• प्रश्न :

    सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण क्या थे? (150 शब्द)

    13 Mar, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • सिंधु घाटी सभ्यता का संक्षिप्त परिचय देते हुए अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारणों की विवेचना कीजिये।
    • तदनुसार निष्कर्ष दीजिये।

    परिचय:

    • सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) सबसे शुरुआती और सबसे उन्नत सभ्यताओं में से एक थी। यह लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व में आधुनिक पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत के क्षेत्र में विस्तृत थी। आगे चलकर इस सभ्यता का पतन हो गया था।

    मुख्य भाग:

    सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारक:

    • पर्यावरणीय कारक:
      • सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु नदी के उपजाऊ क्षेत्र में फली-फूली थी। हालाँकि जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की इसके पतन में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
        • उदाहरण के लिये संभावित रूप से लंबे समय तक सूखे की अवधि यहाँ पर जल और भोजन सहित प्राकृतिक संसाधनों की कमी का कारण बनी होगी।
          • इसी तरह से भूकंप और बाढ़ से बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचने के साथ व्यापार नेटवर्क भी बाधित हुआ होगा।
            • इसके अलावा सिंधु नदी के मार्ग में परिवर्तन से मोहनजोदड़ो जैसे कुछ शहरों का पतन हुआ होगा।
          • इसके अलावा सरस्वती नदी के सूखने (जो सिंधु घाटी सभ्यता के लिये जल के मुख्य स्रोतों में से एक थी) से इस सभ्यता का पतन हुआ होगा।
            • जल संसाधनों की कमी से कृषि (अर्थव्यवस्था का आधार) प्रभावित हुई होगी।
    • आर्थिक कारक:
      • सिंधु घाटी सभ्यता सुविकसित व्यापार और वाणिज्य प्रणाली वाली थी जिसमें समकालीन अन्य सभ्यताओं के साथ लंबी दूरी का व्यापार होता था।
        • हालाँकि आर्थिक कारक जैसे कि एक ही फसल पर अत्यधिक निर्भरता, व्यापार नेटवर्क में गिरावट और नए व्यापारिक मार्गों के उद्भव ने इस सभ्यता की आर्थिक स्थिरता को प्रभावित किया होगा।
          • इसके अलावा मृदा क्षरण या पर्यावरणीय कारकों से कृषि उत्पादकता में गिरावट से खादान्न की कमी होने के साथ आर्थिक गिरावट हुई होगी।
            • उदाहरण के लिये सिंधु घाटी सभ्यता और मेसोपोटामिया के बीच व्यापारिक नेटवर्क की गिरावट (जो इसके प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में से एक था) ने इसके पतन में योगदान दिया होगा।
              • व्यापारिक नेटवर्क के पतन के कारण स्पष्ट नहीं हैं लेकिन ये राजनीतिक या आर्थिक कारकों से संबंधित हो सकते हैं।
    • सामाजिक कारक:
      • सिंधु घाटी सभ्यता की पदानुक्रमिक सामाजिक संरचना थी। हालाँकि यह प्रणाली समय के साथ कम प्रभावी हुई होगी। परिष्कृत जल निकासी और सीवेज प्रणाली के साथ, सिंधु घाटी सभ्यता के शहर अत्यधिक योजनाबद्ध और संगठित थे।
        • हालांकि इस सभ्यता के अंत में बुनियादी ढाँचा का पतन होना शुरू हो गया था। ऐसा संसाधनों एवं जनशक्ति या प्रभावी नेतृत्व की कमी के कारण हुआ होगा।

    निष्कर्ष:

    • सिंधु घाटी सभ्यता का पतन संभवतः पर्यावरणीय, भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक कारकों से हुआ था। नदियों का सूखना, प्राकृतिक आपदाएँ, व्यापार नेटवर्क में गिरावट और सामाजिक एवं आर्थिक बुनियादी ढाँचे की गिरावट ने इस सभ्यता के पतन में भूमिका निभाई थी।
      • हालाँकि अभी भी IVC के पतन के बारे में बहुत कुछ अज्ञात है लेकिन इसके पतन का अध्ययन करने से सभ्यताओं के उत्थान और पतन में योगदान करने वाले कारकों के संबंध में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि मिल सकती है।