• प्रश्न :

    चंपारण आंदोलन की विशेषताओं तथा महत्त्व को स्पष्ट करते हुए वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालें।

    12 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा:

    • चंपारण आंदोलन के बारे में लिखते हुए इसकी विशेषताओं के बारे में लिखें।
    • इसके महत्त्व के बारे में लिखें।
    • इसकी प्रासंगिकता के बारे में लिखें।

    1917 का चंपारण सत्याग्रह बागान मालिकों द्वारा प्रयूक्त तिनकठिया पद्धति के विरोध में किया गया एक अहिंसक आंदोलन था, जिसने भारत में गांधीजी के सत्य तथा हिंसा के ऊपर लोगों के विश्वास को सुदृढ़ किया। इस प्रकार यह आंदोलन एक युग प्रवर्तक के रूप में उभरा।

    विशेषताएँ:

    • सत्य पर आधारित भारत का प्रथम अहिंसक आंदोलन।
    • विरोधियों की निंदा करने के स्थान पर उनकी गलत नीतियों तथा शोषणयुक्त व्यवहार का तर्कपूर्ण विरोध।
    • महिलाओं तथा अन्य स्थानीय तथा कमजो़र समझे जाने वाले वर्ग की भागीदारी।
    • नैतिक आधार पर कानून के गलत होने पर कानून के आग्रहपूर्ण उल्लंघन पर बल।
    • अपनी प्रतिबंधित गतिविधियों की पूर्व सूचना के द्वारा सत्ता पक्ष का विश्वास लेकर उन पर नैतिक दबाव डालने की नीति।

    महत्त्व:

    • बिना किसी कठोर कार्रवाई के तिनकठिया पद्धति का अंत।
    • अंग्रेजों तथा बागान मालिकों का हृदय परिवर्तन हुआ। तिनकठिया पद्धति के समाप्त होने के बाद भी बागान मालिक और किसानों के संबंध खराब नहीं हुए।
    • गांधी तथा उनकी अहिंसात्मक पद्धति का महत्त्व बढ़ा और वह एक वैश्विक नेता के रूप में उभरे।
    • आगे के भारतीय आंदोलनों के लिये एक प्रेरक घटना बनकर उभरा।
    • अंततः इसी नीति पर चलकर भारत स्वतंत्र हुआ।

    प्रासंगिकता:

    • भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सालों बाद नेल्सन मंडेला द्वारा  इसी नीति का प्रयोग करते हुए अफ्रीका में स्वतंत्रता प्राप्त किया जाना वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता को दर्शाता है।
    • एक सकारात्मक राजनीति  के विकास में भी सहायक है जहाँ विरोधी पक्ष एक-दूसरे की निंदा करने के स्थान पर एक-दूसरे की गलत नीतियों का विरोध करें।
    • जनता के द्वारा सरकार की अतार्किक नीतियों के विरोध के लिये एक मार्गदर्शक बन सकता है।तोड़फोड़ से होने वाले नुकसान को कम करने में सक्षम।
    • विरोध हेतु अहिंसा पर बल देने के कारण आतंकवादी घटनाओं को रोकने में सक्षम।
    • सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलने की प्रेरणा के कारण समावेशी विकास में सहायक।

    स्पष्ट है कि 100 वर्ष बाद आज भी इस आंदोलन की प्रक्रिया विश्व में शांतिपूर्ण समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने में सक्षम है।