प्रश्न. क्या BIMSTEC SAARC के विकल्प के रूप में उभर रहा है? संरचना एवं उद्देश्यों के संदर्भ में दोनों संगठनों की तुलना कीजिये और यह भी विश्लेषण कीजिये कि BIMSTEC भारत की उभरती विदेश नीति प्राथमिकताओं के साथ किस प्रकार संरेखित है। (250 शब्द)
22 Apr, 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 2 अंतर्राष्ट्रीय संबंध
हल करने का दृष्टिकोण:
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परिचय:
SAARC और BIMSTEC की स्थापना क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिये की गई थी, लेकिन भू-राजनीतिक तनावों के कारण SAARC में आई स्थिरता के कारण, BIMSTEC भारत की एक्ट ईस्ट और नेबरहुड फर्स्ट नीतियों के साथ मिलकर एक अधिक प्रभावी मंच के रूप में उभरा है।
SAARC के विकल्प के रूप में उभरता हुआ BIMSTEC:
संरचना और उद्देश्यों के संदर्भ में तुलना:
पहलू |
SAARC |
BIMSTEC |
संरचना |
वर्ष 1985 में स्थापित, इसके 8 सदस्य हैं: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। |
इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी तथा इसके सात सदस्य हैं: भारत, बांग्लादेश, म्याँमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल। |
उद्देश्य |
क्षेत्रीय सहयोग और सामूहिक आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। |
इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना तथा विभिन्न क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार करना है। |
भारत की विदेश नीति के साथ BIMSTEC का संरेखण:
निष्कर्ष:
यद्यपि BIMSTEC आर्थिक सहयोग के लिये एक अधिक व्यवहार्य मंच प्रदान करता है (विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया के साथ), फिर भी SAARC दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग के लिये महत्त्वपूर्ण बना हुआ है। हालाँकि इसके समक्ष चुनौतियाँ भी हैं। BIMSTEC SAARC के प्रयासों का पूरक है, जो भारत को आर्थिक एकीकरण एवं क्षेत्रीय स्थिरता के अपने विदेश नीति उद्देश्यों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।