• प्रश्न :

    निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग से जुड़ी नैतिक चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। इन चुनौतियों से निपटने हेतु कौन से उपाय किये जा सकते हैं? (250 शब्द)

    06 Jul, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • AI के उपयोग से जुड़ी नैतिक चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
    • इन चुनौतियों से निपटने के उपाय बताइये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का आशय मशीनों या सॉफ्टवेयर की ऐसे कार्यों को करने की क्षमता से है जिनके लिये सामान्य रूप से मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है जैसे तर्क, सीखना, निर्णय लेना और समस्या-समाधान। स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सुरक्षा, मनोरंजन और वाणिज्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में AI के कई अनुप्रयोग और लाभ हैं। हालाँकि AI से कुछ नैतिक चुनौतियाँ भी उत्पन्न होती हैं जिनका समाधान करने की आवश्यकता है।

    मुख्य भाग:

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग से जुड़ी नैतिक चुनौतियाँ:

    • पारदर्शिता का अभाव:
      • AI एल्गोरिदम अक्सर ब्लैक बॉक्स के रूप में कार्य करते हैं, जिससे इनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया को समझना मुश्किल हो जाता है।
      • पारदर्शिता की यह कमी जवाबदेहिता के संबंध में चिंताएँ बढ़ाती है, क्योंकि AI -संचालित निर्णयों में त्रुटियों या पूर्वाग्रहों का पता लगाना और उन्हें सुधारना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
    • एल्गोरिथम पर आधारित:
      • AI सिस्टम उस डेटा में मौजूद आँकड़ों से प्रभावित हो सकते हैं जिस पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है।
      • इससे मौजूदा असमानताओं और भेदभाव के बने रहने के साथ अनुचित निर्णय लिये जा सकते हैं।
      • इसके महत्त्वपूर्ण सामाजिक परिणाम हो सकते हैं (विशेषकर नियुक्ति, आपराधिक न्याय और संसाधन आवंटन जैसे क्षेत्रों में)।
    • गोपनीयता और डेटा सुरक्षा:
      • AI सिस्टम निर्णय लेने के लिये व्यक्तिगत डेटा पर निर्भर होते हैं।
      • पर्याप्त सहमति या सुरक्षा के बिना व्यक्तिगत डेटा के संग्रह और उपयोग से व्यक्तिगत गोपनीयता संबंधी अधिकारों से समझौता हो सकता है।
      • संवेदनशील डेटा तक अनधिकृत पहुँच से निगरानी और अन्य गोपनीयता संबंधी उल्लंघन हो सकते हैं।
    • मानवीय जवाबदेहिता और उत्तरदायित्व:
      • जैसे-जैसे AI सिस्टम अधिक स्वायत्त होते जाते हैं इससे जवाबदेहिता और जिम्मेदारी का प्रश्न उठने लगता है।
      • एआई सिस्टम द्वारा लिये गए निर्णयों और उनके परिणामों के लिये जवाबदेहिता निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

    नैतिक चुनौतियों से निपटने के उपाय:

    • पारदर्शिता:
      • ऐसे AI सिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये जो पारदर्शी और समझने योग्य हों।
      • इसे ऐसे एल्गोरिदम डिज़ाइन करके प्राप्त किया जा सकता है जिनसे इनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया में स्पष्ट अंतर्दृष्टि मिलती हो, जिससे उपयोगकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि निर्णय कैसे और क्यों लिये जाते हैं।
    • पूर्वाग्रह का पता लगाना और उसका निराकरण करना:
      • AI सिस्टम के डेवलपर्स को इसके विकास तथा प्रशिक्षण चरणों के दौरान एल्गोरिथम पूर्वाग्रहों को सक्रिय रूप से पहचानना और कम करना चाहिये।
      • निष्पक्षता सुनिश्चित करने और निर्णय परिणामों पर पूर्वाग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिये नियमित ऑडिट और परीक्षण किये जाने चाहिये।
    • नैतिक ढाँचा और विनियमन:
      • सरकारों और नियामक निकायों को AI के उपयोग के लिये व्यापक नैतिक ढाँचे और नियम स्थापित करने चाहिये।
      • इनमें गोपनीयता, जवाबदेहिता और एआई-संचालित निर्णयों से प्रभावित व्यक्तियों के उचित उपचार जैसे मुद्दों का समाधान होना चाहिये।
    • मज़बूत डेटा गवर्नेंस:
      • व्यक्तिगत डेटा के जिम्मेदारीपूर्ण संग्रह, भंडारण और उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये मजबूत डेटा विनियमन प्रक्रियाओं को लागू किया जाना चाहिये।
      • व्यक्तियों के गोपनीयता संबंधी अधिकारों की सुरक्षा और डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिये डेटा संरक्षण कानून और प्रणालियों को लागू किया जाना चाहिये।
    • सतत निगरानी और मूल्यांकन:
      • संचालन के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी पूर्वाग्रह या त्रुटियों की पहचान करने के लिये AI सिस्टम की नियमित निगरानी और मूल्यांकन किया जाना चाहिये।
      • इससे समस्याओं का तुरंत पता लगाने और उन्हें सुधारने में मदद मिलने के साथ AI सिस्टम में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सकता है।

    निष्कर्ष:

    एआई के जिम्मेदारीपूर्ण और तार्किक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये एआई से संबंधित विभिन्न हितधारकों के बीच नैतिक सिद्धांतों और ढाँचे, कानूनी और नियामक मानकों और प्रणालियों, नैतिक शिक्षा तथा जागरूकता तथा नैतिक सहयोग एवं संवाद से संबंधित जागरूकता प्रसारित करने की आवश्यकता है।