• प्रश्न :

    जनमत को आकार देने तथा सामाजिक परिवर्तन लाने में अनुनय (Persuasion) की भूमिका पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    08 Feb, 2024 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • अनुनय के बारे में संक्षिप्त परिचय दीजिये।
    • उन तत्त्वों का उल्लेख कीजिये जिनके माध्यम से जनमत को आकार देने तथा सामाजिक परिवर्तन लाने में योगदान मिलता है।
    • उचित निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय:

    मानव संचार के मूलभूत पहलू के रूप में अनुनय, जनमत को आकार देने तथा सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह नए विचारों, मूल्यों और व्यवहारों को अपनाने के लिये व्यक्तियों तथा समुदायों को प्रभावित करने में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है, जिससे सामाजिक परिवर्तन होता है।

    मुख्य भाग:

    • जनमत को आकार देना:
      • एजेंडा निर्धारण: अनुनय, एजेंडा निर्धारण में एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करता है, जहाँ व्यक्ति या संस्थाएँ सार्वजनिक धारणा को प्रभावित करने के साथ कुछ विषयों को प्राथमिकता देने के लिये रणनीतिक रूप से निर्णय लेते हैं। कुशल संदेश और फ्रेमिंग तकनीकों के माध्यम से (जैसे कि विशेष पहलुओं पर बल देना या मुद्दों को व्यापक सामाजिक चिंताओं के साथ जोड़ना) नीति निर्माता लोगों का ध्यान विशिष्ट एजेंडा की ओर आकर्षित कर सकते हैं।
      • रणनीतियों की फ्रेमिंग और तैयारी : जनता द्वारा जानकारी को कैसे समझा जाता है, इसे आकार देने के लिये अनुनय फ्रेमिंग एवं रणनीतियों की प्राथमिकता में भूमिका निभाता है। मुद्दों को विशेष तरीकों से तैयार करते हुए कुछ पहलुओं को महत्त्व देने के साथ नीति निर्माता जन दृष्टिकोण और राय को प्रभावित कर सकते हैं।
        • रणनीतियों की तैयारी में व्यक्तियों को विशिष्ट उत्तेजनाओं के संपर्क में लाकर कुछ निश्चित तरीकों से प्रतिक्रिया करने हेतु सूक्ष्मता से तैयार करना तथा इस प्रकार संबंधित जानकारी पर उनकी बाद की प्रतिक्रियाओं को आकार देना शामिल है।
    • सामाजिक परिवर्तन लाना:
      • सामूहिक कार्रवाई को संगठित करना: अनुनय सामूहिक कार्रवाई को संगठित करने के साथ सामाजिक आंदोलनों को उत्प्रेरित करता है। नागरिक अधिकारों, पर्यावरणीय स्थिरता या स्वास्थ्य देखभाल सुधार के संदर्भ में अनुनय से समर्थकों को संगठित करने के साथ एकजुटता एवं सक्रियता को बढ़ावा दिया जा सकता है।
      • नीति परिवर्तन को प्रभावित करना: जनता की राय को आकार देने के साथ विशिष्ट विधायी या नियामक कार्यों के लिये समर्थन जुटाकर नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करने में अनुनय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लक्षित वकालत प्रयासों, पैरवी और सार्वजनिक अभियानों के माध्यम से प्रेरक तत्त्व नीति निर्माताओं को प्रभावित करने के साथ सार्वजनिक समर्थन जुटा सकते हैं तथा अंततः नीति में बदलाव ला सकते हैं।
    • नैतिक चिंताएँ:
      • सत्य और असत्य के बीच संतुलन: अनुनय सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने के लिये एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है लेकिन सत्य और असत्य के बीच संतुलन के संबंध में इससे नैतिक चिंताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। समाज के प्रेरक तत्त्वों को जानकारी को सही ढंग से प्रस्तुत करने एवं भ्रामक या जोड़-तोड़ वाली रणनीतियों का सहारा लेने के बीच की बारीक रेखा को समझना चाहिये।
      • जनमत की राय की विविधता का सम्मान करना: बहुलवादी समाज में प्रेरक तत्त्वों को सार्वजनिक क्षेत्र के विचारों और दृष्टिकोणों की विविधता का सम्मान करना चाहिये। प्रभावी अनुनय में अलग-अलग दृष्टिकोणों के साथ सम्मानपूर्वक समन्वय, खुले संवाद को बढ़ावा देना तथा सामाजिक मुद्दों की जटिलता को स्वीकार करना शामिल है। जनमत की राय की विविधता का सम्मान न करने से इसमें जटिलता आती है।

    निष्कर्ष:

    जनमत को आकार देने तथा सामाजिक परिवर्तन लाने में अनुनय बहुआयामी भूमिका निभाता है। एजेंडा निर्धारण, और लामबंदी प्रयासों के माध्यम से प्रेरक दृष्टिकोण, व्यवहार एवं नीतिगत निर्णयों को प्रभावित कर सकता है, जिससे समाज में परिवर्तनकारी बदलाव में योगदान मिल सकता है। हालाँकि सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में अनुनय की अखंडता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने हेतु सत्यता, विविधता के प्रति सम्मान एवं प्रेरक रणनीति के ज़िम्मेदार उपयोग के संबंध में नैतिक विचार सर्वोपरि हैं।