• प्रश्न :

    नैतिक नेतृत्त्व सुशासन की आधारशिला है, क्योंकि यह सार्वजनिक विश्वास को प्रेरित करता है और सरकारी संस्थानों के भीतर पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता को बढ़ावा देता है। टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)

    21 Sep, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • नैतिक नेतृत्व की अवधारणा और सुशासन के साथ इसके संबंध के संक्षिप्त परिचय के साथ प्रारंभ कीजिये।
    • चर्चा कीजिये कि शासन के संदर्भ में नैतिक नेतृत्व क्यों आवश्यक है?
    • आप इस विचार को सुदृढ़ करके यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि नागरिकों के कल्याण और सरकारी संस्थानों के प्रभावी कामकाज के लिये नैतिक नेतृत्व महत्त्वपूर्ण है।

    परिचय:

    नैतिक नेतृत्व सुशासन की आधारशिला के रूप में कार्य करता है, सार्वजनिक विश्वास को प्रेरित करने और सरकारी संस्थानों के भीतर पारदर्शिता, जवाबदेही तथा समावेशिता जैसे मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है जो किसी भी लोकतांत्रिक समाज के कार्य करने की क्षमता के लिये अत्यंत आवश्यक है।

    संरचना:

    सुशासन के लिये नैतिक नेतृत्व आधारभूत रूप से आवश्यक है क्योंकि:

    • विश्वास निर्माण: सत्यनिष्ठा और ईमानदारी की विशेषता वाले नैतिक नेता जनता का विश्वास अर्जित करते हैं, जिससे सुशासन का आधार निर्मित होता है।
    • पारदर्शिता: नैतिक नेता सरकारी जानकारी तक जनता की पहुँच सुनिश्चित करते हैं, विश्वास को बढ़ावा देते हैं और नागरिक निर्णय को भी सूचित करते हैं।
    • उत्तरदायित्व: नैतिक नेता सरकारी संस्थानों की विश्वसनीयता को बनाए रखते हुए स्वयं को और अपने दल को उत्तरदायी बनाए रखते हैं।
    • समावेशन: नैतिक नेता विविधता को महत्त्व देते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि निष्पक्षता और समता के लिये निर्णय लेने में सभी की अभिव्यक्ति सुनिश्चित की जाए।
    • दीर्घकालिक दृष्टिकोण: नैतिक नेता अल्पकालिक लाभ के स्थान पर समाज के दीर्घकालिक कल्याण को प्राथमिकता देते हैं,साथ ही स्थायी शासन को बढ़ावा देते हैं।
    • संघर्ष समाधान: नैतिक नेता संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्षों का समाधान के साथ सामाजिक सद्भाव एवं स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।
    • संकट प्रबंधन: नैतिक नेता ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ संकटों का सामना करते हैं, साथ ही व्यापक कल्याण के लिये कठोर निर्णय लेते हैं और जनता के साथ ईमानदारी से संवाद भी करते हैं।

    निष्कर्ष:

    सुशासन, विश्वास, पारदर्शिता, जवाबदेही, समावेशिता तथा कानून के शासन को बढ़ावा देने के लिये नैतिक नेतृत्व आवश्यक है। लोकतांत्रिक संस्थानों के लिये लोगों के हितों को प्राथमिकता देना और अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाता है, जिससे नैतिक नेतृत्व लगातार परिवर्तित होते विश्व में नागरिक कल्याण के लिये एक कालातीत संपत्ति का निर्माण कर सके।