• प्रश्न :

    व्यक्तिगत गोपनीयता और सार्वजनिक उत्तरदायित्व पर सोशल मीडिया के नीतिपरक प्रभावों पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    10 Oct, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण: 

    • इस बात पर प्रकाश डालते हुए उत्तर की भूमिका लिखिये कि किस प्रकार सोशल मीडिया हमारे जीवन में अंतर्विष्ट हो रहा है।
    • व्यक्तिगत गोपनीयता और सार्वजनिक उत्तरदायित्व पर सोशल मीडिया के नीतिपरक निहितार्थ बताइए।
    • तद्नुसार निष्कर्ष लिखिये। 

    परिचय: 

    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आधुनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं, जो संचार, सूचना साझाकरण और मनोरंजन जैसे कई लाभ प्रदान करते हैं। यद्यपि, उनके तीव्र विकास और व्यापक अंगीकरण से व्यक्तिगत गोपनीयता तथा सार्वजनिक उत्तरदायित्व से संबंधित गंभीर नीतिपरक चिंताएँ भी उत्पन्न हुई हैं।

    मुख्य भाग: 

    सोशल मीडिया के नीतिपरक निहितार्थ: 

    • व्यक्तिगत गोपनीयता
      • डेटा उल्लंघन और पहचान की चोरी: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर डेटा उल्लंघनों की बढ़ती संख्या के कारण संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा हो रहा है, जिससे व्यक्ति पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और अन्य नुकसानों के प्रति सुभेद्य हो गया है।
        • वर्ष 2018 में, CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने 5.62 लाख भारतीय फेसबुक उपयोगकर्त्ताओं  के व्यक्तिगत डेटा को अवैध रूप से संगृहित करने और उसका दुरुपयोग करने के लिये कैम्ब्रिज़ एनालिटिका के विरुद्ध मामला दर्ज किया।
      • एल्गोरिद्मिक पूर्वाग्रह: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों द्वारा उपयोग किये जाने वाले एल्गोरिदम पूर्वाग्रहों को अविरत बनाते हैं, जिससे कुछ दृष्टिकोणों का प्रवर्द्धन और अन्य का दमन हो सकता है।
        • इसका व्यक्तिगत गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
        • वर्ष 2019 के भारतीय आम चुनावों के दौरान, बीबीसी द्वारा किये गए शोध में पाया गया कि ट्विटर का एल्गोरिदम अधिक ध्रुवीकरणकारी राजनीतिक सामग्री को प्रवर्द्धित करता है।
      • अवेक्षण पूंजीवाद: कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का व्यवसाय मॉडल "अवेक्षण पूंजीवाद" पर आधारित है, जहाँ लक्षित विज्ञापन के माध्यम से उपयोगकर्त्ता डेटा का मुद्रीकरण किया जाता है। 
        • इससे यह चिंता उत्पन्न होती है कि किस सीमा तक व्यक्तियों पर निगरानी रखी जा रही है तथा व्यावसायिक लाभ के लिये उनका दोहन किया जा रहा है।
      • डीपफेक और गलत सूचना: डीपफेक, हेरफेर किये गए वीडियो या छवियों का प्रसार, जिनका उपयोग गलत सूचना प्रसारित करने या व्यक्तियों की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने के लिये किया जा सकता है, सोशल मीडिया से संबंधित एक और नैतिक चिंता है।
        • आमिर खान और रणवीर सिंह जैसे बॉलीवुड अभिनेता वर्ष 2024 के भारतीय चुनाव के दौरान डीपफेक का विषय रहे हैं।
    • सार्वजनिक उत्तरदायित्व
      • राजनीतिक छलसाधन: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को सक्षम करने और गलत राजनीतिक सूचना प्रसारित करने का आरोप लगाया गया है। 
        • इससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की सत्यनिष्ठता सुनिश्चित करने में सोशल मीडिया कंपनियों की भूमिका पर प्रश्न उठते हैं।
      • ऑनलाइन संतापन और साइबर धमकी: सोशल मीडिया ऑनलाइन संतापन और साइबर धमकी के लिये अनुकूल वातावरण का निर्माण कर सकता है, जिससे व्यक्तियों और समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 
        • प्लेटफॉर्म तीसरे पक्ष के अभिकर्त्ता के रूप में कार्य करते हैं तथा स्वयं को किसी भी उत्तरदायित्व से बचाते हैं।
      • सरकारी अतिक्रमण: सरकारें नागरिकों पर निगरानी रखने, असहमति का दमन करने और दुष्प्रचार करने के लिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकती हैं। 
        • रूस पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह वर्ष 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले मतदाताओं को गुप्त रूप से प्रभावित करने के लिये अमेरिकी सोशल मीडिया के प्रमुख व्यक्तित्वों की सहायता ले रहा है।
        • इससे सरकार की अतिक्रमण की संभावना और लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण की चिंता उत्पन्न होती है।
      • कंटेंट मॉडरेशन की कमी: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म प्रायः हानिकारक कंटेंट को प्रभावी ढंग से अनुशोधित करने में संघर्ष करते हैं। ट्विटर कंटेंट मॉडरेशन नीतियों को लेकर विवाद, जैसा कि यूरोपीय संघ द्वारा उठाया गया है, इस मुद्दे की गंभीरता को प्रकट करता है। 

    निष्कर्ष: 

    सोशल मीडिया के नीतिपरक निहितार्थ जटिल और बहुआयामी हैं। यद्यपि ये प्लेटफॉर्म कई लाभ प्रदान करते हैं, परंतु वे व्यक्तिगत गोपनीयता और सार्वजनिक उत्तरदायित्व के लिये महत्त्वपूर्ण जोखिम भी उत्पन्न करते हैं। इन चिंताओं को दूर करने के लिये सोशल मीडिया कंपनियों, सरकारों और व्यक्तियों को सम्मिलित करते हुए एक सहयोगी प्रयास और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के दृढ़ कार्यान्वयन की आवश्यकता है।