प्रश्न. लोक सेवकों की प्रभावशीलता में दृष्टिकोण की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। सकारात्मक दृष्टिकोण कुशल लोक सेवा में किस प्रकार योगदान देता है तथा कौन-से व्यक्तिगत एवं बाह्य कारक इस दृष्टिकोण के विकास को प्रभावित करते हैं? (150 शब्द)
उत्तर :
हल करने का दृष्टिकोण:
- एक लोक सेवक के जीवन और कर्त्तव्यों के संदर्भ में सकारात्मक दृष्टिकोण की अवधारणा को परिभाषित करें।
- चर्चा कीजिये कि किस प्रकार सकारात्मक दृष्टिकोण लोक प्रशासन में दक्षता को बढ़ाता है, निर्णय लेने और जनता के विश्वास को प्रभावित करता है। साथ ही, लोक सेवाओं के उदाहरणों के साथ, व्यक्तिगत और बाह्य कारकों का परीक्षण कीजिये जो इसे विकसित करने में मदद करते हैं।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
एक सकारात्मक दृष्टिकोण एक आशावादी और समाधानोन्मुख मानसिकता होती है, जो व्यक्ति को दृढ़ता एवं खुली सोच के साथ चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाती है। लोक सेवा के संदर्भ में इसका अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि यह न केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन को बेहतर बनाता है बल्कि लोक प्रशासन की समग्र प्रभावशीलता को भी सुदृढ़ करता है। यह बेहतर निर्णय-निर्माण को प्रोत्साहित करता है तथा अधिक दक्ष और उत्तरदायी सेवा-प्रदाय में सहायक होता है।
मुख्य भाग:
कुशल लोक सेवा में सकारात्मक दृष्टिकोण का योगदान
- समस्या समाधान और नवाचार: सकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोक सेवक समस्याओं का समाधान रचनात्मक ढंग से करने में अधिक सक्षम होते हैं, जो कुशल शासन के लिये अत्यावश्यक है। सकारात्मक मानसिकता 'रूढ़ सोच' से परे जाकर विचार करने को प्रेरित करती है, जिससे जटिल प्रशासनिक चुनौतियों को सुलझाने में सहायता मिलती है।
- उदाहरणस्वरूप, मणिपुर के एक IAS अधिकारी आर्मस्ट्रॉन्ग पेम ने अपने सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से समुदायिक संसाधनों को संगठित कर जनसहभागिता से एक दूरस्थ क्षेत्र में 100 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया।
- विश्वास और सम्मान: लोक सेवा में विश्वास की भावना अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है, और इसे एक सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से ही पोषित किया जा सकता है। नागरिक उन अधिकारियों पर अधिक विश्वास करते हैं जो आशावाद, पेशेवर नैतिकता और जनसेवा के प्रति निष्ठा का प्रदर्शन करते हैं।
- उदाहरण के लिये, तिरुनेलवेली की कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर सतीश ने, अपनी पुत्री को एक सरकारी आँगनवाड़ी केंद्र में दाखिल करवा कर सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में जनविश्वास को सशक्त किया।
- मनोबल और उत्पादकता में वृद्धि: सकारात्मक दृष्टिकोण कार्यस्थल के मनोबल को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है, जिससे लोक सेवक कठिन परिस्थितियों में भी प्रेरित तथा उत्पादक बने रहते हैं। यह जनसेवा से जुड़ी भूमिका में आने वाले तनाव एवं दबाव का सामना करने में सहायक होता है।
- उदाहरण के लिये, कोविड-19 महामारी के दौरान, ज़िलाधिकारियों और स्वास्थ्य अधिकारियों जैसे लोक सेवकों ने सकारात्मक एवं सेवा-प्रधान दृष्टिकोण अपनाते हुए लॉकडाउन प्रबंधन, संगरोध केंद्रों तथा टीकाकरण अभियानों का प्रभावी संचालन किया।
सकारात्मक दृष्टिकोण के विकास को प्रभावित करने वाले व्यक्तिगत और बाह्य तत्त्व
- व्यक्तिगत तत्त्व:
- भावनात्मक बुद्धिमत्ता और आत्म-जागरूकता: जिन लोक सेवकों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता अधिक होती है वे अपनी भावनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर पाते हैं जिससे वे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण बनाये रखते हैं।
- कार्य निष्ठा और आत्म-प्रेरणा: दृढ़ नैतिक मूल्य, अनुशासन तथा लोकसेवा के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्ति को अपने कर्त्तव्यों पर केंद्रित रहने और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाये रखने में सहायता करती है।
- बाह्य तत्त्व:
- संगठनात्मक सहयोग: ऐसा कार्य वातावरण जो लोक सेवकों के प्रयासों को मान्यता दे तथा सहयोगात्मक हो, उनके दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित प्रतिपुष्टि, प्रशंसा तथा कॅरियर विकास के अवसर मनोबल को बढ़ाते हैं।
- जनता की निगरानी और अपेक्षाएँ: लोक सेवकों पर सार्वजनिक निगरानी और उच्च अपेक्षाएँ सकारात्मक या नकारात्मक, दोनों प्रभाव डाल सकती हैं।
- नेतृत्व का प्रभाव: लोक सेवक प्रायः अपने नेताओं के मूल्यों और दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करते हैं। जब नेतृत्व पारदर्शिता, नैतिक आचरण और उत्तरदायित्व को प्रोत्साहित करता है तो वह प्रशासनिक संस्कृति को सकारात्मक एवं प्रतिबद्ध बनाता है।
- उदाहरणस्वरूप, सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्रता के पश्चात 560 से अधिक देशी रियासतों के एकीकरण में दृढ़ संकल्प और दूरदर्शी नेतृत्व का परिचय दिया।
- उनके निर्णायक स्वभाव, स्पष्ट लक्ष्य और नैतिक दृष्टिकोण ने नवगठित भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को गहन रूप से प्रभावित किया तथा लोक सेवकों में कर्त्तव्य-बोध, अनुशासन एवं राष्ट्रीय एकता की भावना उत्पन्न की।
निष्कर्ष:
जैसा कि विंस्टन चर्चिल ने कहा था, "दृष्टिकोण एक छोटी सी चीज़ है जो बड़ा अंतर लाती है।" सकारात्मक दृष्टिकोण लोक सेवकों की कार्यक्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाता है क्योंकि यह मनोबल, विश्वास और समस्या-समाधान की क्षमता को सशक्त करता है। यह दृष्टिकोण व्यक्ति की आंतरिक विशेषताओं तथा संस्थागत सहयोग, दोनों से उत्पन्न होता है। शासन-प्रणाली को यदि वास्तविक रूप में उत्तरदायी बनाना है तो ऐसे दृष्टिकोण का विकास करना अनिवार्य है।