• प्रश्न :

    निर्णय लेने की प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) के उपयोग के नैतिक निहितार्थों पर चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

    27 Apr, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • इस संदर्भ में संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के नैतिक निहितार्थों पर चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के तीव्र विकास ने इसके निर्णय लेने की प्रक्रिया में नैतिक चिंताओं को बढ़ा दिया है। AI में दक्षता और सटीकता बढ़ाने की क्षमता है लेकिन इसके उपयोग से महत्त्वपूर्ण नैतिक चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।

    मुख्य भाग:

    निर्णय लेने की प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के नैतिक निहितार्थ:

    • तटस्थता:
      • AI प्रणाली से समाज में मौजूद पूर्वाग्रहों के साथ भेदभाव बना रह सकता है।
      • एल्गोरिदम केवल उस सीमा तक ही तटस्थ होते हैं जिस डेटा पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है।
      • इस प्रकार यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि भेदभाव को रोकने के लिये डेटा विविधीकृत और विभिन्न समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला हो।
    • जवाबदेहिता:
      • AI आधारित निर्णय लेने से यह निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है कि लिये गए निर्णयों के लिये कौन जिम्मेदार है।
      • इस प्रकार AI प्रणाली के विकास और क्रियान्वयन में शामिल सभी पक्षों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया जाना चाहिये।
    • पारदर्शिता:
      • AI आधारित निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता होना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्णय वैध और विश्वसनीय जानकारी के आधार पर लिये जा रहे हैं।
      • पारदर्शिता से AI सिस्टम में विश्वास बढ़ाने में मदद मिल सकती है जिससे लोग AI द्वारा लिये गए निर्णयों को समझने के साथ उन्हें चुनौती देने में सक्षम होते हैं।
    • गोपनीयता:
      • निर्णय लेने की प्रक्रिया में AI के उपयोग से निजता संबंधी चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
      • व्यक्तियों को जानकारी दिये बिना AI प्रणाली द्वारा एकत्र किये गए डेटा का उपयोग व्यक्तियों के बारे में निर्णय लेने के लिये किया जा सकता है।

    निष्कर्ष:

    निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में AI के उपयोग से उत्पन्न नैतिक चिंताओं का यह सुनिश्चित करने के लिये समाधान किया जाना चाहिये कि AI को जिम्मेदार और नैतिक तरीके से विकसित और कार्यान्वित किया जा रहा है। AI का विकास नैतिक सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होना चाहिये ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इससे समग्र रूप से समाज को लाभ हो।