• प्रश्न :

    आप एक सेवा क्षेत्र में कार्यरत मध्यम आकार की कंपनी के मानव संसाधन प्रबंधक हैं। यह कंपनी विविध कार्यबल (जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक एवं लैंगिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं) को रोज़गार देती है। हाल ही में एक कर्मचारी, सुश्री A (जो तीन वर्ष से कंपनी में है) ने अपने तत्काल पर्यवेक्षक (श्री B) के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की है।

    सुश्री A का आरोप है कि मिस्टर B उनके प्रति अवांछित दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिसमें उनकी शक्ल-सूरत के संबंध में अनुचित टिप्पणियाँ तथा अवांछित शारीरिक संपर्क शामिल हैं। उनका कहना है कि ये घटनाएँ कई महीनों से चल रही हैं और इससे उनके लिये कार्य वातावरण प्रतिकूल हो गया है।

    शिकायत प्राप्त होने पर आपने प्रारंभिक जांच की और आपको गवाहों के बयान तथा ईमेल के रूप में कुछ साक्ष्य भी प्राप्त हुए। हालाँकि श्री B इन आरोपों को नकारते हुए दावा करते हैं कि सुश्री A के साथ उनका व्यवहार मित्रवत और पेशेवर था।

    मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में आपको इस संवेदनशील मुद्दे को निष्पक्ष तरीके से निपटाने का कार्य सौंपा गया है। आपके कार्य से न केवल संबंधित व्यक्ति प्रभावित होंगे बल्कि कंपनी की समग्र कार्य संस्कृति तथा प्रतिष्ठा पर भी प्रभाव पड़ेगा।

    उपर्युक्त परिदृश्य में मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में अपने समक्ष आने वाली नैतिक दुविधाओं पर चर्चा कीजिये। यौन उत्पीड़न की शिकायत का समाधान करने तथा पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं कानूनी और नैतिक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने हेतु आपके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा तैयार कीजिये।

    05 Apr, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • यौन उत्पीड़न का परिचय देते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • मानव संसाधन प्रबंधक के समक्ष नैतिक दुविधाओं पर चर्चा कीजिये।
    • यौन उत्पीड़न की शिकायत के समाधान के साथ पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये उठाए जाने वाले कदमों का उल्लेख कीजिये।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    यौन उत्पीड़न लिंग-आधारित भेदभाव का एक रूप है जिसमें यौन संबंधों के लिये अनुरोध या कार्यस्थल पर यौन प्रकृति से संबंधित अन्य मौखिक या शारीरिक आचरण शामिल हैं। ऐसे व्यवहार से पीड़ित के लिये कार्यस्थल पर शत्रुतापूर्ण, डर वाला या आपत्तिजनक वातावरण बनता है।

    मुख्य भाग:

    केस स्टडी के तथ्य:

    • एक महिला कर्मचारी सुश्री A ने अपने तत्काल पर्यवेक्षक श्री B के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की है।
    • सुश्री A का आरोप है कि श्री B उनके प्रति अवांछित दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिसमें अवांछित शारीरिक संपर्क के साथ अनुचित टिप्पणियाँ शामिल हैं।
    • ये घटनाएँ कई महीनों से जारी हैं, जिससे सुश्री A के लिये कार्य वातावरण प्रतिकूल बन गया है।
    • मानव संसाधन प्रबंधक द्वारा की जाने वाली प्रारंभिक जाँच में गवाहों के बयान के साथ ईमेल जैसे कुछ साक्ष्य भी प्राप्त हुए।
    • श्री B द्वारा इन आरोपों से इनकार करने के साथ दावा किया गया कि सुश्री A के साथ उनकी बातचीत मित्रवत और पेशेवर थी।

    हितधारक:

    • सुश्री A: शिकायतकर्त्ता, जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है।
    • श्री B: आरोपी, जो आरोपों से इनकार करता है।
    • मानव संसाधन प्रबंधक: शिकायत को उचित और निष्पक्ष तरीके से निपटाने के लिये ज़िम्मेदार है।
    • अन्य कर्मचारी: कंपनी शिकायत का किस प्रकार समाधान करती है, इससे अन्य कर्मचारियों की कार्य संस्कृति के प्रति धारणा प्रभावित हो सकती है।
    • कंपनी: इसकी प्रतिष्ठा और कार्य संस्कृति पर प्रश्न चिह्न लगा सकते है।
    • कानूनी प्राधिकारी: यौन उत्पीड़न से संबंधित कानूनी निहितार्थ एवं कानूनों के अनुपालन से संबंधित।

    शामिल नैतिक मुद्दे:

    • निष्पक्षता: यह सुनिश्चित करना कि शिकायतकर्त्ता और आरोपी दोनों के साथ उचित एवं निष्पक्ष व्यवहार किया जाए।
    • गोपनीयता: शिकायत और जाँच प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखना।
    • जवाबदेहिता: आरोप सही पाए जाने पर आरोपी को जवाबदेह ठहराना।
    • अनुपालन: यौन उत्पीड़न से संबंधित कानूनी एवं नैतिक मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना।

    नैतिक दुविधाएँ:

    • विरोधाभाषी दृष्टिकोण बनाम निष्पक्ष जाँच: निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित करते हुए सुश्री A और श्री B के प्रति विरोधाभाषी दृष्टिकोण को संतुलित करना।
    • कर्मचारी कल्याण बनाम शत्रुतापूर्ण कार्य वातावरण: सुश्री A की भलाई सुनिश्चित करना, उस प्रतिकूल कार्य वातावरण को ध्यान में रखते हुए जिसे वह अनुभव करने का दावा कर रही है।
    • व्यावसायिकता बनाम व्यक्तिगत पूर्वाग्रह: यह सुनिश्चित करते हुए जाँच प्रक्रिया में व्यावसायिकता बनाए रखना कि व्यक्तिगत पूर्वाग्रह से परिणाम प्रभावित न हो।
    • कंपनी की प्रतिष्ठा बनाम आरोपों की पुष्टि करना: आरोपों को पारदर्शी एवं प्रभावी ढंग से संबोधित करते हुए कंपनी की प्रतिष्ठा की रक्षा करना।
    • विधिक अनुपालन बनाम निशुल्क और निष्पक्ष कार्रवाई: श्री B के लिये स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित कानूनी आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करना।

    विधिक एवं नैतिक मानकों के अनुरूप शिकायत का समाधान:

    • त्वरित कार्रवाई:
      • शिकायत प्राप्त होने के बाद मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सुश्री A को आवश्यक सहायता तथा परामर्श प्रदान किया जाए।
      • आगे की घटनाओं को रोकने के लिये श्री B को सुश्री A के ऊपर किसी भी पर्यवेक्षी भूमिका से अस्थायी रूप से हटा दिया जाना चाहिये।
      • यौन उत्पीड़न के प्रति कंपनी की शून्य-सहिष्णुता नीति पर बल देते हुए सभी कर्मचारियों को एक आधिकारिक संचार भेजा जाना चाहिये।
    • जाँच पड़ताल:
      • आरोपों की गहन एवं निष्पक्ष जाँच करना, जिसमें गवाहों का साक्षात्कार और सबूतों की समीक्षा शामिल है।
      • सुश्री A और श्री B को अपना पक्ष प्रस्तुत करने तथा अपने बचाव में कोई सबूत या गवाह प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना चाहिये।
        • वर्ष 2017 में उबर से संबंधित यौन उत्पीड़न मामले के कारण इसके CEO एवं अन्य कई अधिकारियों को इस्तीफा देना पड़ा। इन शिकायतों के प्रभावी समाधान न होने तथा जवाबदेहिता की कमी के कारण इस कंपनी को आलोचना का सामना करना पड़ा।
    • निर्णय लेना:
      • जाँच के निष्कर्षों के आधार पर शिकायत की वैधता के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिये।
      • कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 और कंपनी की नीतियों का पालन करना चाहिये।
      • यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो श्री B के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिये, जिसमें बर्खास्तगी या पदावनति शामिल हो सकती है।
      • यदि आरोप प्रमाणित नहीं होते हैं तो यह सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाए जाने चाहिये कि सुश्री A के खिलाफ कोई प्रतिशोध न हो।
    • निवारक उपाय:
      • यौन उत्पीड़न एवं कंपनी की नीतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये सभी कर्मचारियों हेतु नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना चाहिये।
      • यौन उत्पीड़न की किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिये कर्मचारियों हेतु एक स्पष्ट रिपोर्टिंग तंत्र लागू करना आवश्यक है।
    • अनुवर्ती और निगरानी:
      • शिकायत के समाधान के बाद सुश्री A से पूछताछ करते रहना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह कार्यस्थल में सुरक्षित महसूस करें।
      • यह सुनिश्चित करने के लिये कार्य वातावरण की निगरानी करते रहना आवश्यक है कि आगे यौन उत्पीड़न की कोई घटना न हो।
        • माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों ने यौन उत्पीड़न से निपटने के लिये मज़बूत नीतियाँ और तंत्र लागू किये हैं, जिसमें घटनाओं की गोपनीय रिपोर्टिंग के लिये एक हॉटलाइन भी शामिल है।

    निष्कर्ष:

    यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिये सहानुभूति एवं व्यावसायिकता के साथ विधिक और नैतिक मानकों के बीच तार्किक संतुलन की आवश्यकता है। मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में सकारात्मक कार्य संस्कृति तथा कंपनी की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिये इस मामले में गहन जाँच करना, पीड़ित के कल्याण को प्राथमिकता देना तथा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है।