• प्रश्न :

    प्रथम विश्व युद्ध के बाद की विश्व व्यवस्था को आकार देने में वर्साय की संधि का क्या महत्त्व था? (150 शब्द)

    24 Apr, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:
    • वर्साय की संधि के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • वर्साय की संधि के महत्त्व की चर्चा कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।


    परिचय:

    वर्ष 1919 में हस्ताक्षरित वर्साय की संधि, विश्व इतिहास की एक महत्त्वपूर्ण घटना थी जिसने प्रथम विश्व युद्ध के बाद की विश्व व्यवस्था को आकार दिया था।
    यह वुडरो विल्सन के 14 सूत्रीय भाषण (1918) के सिद्धांतों पर आधारित थी, जिसमें पूरी तरह से निरस्त्रीकरण के द्वारा स्वशासन, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा स्थापित करने पर बल दिया गया था।

    मुख्य भाग:

    इस संधि का महत्त्व:

    • यूरोप के मानचित्र का पुनर्निर्धारण:
      • इस संधि द्वारा यूरोप के मानचित्र का पुनर्निर्धारण करते हुए कुछ नए राज्यों का निर्माण किया गया और कुछ अन्य के क्षेत्रों का विस्तार किया गया।
      • इसके तहत जर्मनी को अपने क्षेत्र को बेल्जियम, चेकोस्लोवाकिया और पोलैंड को सौंपने तथा अल्सेस और लॉरेन क्षेत्रों को फ्राँस को वापस करने के लिये मजबूर किया गया था।
    • राष्ट्र संघ (League of Nations) का गठन:
      • इस संधि द्वारा सामूहिक सुरक्षा और निरस्त्रीकरण के माध्यम से भविष्य के युद्धों को रोकने के उद्देश्य से एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में राष्ट्र संघ का गठन किया गया था।
    • जर्मनी पर कठोर शर्तों को आरोपित करना:
      • इस संधि द्वारा जर्मनी पर कठोर शर्तों को लागू किया था। जिसमें जर्मनी को युद्ध की पूरी जिम्मेदारी लेने, इससे हुई क्षति की भरपाई करने और अपनी सैन्य एवं आर्थिक शक्ति पर प्रतिबंध लगाने के लिये मजबूर किया गया था।
      • इसमें युद्ध अपराधों के लिये जर्मनी के शासक कैसर विल्हेम-II पर मुकदमा चलाने के लिये कहा गया था।
      • इसके साथ-साथ इसमें "युद्ध अपराधबोध अनुच्छेद" शामिल किया गया था, जिसमें जर्मनी को युद्ध शुरू करने के लिये पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया गया था और उससे मित्र देशों को युद्ध के नुकसान की क्षतिपूर्ति करने के लिये कहा गया था।
    • राष्ट्रवाद का उदय:
      • इस संधि से न केवल नवगठित राज्यों के बीच राष्ट्रवाद और गौरव की भावना विकसित हुई थी बल्कि पराजित शक्तियों के बीच आक्रोश और बदला लेने की इच्छा भी उत्पन्न हुई।
      • इससे जर्मन लोगों में उत्पन्न होने वाले आक्रोश से एडॉल्फ हिटलर और नाजी पार्टी के उदय हेतु आधार तैयार हुआ था।
    • असैन्यीकरण (Demilitarization):
      • जर्मनी की सैन्य क्षमता को कमजोर करने के लिये उसे अपने सशस्त्र बलों को व्यापक स्तर पर कम करने के लिये मजबूर किया गया था।
    • निष्कर्ष::

    कुल मिलाकर, प्रथम विश्व युद्ध के बाद की विश्व व्यवस्था को आकार देने में वर्साय की संधि का महत्त्वपूर्ण योगदान था। यह संधि क्षमा, करुणा एवं देशों के बीच संबंधों की बहाली तथा दीर्घकालीन स्तर पर शांति सुनिश्चित करने की इच्छा के इतर भय एवं क्रोध पर आधारित थी। वर्साय की संधि के परिणामस्वरूप यूरोप में उदित होने वाले क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की परिणति द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में हुई।