• प्रश्न :

    भूमंडलीकरण से आप क्या समझते हैं? भारतीय समाज को इसने किस प्रकार प्रभावित किया है ? चर्चा करें।

    02 Feb, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

    उत्तर :

    उत्तर  की रूपरेखा:
    • भूमंडलीकरण को संक्षेप में समझाएँ। 
    • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण के  प्रभावों  को  बताएँ।

     भूमंडलीकरण एक परिघटना न होकर एक ‘प्रक्रिया’ है, जो क्रमशः एवं चरणबद्ध तरीके से वैश्विक समुदाय को एकीकृत करने का प्रयास कर रही है। यह प्रक्रिया उतनी ही पुरानी है, जितनी मानव सभ्यता। हालांकि संकल्पना के रूप में शब्द की चर्चा विश्व युद्ध के  बाद के काल में हुई,  लेकिन सिंधु घाटी सभ्यता एवं सुमेरियाई सभ्यता के बीच व्यापारिक संबंध इसकी प्राचीनता की ओर इशारा करते हैं।

    आधुनिक समय में संकल्पना 1960 के दशक से चर्चा में आए जब कैनेडियाई साहित्य के आलोचक मार्शल लोहान ने वैश्विक ग्राम शब्द को लोकप्रिय बनाया था। तकनीक के बढ़ने के साथ ही यह प्रक्रिया और तीव्र होती गई,  लेकिन  शीत युद्ध के माहौल ने इसकी रफ्तार मंद रखी। 1991 में  सोवियत  संघ  के विघटन तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के  खुलेने से  प्रक्रिया तो तीव्र हुई  ही, भारत भी  इस वैश्विक ग्राम का एक महत्त्वपूर्ण सदस्य बन गया।

    चूँकि, प्रभावित करना एवं होना वैश्वीकरण की अनिवार्य प्रवृत्ति है। अतः भारतीय में समाज, अर्थव्यवस्था राजनीति इत्यादि के सभी हिस्से को इसने गंभीरता से प्रभावित किया। इसके कुछ प्रभाव सकारात्मक रहे तो कुछ नकारात्मक भी रहे। वैश्वीकरण के  सामाजिक प्रभाव सबसे अधिक प्रभावी एवं स्थायी हैं।  इसके प्रभावों को निम्नलिखित   बिंदुओं के  माध्यम से समझा जा सकता है।

    भूमंडलीकरण ने  संस्कृति को काफी गहरे रूप में प्रभावित किया है। इसके प्रभाव से भारत में वेश-भूषा,  खान-पान, संगीत, भाषा, विचार आदि क्षेत्रों में कई परिवर्तन देखने को मिलते हैं। वेशभूषा के संदर्भ में सर्वाधिक प्रभाव महिलाओं व पुरुषों के पहनावे को लेकर दिखता है। महिलाओं में जहाँ चुस्त कपड़े  पहनने का प्रचलन  बढ़ा है,  वही पुरुषों में कोट पेंट एवं टाई पहनने  का प्रचलन दिखता है।

    भूमंडलीकरण के कारण भाषा कई प्रकार से प्रभावित हुई है।  एक ओर  भूमंडलीकरण ने भाषा को तकनीकी रूप से समृद्ध किया है। वहीं दूसरी ओर मातृभाषा पर विदेशी भाषाओं का  प्रभाव भी दिखाई पड़ता है।

    साहित्य के क्षेत्र में भूमंडलीकरण ने पूंजीवादी मानसिकता  की  अहमियत बढ़ा दी है और पारंपरिक नैतिकतावादी साहित्य जो तुलनात्मक दृष्टि से कम उत्पादक होने के कारण उपेक्षित होने लगे हैं।  इसके अतिरिक्त भारतीय बाजारों में विभिन्न  विदेशी भाषाओं  के साहित्य भी देखने को मिल रहा हैं।

    संगीत के क्षेत्र में भूमंडलीकरण ने भारतीय शास्त्रीय संगीत  एवं लोक संगीत की लोकप्रियता को कुछ हद तक कम किया है और पॉप आदि के नाम पर कोलाहल और शराबा का  नया बाजार  बढ़ा  है।

    इस तरह यह कहा जा सकता है कि भूमंडलीकरण ने भारतीय समाज को कई रूपों में प्रभावित किया है जिसका प्रभाव भारतीय समाज में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है।