• प्रश्न :

    आधारभूत मूल्यों की अवधारणा को समझाते हुए बताइए कि प्रशासनिक प्रणाली में नैतिक निर्णय निर्माण के क्रम में किस प्रकार से इनका अनुप्रयोग किया जा सकता है। (150 शब्द)

    11 Jul, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • आधारभूत मूल्यों का उल्लेख करते हुए परिचय दीजिये।
    • नैतिक निर्णय निर्माण में आधारभूत मूल्यों के अनुप्रयोग पर विचार कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    आधारभूत मूल्य- विवेक, न्याय, संयम और साहस लंबे समय से नैतिक आचरण की आधारशिला के रूप में कार्य कर रहे हैं।

    • ये जटिल परिस्थितियों से निपटने और विशेष रूप से नौकरशाही के माहौल में सही निर्णय लेने के लिये एक मूल्यवान ढाँचा प्रदान करते हैं।

    मुख्य भाग:

    नैतिक निर्णय लेने में आधारभूत मूल्यों का अनुप्रयोग:

    • विवेक:
      • अवधारणा: विवेकशीलता व्यावहारिक ज्ञान पर बल देने से संबंधित है (किसी निश्चित परिस्थिति में कार्रवाई के सही तरीके को समझने की क्षमता)।
        • इसमें परिणामों, संभावित जोखिमों और लाभों पर सावधानीपूर्वक विचार करना तथा प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करना शामिल है।
      • नौकरशाही अनुप्रयोग: विवेकशीलता का प्रयोग करने वाले अधिकारी:
        • नीतियों का विश्लेषण करेंगे: किसी नीति को लागू करने से पहले ये हितधारकों पर इसके संभावित प्रभाव का मूल्यांकन करने के साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि यह नैतिक सिद्धांतों एवं कानूनी ढाँचों के अनुरूप हो।
        • विशेषज्ञ की सलाह लेना: जटिल मुद्दों का सामना करने के क्रम में ये समग्र दृष्टिकोण हेतु विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे।
        • आकस्मिकताओं के लिये योजना बनाना: विवेकशील नौकरशाह संभावित बाधाओं का अनुमान लगाने के साथ परियोजनाओं के सुचारु कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के क्रम में वैकल्पिक समाधान विकसित करते हैं।
      • उदाहरण: किसी नवीन निर्माण परियोजना को मंज़ूरी देने से संबंधित नौकरशाह इसके पर्यावरणीय प्रभाव के साथ समुदाय के लिये इसके आर्थिक लाभ एवं संभावित सुरक्षा खतरों पर विचार करेगा।
        • विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने तथा जोखिमों को कम करने के क्रम में इनकी इंजीनियरों एवं पर्यावरण विशेषज्ञों से परामर्श की अधिक संभावना रहती है।
    • न्याय:
      • अवधारणा: न्याय का तात्पर्य निष्पक्षता, पारदर्शिता और विधि के शासन के अनुपालन से है।
        • इसमें सभी के साथ समान व्यवहार करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि निर्णय व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों के बजाय योग्यता के आधार पर हों।
      • नौकरशाह द्वारा अनुप्रयोग:
        • नियमों को निष्पक्ष रूप से लागू करेगा: ये विभाग से संबंधित सभी व्यक्तियों या व्यवसायों के लिये नियमों एवं नीतियों के सुसंगत अनुप्रयोग को सुनिश्चित करेंगे।
        • पक्षपात से बचना: इनके निर्णय व्यक्तिगत संबंधों या बाहरी दबावों से प्रभावित नहीं होंगे। ये वस्तुनिष्ठ मानदंडों के आधार पर संसाधनों का आवंटन करेंगे।
      • उदाहरण: लोक कल्याण कार्यक्रम का प्रबंधन करने वाला नौकरशाह यह सुनिश्चित करेगा कि धर्म, जाति या सामाजिक स्थिति के आधार पर भेदभाव किये बिना सभी पात्र आवेदकों को लाभ प्राप्त हो सकें।
        • ये संसाधनों को निष्पक्ष रूप से वितरित करने के लिये वस्तुनिष्ठ चयन मानदंड विकसित करेंगे।
    • संयम:
      • अवधारणा: संयम के तहत आत्म-नियंत्रण पर बल दिया जाता है।
        • इस मूल्य वाले अधिकारियों के भ्रष्टाचार या भेदभाव से दूर रहने की अधिक संभावना होती है।
        • यह संतुलित निर्णय को प्राथमिकता देते हैं जिससे अल्पकालिक लाभों की तुलना में दीर्घकालिक लाभों को महत्त्व दिया जाता है।
      • नौकरशाह द्वारा अनुप्रयोग:
        • व्यक्तिगत लाभ से तटस्थ रहना: ये व्यक्तिगत लाभ से तटस्थ रहने के साथ रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार में शामिल होने से बचेंगे।
        • संसाधनों का ज़िम्मेदारीपूर्ण प्रबंधन: ये सार्वजनिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करेंगे।
        • भावनात्मक नियंत्रण बनाए रखना: ये तनावपूर्ण स्थितियों में भी पेशेवर तथा वस्तुनिष्ठ बने रहेंगे (यह सुनिश्चित करते हुए कि निर्णय व्यक्तिगत भावनाओं से प्रभावित न हों)।
      • उदाहरण: सार्वजनिक खरीद की देख-रेख करने वाला नौकरशाह पक्षपात करने वाले लॉबिस्टों के दबाव में नहीं आएगा।
        • ये सरकार के लिये सर्वोत्तम सौदे सुरक्षित करने के लिये पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्द्धी बोली सुनिश्चित करेंगे।
    • साहस:
      • अवधारणा: साहस से सही कार्य करने की नैतिक शक्ति मिलती है।
      • इससे अपने सिद्धांतों पर टिके रहने एवं अनैतिक व्यवहार या गलत कार्य के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की प्रेरणा मिलती है।
        • नौकरशाह द्वारा अनुप्रयोग: साहसी नौकरशाह गलत कार्यों को उजागर करने के साथ यदि संगठन के भीतर भ्रष्टाचार या अनैतिक व्यवहार को देखता है तो संभावित नतीजों के बावजूद उचित अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट करने की हिम्मत कर सकेगा।
        • लोक हित की रक्षा करना: ये ऐसी नीतियों एवं प्रथाओं को प्राथमिकता देंगे जिससे लोक हित को लाभ मिलता हो भले ही इसका तात्पर्य यथास्थिति या शक्तिशाली व्यक्तियों को चुनौती देना हो।
        • कठिन निर्णय लेना: ये नैतिक सिद्धांतों के आधार पर कठिन निर्णय ले सकेंगे, भले ही इससे सहकर्मियों या वरिष्ठों के बीच उनकी लोकप्रियता न रहे।
      • उदाहरण: अपने विभाग के अंदर धोखाधड़ी की गतिविधि से परिचित नौकरशाह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को इसकी रिपोर्ट करने का साहस कर सकेगा, भले ही इससे उन्हें सहकर्मियों से प्रतिशोध का सामना करना पड़े।

    निष्कर्ष:

    इन आधारभूत मूल्यों को अपनी निर्णय प्रक्रिया में शामिल करके कोई भी नौकरशाह अधिक नैतिक एवं भरोसेमंद प्रशासनिक प्रणाली में योगदान दे सकता है। ये मूल्य नैतिक दिशा-निर्देश प्रदान करने के साथ नौकरशाहों को लोक सेवा की जटिलताओं को समझने में मार्गदर्शन करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि निर्णय व्यापक हित में हों।