब भी जारी है।
इसी दौरान, कुछ कनिष्ठ कर्मचारी आपसे गोपनीय रूप से मिलते हैं और चिंता प्रकट करते हैं कि यूनियन की आक्रामक रणनीति से उनके कॅरियर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और इससे फैक्टरी का लंबे समय तक बंद रहना भी संभव है। साथ ही, मंत्रालय की ओर से भी यह दबाव है कि उत्पादन में कोई बाधा न आये क्योंकि यह इकाई राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
इन्हीं परिस्थितियों में, एक वरिष्ठ यूनियन नेता आपसे गोपनीय रूप से सौदा करने का प्रस्ताव देता है, यदि आप कुछ निजी लाभ (जैसे: उसके संबंधियों को पदोन्नति में प्राथमिकता और उससे जुड़ी फर्मों को ठेके देना) सुनिश्चित करें, तो वह आंदोलन को शांत कराने में सहयोग देगा।
अब आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपें, जिसमें औद्योगिक शांति सुनिश्चित करने, श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने और किसी भी प्रकार के अनैतिक समझौते से बचने हेतु व्यावहारिक मार्ग सुझाये जायें।
प्रश्न. इस मामले में सम्मिलित नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये और उनकी विवेचना कीजिये।
प्रश्न. आप श्रमिक कल्याण को संगठनात्मक वहनीयता और जनहित के साथ किस प्रकार संतुलित करेंगे?
प्रश्न. आपको यूनियन नेता द्वारा दिये गए प्रस्ताव पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देनी चाहिये? निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये किन तंत्रों का उपयोग किया जाना चाहिये?
प्रश्न. ऐसी स्थिति में लोक प्रशासन के कौन-से नैतिक मूल्य और सिद्धांत आपके आचरण का मार्गदर्शन प्रदान करेंगे? (250 words)
01 Aug, 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- संदर्भ स्थापित करने के लिये स्थिति का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
- इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये तथा उनकी विवेचना कीजिये।
- श्रमिक कल्याण को संगठनात्मक स्थिरता और जनहित के साथ संतुलित करने के लिये एक बहुआयामी नैतिक रणनीति प्रस्तुत कीजिये।
- यूनियन नेता के प्रस्ताव पर नैतिक प्रतिक्रिया पर चर्चा कीजिये और पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व तंत्र का सुझाव दीजिये।
- लोक प्रशासन के उन नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों का उल्लेख कीजिये जो आपके आचरण का मार्गदर्शन करें।
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परिचय:
एक सार्वजनिक क्षेत्र की निर्माण इकाई का महाप्रबंधक होने के नाते मैं एक जटिल स्थिति का सामना कर रहा हूँ जिसमें श्रमिकों की कल्याण से जुड़ी उचित माँगों को लेकर असंतोष, एक वरिष्ठ यूनियन नेता की अनैतिक गतिविधियाँ, मंत्रालय की उत्पादन बनाए रखने की अपेक्षा तथा कनिष्ठ कर्मचारियों की दीर्घकालिक संघर्ष को लेकर चिंता शामिल है। इस स्थिति में मेरे समक्ष चुनौती यह है कि सभी पक्षों के हितों को नैतिक रूप से संतुलित रखते हुए औद्योगिक शांति सुनिश्चित करूँ।
मुख्य भाग:
A. इस मामले में सम्मिलित नैतिक मुद्दों का अभिनिर्धारण कीजिये और उनकी विवेचना कीजिये।
- हितों का टकराव और भ्रष्टाचार: यूनियन नेता द्वारा विरोध को कम करने के बदले व्यक्तिगत लाभ का प्रस्ताव लेन-देन की प्रवृत्ति दर्शाता है, जो निष्ठा और ईमानदारी जैसे लोक सेवा मूल्यों के विरुद्ध है।
- निष्पक्षता और समता: संविदा कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति और वेतन पुनरीक्षण की माँगों में न्यायसंगतता एवं वित्तीय विवेक के बीच संतुलन की चुनौती है।
- हितधारकों का दबाव: विभिन्न पक्षों—श्रमिक, कनिष्ठ कर्मचारी, प्रबंधन तथा मंत्रालय की परस्पर विरोधी अपेक्षाओं के बीच नैतिक निष्पक्षता बनाए रखना कठिन है।
- पारदर्शिता और विश्वास: यूनियन की आक्रामक रणनीति आपसी विश्वास को क्षीण करती है, वहीं कनिष्ठ कर्मचारियों की उपेक्षा ‘प्रतिनिधित्व’ के अभाव का संकेत है।
B. आप श्रमिक कल्याण को संगठनात्मक वहनीयता और जनहित के साथ किस प्रकार संतुलित करेंगे?
- मांगों का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन:
- मांगों का त्रि-स्तरीय मूल्यांकन:
- वैध और व्यवहार्य (जैसे: सुरक्षा मानकों में सुधार)।
- नैतिक रूप से मान्य लेकिन वित्तीय रूप से चुनौतीपूर्ण (जैसे: संविदा कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति)।
- अव्यवहारिक या असमान (जैसे: असंगत वेतन वृद्धि की माँग)।
- साथ ही, व्यय-लाभ विश्लेषण, उद्योग मानकों से तुलना और श्रम कानून विशेषज्ञों की सलाह आवश्यक होगी।
- पारदर्शी और समावेशी संवाद:
- संघ, कनिष्ठ कर्मचारी प्रतिनिधियों और प्रबंधन को शामिल करते हुए एक त्रिपक्षीय वार्ता तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।
- पारदर्शिता बनाए रखने के लिये वार्ता प्रक्रिया को रिकॉर्ड और मिनट्स में दर्ज करने की आवश्यकता है।
- वित्तीय अनुशासन के साथ श्रमिक कल्याण:
- व्यवहार्य मांगों (जैसे, क्रमिक वेतन संशोधन या कौशल-आधारित पदोन्नति) के चरणबद्ध कार्यान्वयन की संभावनाओं की तलाश की जानी चाहिये।
- दीर्घकालिक कल्याण— प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन और बेहतर कार्य परिस्थितियों (जो कर्मचारी कल्याण और उत्पादकता दोनों के साथ संरेखित हों) में निवेश किया जाना चाहिये।
- जनहित की रक्षा:
- स्वैच्छिक कार्यबल या वैकल्पिक व्यवस्थाओं का उपयोग करके राष्ट्रीय आपूर्ति प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये न्यूनतम परिचालन निरंतरता सुनिश्चित की जानी चाहिये।
- वार्ता जारी रहने तक हड़तालों को टालने के लिये अस्थायी समझौता ज्ञापन या मध्यस्थता का प्रस्ताव किया जाना चाहिये।
C.आपको यूनियन नेता द्वारा दिये गए प्रस्ताव पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देनी चाहिये? निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये किन तंत्रों का उपयोग किया जाना चाहिये?
- तत्काल अस्वीकृति: नैतिक आचरण के पालन और भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता पर ज़ोर देते हुए, प्रस्ताव को दृढ़ता से अस्वीकार करने की आवश्यकता है।
- प्रलेखन और रिपोर्टिंग: घटना को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने और आंतरिक सतर्कता विभाग एवं मंत्रालय को इसकी सूचना दी जानी चाहिये।
- अनुशासनात्मक जाँच कार्यवाही: कानून के शासन को बनाए रखने के लिये संबंधित यूनियन नेता के विरुद्ध उचित कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की माँग की जानी चाहिये।
पारदर्शिता और उत्तरदायित्व हेतु व्यवस्था:
- सभी श्रमिक श्रेणियों के प्रतिनिधित्व और एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक वाली एक शिकायत निवारण समिति का गठन आवश्यक है।
- जटिल मांगों के निष्पक्ष समाधान के लिये बाह्य मध्यस्थों या औद्योगिक न्यायाधिकरणों की सहायता ली जानी चाहिये।
- समझौतों, समय-सीमाओं और संसाधन आवंटन के ऑडिट ट्रेल्स का सार्वजनिक प्रकटीकरण अनिवार्य किया जाना चाहिये।
- वार्ता और कार्यान्वयन प्रगति पर रीयल-टाइम अपडेट के लिये डिजिटल डैशबोर्ड तैनात करना आवश्यक है।
D. ऐसी स्थिति में लोक प्रशासन के कौन-से नैतिक मूल्य और सिद्धांत आपके आचरण का मार्गदर्शन प्रदान करेंगे?
- निष्ठा: किसी भी ऐसे व्यक्तिगत लाभ को अस्वीकार किया जाना चाहिये, जो जनता के विश्वास से समझौता करता हो।
- निष्पक्षता: सभी हितधारकों—वरिष्ठ यूनियन नेताओं, कनिष्ठ कर्मचारियों, संविदा श्रमिकों के साथ निष्पक्षता से व्यवहार करना आवश्यक है।
- उत्तरदायित्व: सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि निर्णय लेने की प्रक्रिया उच्च अधिकारियों और जनता द्वारा जाँच के लिये खुली हो।
- सहानुभूति और जवाबदेही: विशेष रूप से कनिष्ठ और असुरक्षित कर्मचारियों की बात ध्यान से सुनना चाहिये।
- विधि का शासन: श्रम कानूनों, भ्रष्टाचार-विरोधी कार्यढाँचों और प्रशासनिक नैतिकता को बनाए रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष:
जैसा कि इमैनुएल कांट ने उचित ही कहा है— “केवल उसी सिद्धांत के अनुसार कार्य करें जिसके द्वारा आप यह इच्छा कर सकें कि वह एक सार्वभौमिक कानून बन जाए।”
यह कर्त्तव्य आधारित नैतिकता मेरी दिशा-निर्देशक होनी चाहिये, जिससे प्रत्येक निर्णय नैतिक, सार्वभौमिक रूप से मान्य एवं सत्यनिष्ठा पर आधारित हो।