• प्रश्न :

    समानुभूति से आप क्या समझते हैं, उदाहरण सहित समझाइये। वर्तमान सिविल सेवकों के लिये यह किस प्रकार एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है? चर्चा कीजिये।

    06 May, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    दृष्टिकोण

    • समानुभूति शब्द को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये।
    • सिविल सेवकों के लिये समानुभूतिके महत्त्व का उल्लेख कीजिये।
    • उपयुक्त निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय

    “एक व्यक्ति में किसी अन्य व्यक्ति, प्राणी अथवा किसी काल्पनिक चरित्र की मनःस्थिति को सटीक रूप में समझने की क्षमता समानुभूति (Empathy) कहलाती है।”

    यह केवल दूसरों की मनःस्थिति को समझने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उन भावनाओं को उस स्तर पर महसूस करने की क्षमता है जिस स्तर पर मूल व्यक्ति ने उन भावनाओं को महसूस किया था। इसका चरम रूप वहाँ दिखाई देता है जहाँ व्यक्ति की चेतना में ‘स्व’ तथा ‘पर’ का अंतर मिटने लगता है।

    प्रारूप

    • समानुभूति को ‘संज्ञानात्मक समानुभूति’ तथा ‘भावनात्मक समानुभूति’ में बाँटा गया है।
      • संज्ञानात्मक समानुभूति को पुनः ‘परिप्रेक्ष्य ग्रहण’ तथा ‘कल्पना’ में विभाजित किया गया है। परिप्रेक्ष्य ग्रहण किसी अन्य व्यक्ति के व्यवहार को समझने की क्षमता है, जबकि कल्पना किसी काल्पनिक चरित्र की परिस्थितियों को समझने की क्षमता है।
      • भावनात्मक समानुभूति को भी दो भागों यथा- ‘समानुभूतिक चिंता’ और ‘समानुभूतिक तनाव’ में बाँटा जाता है। समानुभूतिक चिंता में व्यक्ति की भावनाएँ उत्तेजित होती हैं। वह चाहने लगता है कि पीड़ित व्यक्ति की स्थिति में सुधार हो और यदि वह किसी तरह का सहयोग करने की स्थिति में होता है तो पीड़ित व्यक्ति का सहयोग भी करता है।
        • समानुभूतिक तनाव में तीव्रता का स्तर और भी अधिक होता है। यह तीव्रता इतनी अधिक होती है कि व्यक्ति का सामान्य जीवन-यापन भी कठिन हो जाता है। समानुभूतिक तनाव के लाभ कम और हानियाँ ज़्यादा हैं।
      • सामान्यतः समानुभूति का संदेश गाँधी जी के इन वाक्यों से भी मिलता है- “जब भी तुम्हें संदेह हो या तुम्हारा अहम् तुम पर हावी होने लगे, तो यह कसौटी आज़माओ : जो सबसे गरीब और कमज़ोर आदमी तुमने देखा हो, उसको याद करो और अपने ह्रदय से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिये कितना उपयोगी होगा, क्या उससे उसे कुछ लाभ पहुँचेगा?”

    सिविल सेवकों के लिये समानुभूति का महत्त्व

    • समानुभूति दूसरों के लिये अपनेपन और चिंता की भावना से संबंधित है, यही कारण है कि यह सिविल सेवकों को जनता की समस्याओं से जुड़ा हुआ और संबद्ध महसूस कराती है।
    • समानुभूति और चिंता के कारण ही सिविल सेवक अपने चरित्र का प्रदर्शन करते हैं जो कि मानव कल्याण में रुचि दिखाने से संबंधित है।
    • समानुभूति के बिना सिविल सेवक लंबे समय तक नहीं रह सकते हैं क्योंकि सहानुभूतिपूर्ण चरित्र नागरिकों में एक प्रकार का जुड़ाव उत्पन्न करता है।
    • समानुभूतिपूर्ण व्यवहार और अपनापन स्वाभाविक रूप से व्यक्तिगत स्नेह की ओर ले जाता है जो बदले में प्रशासक और प्रशासित के बीच के संबंध को मज़बूत करता है।

    निष्कर्ष

    समानुभूति जो कि प्रायः दूसरों के लिये एक प्रकार की चिंता प्रदर्शित करने हेतु उपयोग किया जाने वाला शब्द है,सबसे महत्त्वपूर्ण गुणों में से भी एक है और इसे हम सभी में विकसित किया जाना चाहिये। इस मूल्य के निहितार्थ अधिक हैं क्योंकि जब समानुभूति रखने वाले लोग किसी को दर्द में देखते हैं तो वे दया प्रदर्शित करने की बजाय उनके साथ उनके दर्द को महसूस करते हैं।