• प्रश्न :

    प्रश्न. वस्तुनिष्ठता तटस्थता और निष्पक्षता से किस प्रकार भिन्न है? अपने उत्तर को लोक सेवा के उपयुक्त उदाहरणों से स्पष्ट कीजिये। (150 शब्द)

    19 Jun, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • लोक सेवा में वस्तुनिष्ठता, तटस्थता और निष्पक्षता की आवश्यकता को उचित ठहराते हुए एक प्रासंगिक उद्धरण के साथ उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
    • उपयुक्त उदाहरणों के साथ वस्तुनिष्ठता, तटस्थता और निष्पक्षता का संक्षिप्त विवरण दीजिये और उनके अंतरों पर गहन विचार प्रस्तुत कीजिये।
    • किसी प्रासंगिक नैतिक सिद्धांत के साथ उचित निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय

    "न्याय केवल एक पक्ष के लिये नहीं हो सकता, बल्कि दोनों के लिये होना चाहिये।"

    एलेनॉर रूज़वेल्ट का यह कथन लोक सेवा में वस्तुनिष्ठता, तटस्थता और निष्पक्षता के मूल भाव को अभिव्यक्त करता है।

    हालाँकि ये सिद्धांत प्रायः समानार्थी रूप में प्रयुक्त होते हैं, फिर भी इनमें अंतर है। ये सभी मिलकर निर्णय प्रक्रिया में न्याय और ईमानदारी सुनिश्चित करते हैं, इस ओर संकेत करते हुए कि लोक सेवकों को अपने कार्यों में संतुलन, निष्पक्षता और तर्कसंगत विवेक के आधार पर निर्णय लेना चाहिये।

    मुख्य भाग:

    वस्तुनिष्ठता

    परिभाषा: वस्तुनिष्ठता वह क्षमता है जिसके माध्यम से किसी स्थिति, निर्णय या समस्या का मूल्यांकन केवल तथ्यों, साक्ष्यों और तर्कपूर्ण विश्लेषण के आधार पर किया जाता है, न कि व्यक्तिगत पक्षपात या भावनाओं के प्रभाव में आकर।

    उदाहरण:

    • आयुष्मान भारत योजना: स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और गरीबी से संबंधित आँकड़ों के आधार पर वस्तुनिष्ठ नीतिगत निर्माण।
    • निर्भया प्रकरण: न्यायालय द्वारा राजनीतिक दबावों के बजाय तथ्यात्मक साक्ष्यों और विधिक सिद्धांतों के आधार पर निष्पक्ष निर्णय।
    • आर्थिक सर्वेक्षण: आर्थिक वृद्धि हेतु नीतिगत सिफारिशों और पूर्वानुमानों में आँकड़ों का वस्तुनिष्ठ प्रयोग।
    • सरकारी योजनाओं की न्यायिक समीक्षा: न्यायालयों द्वारा केवल विधिक उपबंधों के आधार पर सरकार के निर्णयों की समीक्षा, बाह्य प्रभावों से अप्रभावित (जैसे: इलेक्टोरल बॉण्ड्स पर निर्णय तथा अनुसूचित जाति/जनजाति की उपश्रेणीकरण संबंधी देवेंद्र सिंह निर्णय)।

    तटस्थता

    • परिभाषा: तटस्थता का तात्पर्य किसी विवाद या संघर्ष में भाग न लेने की स्थिति को बनाए रखना है। इसका अर्थ है राजनीतिक पक्षधरता, व्यक्तिगत दृष्टिकोण या विचारों के प्रति उदासीन बने रहना।

    तटस्थता सभी पक्षों का विश्वास बनाये रखने के लिये अत्यंत आवश्यक होती है।

    उदाहरण:

    • भारत का निर्वाचन आयोग: चुनावों के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करके निरपेक्षता बनाए रखता है।
    • अंतर-राष्ट्रीय शांति वार्ताएँ: इज़राइल-ईरान संघर्ष में भारत ने एक निरपेक्ष मध्यस्थ के रूप में कार्य किया, जिससे शांति वार्ताओं पर बाह्य राजनीतिक दबावों का प्रभाव नहीं पड़ा।
    • संघर्ष-क्षेत्रों में मीडिया: समाचार चैनल कश्मीर जैसे विवादास्पद मुद्दों पर रिपोर्टिंग करते समय किसी एक पक्ष का समर्थन न करके तटस्थता बनाए रखते हैं।

    निष्पक्षता

    • परिभाषा: निष्पक्षता का तात्पर्य है सभी पक्षों या व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करना तथा निर्णयों और कार्यों में निष्पक्षता बनाये रखना, जहाँ किसी एक पक्ष को प्राथमिकता न दी जाये।

    अर्थ: किसी भी पक्ष के प्रति झुकाव न होना।

    • उदाहरण:
      • दंगों में पुलिस की भूमिका: मुज़फ्फरनगर दंगों के दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों के विरुद्ध कार्यवाही कर शांति स्थापित की, जिससे उनकी निष्पक्षता स्पष्ट हुई।
      • सार्वजनिक वितरण प्रणाली: यह प्रणाली जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव किये बिना सब्सिडी वाला अन्न समान रूप से वितरित करती है।
      • प्रधानमंत्री आवास योजना: यह योजना सामाजिक पृष्ठभूमि की परवाह किये बिना सभी पात्र परिवारों को समान रूप से आवास लाभ प्रदान करती है।
      • न्यायिक निष्पक्षता: अयोध्या प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को समान अवसर देकर निष्पक्षता से निर्णय सुनाया।

    मुख्य अंतर

    मानदंड

    वस्तुनिष्ठता

    तटस्थता

    निष्पक्षता

    प्रकृति

    साक्ष्य-आधारित, तर्कसंगत निर्णय

    संघर्षों में गैर-भागीदारी

    सभी संबंधित पक्षों के साथ समान व्यवहार

    भागीदारी

    विश्लेषणात्मक सोच की आवश्यकता  

    निष्क्रिय, हस्तक्षेप न करने वाला

    निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये सक्रिय प्रयास

    लक्ष्य

    सटीकता और सत्य

    पक्ष न चुनकर पक्षपात से बचना

    निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करना

    दायरा

    निर्णय, विश्लेषण या निर्णय पर लागू

    संघर्षों और विवादों में लागू

    नीतियों, कानूनों और निर्णयों में लागू

    नतीजा

    स्पष्ट एवं तर्कसंगत निर्णय लेना

    संघर्ष और पूर्वाग्रह से बचना

    समान व्यवहार और अधिकारों का संरक्षण

     

    निष्कर्ष

    कांट के 'नैतिक अनिवार्यता सिद्धांत' के अनुसार व्यक्ति को ऐसे सिद्धांतों के आधार पर कार्य करना चाहिये जिन्हें सार्वभौमिक रूप से लागू किया जा सके, ठीक वैसे ही जैसे लोक सेवकों को निष्पक्ष, तटस्थ एवं वस्तुनिष्ठ निर्णय लेने चाहिये। इसी प्रकार, जॉन रॉल्स का न्याय का सिद्धांत निर्णय-प्रक्रिया में निष्पक्षता की माँग करता है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार हो और किसी के साथ पक्षपात न किया जाये।