• प्रश्न :

    प्रश्न. आतंकवाद की जटिलता और तीव्रता, इसके कारणों, संबंधों तथा अप्रिय गठजोड़ का विश्लेषण कीजिये। साथ ही आतंकवाद के खतरे के उन्मूलन के लिये आवश्यक उपाय भी सुझाइये। (250 शब्द)

    23 Mar, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षा

    उत्तर :

    आतंकवाद का सरल अर्थ भय उत्पन्न कर अपने उद्देश्य की पूर्ति करना है। यह कोई विचारधारा या सिद्धांत नहीं, अपितु एक उपकरण है जिसका प्रयोग कर कोई राज्य, राजनीतिक संगठन, अलगाववादी संगठन एवं जातीय - धार्मिक उन्मादी अपने उद्देश्य की पूर्ति करता है।

    आतंकवाद के कारणों एवं आतंकवादी फंडिंग के स्रोत के रूप में संबंधों और एक अप्रिय गठबंधन को निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं:

    • निरक्षरता, गरीबी, उच्च बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि का लाभ लेकर युवाओं की ब्रेन वॉशिंग और इंटरनेट माध्यम से उनमें कट्टरता और घृणा का भाव उत्पन्न करना।
    • ऐतिहासिक अन्याय और मानवाधिकारों का उल्लंघन जैसी भ्रामक जानकारियों का सहारा लेकर युवाओं को आकर्षित करना।
    • संगठित अपराध तथा आतंकवाद के बीच पनपा गठजोड़।
    • समाज में बढ़ती असहिष्णुता तथा इनका लाभ उठाना।
    • पूर्वोत्तर भारत में विद्रोहियों को अवैध धन उपलब्ध कराने के लिये गोल्डन ट्रायंगल और गोल्डन क्रिसेंट की निकटता का लाभ लेकर मादक पदार्थों की अंतर्राज्यीय व अंतरा - राज्यीय तस्करी से आतंकवादियों के वित्तपोषण का कार्य।
    • अंतर्राष्ट्रीय सहायता से आतंकवादियों को नवीन तकनीकों की उपलब्धता एवं आतंकवादियों द्वारा इसका उपयोग।

    आतंकवाद के उन्मूलन हेतु भारत द्वारा विभिन्न विभिन्न उपाय किये गए हैं; जैसे - राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980; विधि विरुद्ध क्रियाकलाप ( निवारण ) अधिनियम, 1967 (2019 में संशोधित); अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय (CCIT ), 1996; धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 ( 2012 में संशोधित ) आदि। हालाँकि, आतंकवाद जैसे व्यापक चरित्र वाले शत्रु के लिये उपर्युक्त उपाय ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि अन्य सुझावों पर कार्य करने की भी आवश्यकता है, जो निम्नलिखित हैं

    • अंतर - एजेंसी भागीदारी और सूचना विनिमय को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय समन्वय तंत्र को मज़बूत करना, संयुक्त निगरानी की सुविधा एवं खतरे का आकलन करना आदि। आतंकवादी और संगठित अपराधों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना।
    • अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक अभिसमय को अंगीकार करना।
    • अवैध धन और लोगों के अवैध पारगमन को रोकने के लिये सीमा सुरक्षा प्रयासों को बढ़ावा देना।
    • यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि सामाजिक - आर्थिक विकास के परिणाम समावेशी हों।