• प्रश्न :

    आप किसी राज्य (जो प्रकाशन माफियाओं के गहन प्रभाव के लिये जाना जाता है) के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के नवनियुक्त सचिव हैं। सचिव के रूप में आपके समक्ष दो बड़ी चुनौतियाँ हैं। सबसे पहले माफियाओं द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत करके सरकार की मुफ्त पुस्तक वितरण योजना का फायदा उठाया जाना, जिससे वित्तीय नुकसान होने के साथ किताबों की गुणवत्ता से समझौता होता है। दूसरा ये निज़ी स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों की खरीद में हेराफेरी करते हैं, जिससे स्कूलों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के आलोक में महँगी पाठ्यपुस्तकें खरीदने का दबाव बनाए जाने से छात्रों एवं परिवारों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।

    आपके पूर्ववर्ती एक ईमानदार अधिकारी ने इन मुद्दों से निपटने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें प्रकाशन माफियाओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इस आलोक में इन माफियाओं से लड़ने के लिये दृढ़ संकल्पित होकर, आपको इस मुद्दे को हल करने के साथ पाठ्यपुस्तक खरीद एवं वितरण प्रक्रिया में निष्पक्ष तथा पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

    1. इस मामले में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
    2. आप प्रकाशन माफियाओं द्वारा सरकार की मुफ्त पुस्तक वितरण योजना में किये जाने वाले घोटाले को किस प्रकार रोकेंगे?
    3. सभी छात्रों के लिये निष्पक्ष, पारदर्शी तथा उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तक वितरण प्रणाली सुनिश्चित करने हेतु आप कौन-सी दीर्घकालिक रणनीति अपनाएंगे?
    31 May, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • केस स्टडी का सार बताते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • इस मामले में शामिल हितधारकों का उल्लेख कीजिये।
    • सरकार की मुफ्त पुस्तक वितरण योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिये राज्य की रणनीतियाँ बताइये।
    • उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्य पुस्तक वितरण प्रणाली सुनिश्चित करने के लिये दीर्घकालिक रणनीतियों पर प्रकाश डालिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    यह मामला स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के नवनियुक्त सचिव से संबंधित है, जिन्हें प्रकाशन माफियाओं के गहन प्रभाव से निपटने का कार्य सौंपा गया है। इनका उद्देश्य माफियाओं की शोषणकारी प्रथाओं को खत्म करने तथा पाठ्य पुस्तकों की खरीद एवं वितरण को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है।

    मुख्य भाग:

    1. इस मामले में शामिल हितधारक:

    हितधारक

    हितधारक

    भूमिका/हित

    सरकारी अधिकारी

    पाठ्य पुस्तकों के वितरण और खरीद की देख-रेख करना।

    प्रकाशन माफिया

    वित्तीय लाभ के लिये पाठ्य पुस्तक वितरण प्रणाली का दुरुपयोग करना।

    शिक्षक और स्कूल प्रशासक

    इन्हें पाठ्य पुस्तकों के रूप में महँगे विकल्प चुनने के लिये प्रकाशकों के दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

    छात्र और परिवार

    पाठ्य पुस्तकों के अंतिम उपयोगकर्त्ता के रूप में यह शैक्षिक सामग्री की लागत और गुणवत्ता से प्रभावित होते हैं।

    NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद)

    गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मानक, किफायती पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराना।

    निजी प्रकाशक

    पाठ्य पुस्तकों का उत्पादन और बिक्री करने के साथ निजी स्कूल की पाठ्य पुस्तक खरीद में हेर-फेर करने में शामिल हो सकते हैं।

    भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियाँ

    पाठ्य पुस्तक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार की जाँच और रोकथाम में भूमिका निभाती हैं।

    मीडिया और जनता

    यह जागरूकता बढ़ाने के साथ सरकार पर इस मुद्दे को हल करने के लिये दबाव डाल सकते हैं।


    2. आप प्रकाशन माफियाओं द्वारा सरकार की मुफ्त पुस्तक वितरण योजना के किये जाने वाले दुरुपयोग को किस प्रकार रोकेंगे?

    • प्रणालीगत सुधार: माफियाओं द्वारा होने वाले शोषण के संदर्भ में इससे संबंधित कमियों और कमज़ोरियों की पहचान करने के लिये संपूर्ण पाठ्य पुस्तक खरीद एवं वितरण प्रक्रिया का व्यापक ऑडिट तथा समीक्षा करना।
    • ऑनलाइन खरीद पोर्टल: पाठ्य पुस्तक खरीद के लिये उपयोगकर्त्ता के अनुकूल ऑनलाइन पोर्टल बनाना तथा ऑफलाइन हेर-फेर के अवसरों को समाप्त करना।
    • विधिक और प्रशासनिक उपायों को ट्रैक करना: अधिकारियों और प्रकाशन माफियाओं के बीच कथित मिलीभगत की गहन जाँच शुरू करना तथा दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करना।
    • प्रकाशन माफियाओं के प्रभाव के संपर्क में आने से बचने और संबंधित नेटवर्क को रोकने के लिये अधिकारियों को बार-बार बदलना।
    • स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड: शॉर्टलिस्ट की गई पाठ्य पुस्तकों की शैक्षिक सामग्री एवं गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिये विषय वस्तु विशेषज्ञों को शामिल करते हुए स्वतंत्र समीक्षा बोर्ड स्थापित करना।
    • मुखबिरों के लिये पुरस्कार प्रणाली: पाठ्य पुस्तक चयन प्रक्रिया के भीतर अनैतिक प्रथाओं की रिपोर्ट करने वाले मुखबिरों के लिये एक मज़बूत पुरस्कार प्रणाली स्थापित करना। इससे पारदर्शिता को प्रोत्साहन मिलने के साथ मिलीभगत हतोत्साहित होगी।

    3. सभी छात्रों के लिये निष्पक्ष, पारदर्शी एवं उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्य पुस्तक वितरण प्रणाली सुनिश्चित करने के लिये आप कौन-सी दीर्घकालिक रणनीतियाँ लागू करेंगे?

    • ब्लॉकचेन-आधारित पाठ्य पुस्तक खरीद और वितरण प्रणाली: पाठ्य पुस्तक खरीद और वितरण के लिये एक अपरिवर्तनीय, विकेंद्रीकृत तथा पारदर्शी प्रणाली बनाने के लिये ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना।
    • मोबाइल पाठ्य पुस्तक पुस्तकालय और डिजिटल पहुँच: दूर-दराज़ और वंचित क्षेत्रों (जहाँ छात्रों की भौतिक पाठ्य पुस्तकों तक सीमित पहुँच हो सकती है) में पुस्तकों की डिजिटल पहुँच स्थापित करना।
      • स्थानीय समुदायों, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और प्रौद्योगिकी भागीदारों के साथ मिलकर प्रौद्योगिकी का उचित उपयोग सुनिश्चित करना।
    • पाठ्य पुस्तक ट्रैकिंग और सत्यापन प्रणाली: मज़बूत पाठ्य पुस्तक ट्रैकिंग और सत्यापन प्रणाली को लागू करना, जो प्रत्येक पाठ्य पुस्तक को विशिष्ट पहचान कर्त्ता (जैसे QR कोड या RFID टैग) प्रदान करती है।
      • यह प्रणाली न केवल आपूर्ति शृंखला में पारदर्शिता और जवाबदेहिता सुनिश्चित करेगी बल्कि किसी भी अनियमितता या दुर्भावना की वास्तविक समय पर निगरानी तथा इसके संदर्भ में त्वरित प्रतिक्रिया भी सक्षम हो सकेगी।
    • CSR पहलों का लाभ उठाना: निजी निगमों के साथ सहयोग करने के साथ इनके द्वारा प्रदत्त CSR फंड का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधनों के विकास एवं वितरण में करना।
    • डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस पहलों का लाभ उठाना: पाठ्य पुस्तकों की खरीद, वितरण और निगरानी प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिये शिक्षा हेतु एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली (UDISE) तथा ई-पाठशाला पोर्टल जैसे मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग को प्रोत्साहन देना।

    निष्कर्ष:

    प्रकाशन माफियाओं से मुकाबला करना प्रणालीगत सुधार के लिये निर्णायक है। पारदर्शिता, डेटा-संचालित निर्णय निर्माण तथा हितधारक समन्वय को प्राथमिकता देने के रूप में एक बहु-स्तरीय रणनीति से माफियाओं के प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है। निरंतर निगरानी, ​​प्रदर्शन मूल्यांकन और डेटा के आधार पर पाठ्यक्रम सुधार से यह सुनिश्चित होगा कि सभी छात्रों को उचित लागत पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान हो सके।