• प्रश्न :

    ‘साम्यवादी विचारधारा के मूलभूत सिद्धांतों की चर्चा कीजिये।

    25 Mar, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • संक्षेप में साम्यवाद को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत करें।
    • साम्यवाद के मूल सिद्धांतों पर चर्चा करें।
    • संक्षिप्त निष्कर्ष दें।

    साम्यवाद एक ऐसा सामाजिक एवं राजनीतिक दर्शन है, जो राजनीतिक संस्थानों के विश्लेषण एवं मूल्यांकन तथा मानव की पहचान और उसके कल्याण के लिये समुदाय के महत्त्व पर ज़ोर देता है।

    साम्यवाद के अनुसार, सार्वजनिक निर्णय लेने का वांछनीय लक्ष्य है एक स्वस्थ समुदाय, जिसमें व्यक्तिगत चुनाव के विकल्पों की अधिकता न हो।

    इस विचारधारा के तहत व्यक्ति को समाज से अलग नहीं माना जाता है। इसके अनुसार, समाज के भीतर ही सभी व्यक्तियों का अस्तित्व है और वे समाज से ही अपनी पहचान प्राप्त करते हैं। समाज और व्यक्ति, मानव जीवन तथा खुशी के लिये पूर्व शर्त है।

    एक तरह से साम्यवाद समाज को व्यक्ति पर प्राथमिकता देता है।

    साम्यवाद के अनुसार, सामुदायिक मुद्दों पर संवाद को महत्त्व दिया जाना चाहिये, समस्याओं का विश्लेषण करना चाहिये और व्यक्ति आधारित निर्णय के स्थान पर समाज आधारित निर्णय लेने की कोशिश की जानी चाहिये।

    उनके अनुसार, कानून तभी प्रभावी होंगे जब वे एक नैतिक सहमति पर आधारित हों एवं विशिष्ट लक्ष्यों के लिये हों।

    जिन लक्ष्यों को सरकारों द्वारा आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, वे हैं- स्वस्थ नागरिकता, पर्यावरण संरक्षण, अपराधों को कम करना और सामुदायिक एकजुटता को मज़बूत करना।

    हालाँकि वे सामूहिकतावाद या तानाशाही विचारधारा के किसी भी रूप का समर्थन नहीं करते हैं। वे एक वैश्विक समाज बनाने की बात करते हैं जिसमें विविधता हो और आधुनिक सूचना युग की सारी विशेषताएँ भी।

    निष्कर्ष

    यह दृष्टिकोण आधुनिक बाज़ारवाद के सिद्धांतों के विपरीत है जिसमें असंख्य व्यक्तिगत निर्णय निजी फायदे को ध्यान में रखकर लिये जाते हैं।

    इसके विपरीत साम्यवादियों का तर्क है कि परोपकारिता, निष्ठा, समुदाय-आधारित निर्णय और सामूहिक भावनाएँ सामाजिक जीवन के लिये नितांत आवश्यक हैं।