• प्रश्न :

    चुलबुल अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक मंत्री का करीबी सहयोगी है। वह अपनी गुंडागर्दी के लिये जाना जाता है। एक बार वह किसी मॉल में मार-पीट के दौरान एक दुकान के मालिक के बेटे को बुरी तरह पीटता है। आम तौर पर, ऐसे मामलों से चुलबुल अपने तरीके से बच निकलता था। लेकिन इस बार दुकान के मालिक ने सख्त रुख अपनाया और चुलबुल के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। मामले को देखने वाला प्रभारी पुलिस अधिकारी नया है और कानून के अनुसार आगे बढ़ रहा है। उस पुलिस अधिकारी ने चुलबुल के खिलाफ मामले को रफा-दफा करने से इनकार कर दिया है। चुलबुल इस मामले में मंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करता है। लेकिन मंत्री उसे बताता है कि वह संबंधित पुलिस अधिकारी को स्थानांतरित कर देगा। इसके अलावा एक अफवाह है कि मंत्री के किसी करीबी रिश्तेदार को उस पुलिस कर्मी के प्रतिस्थापन के रूप में लाया जाएगा। कल्पना कीजिये कि आप वही पुलिस अधिकारी हैं जिसे स्थानांतरित किया जाना है। आप अपने सामने उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कीजिये और बताइये कि आप इस मामले में कैसे प्रतिक्रिया देंगे?

    19 Mar, 2021 सामान्य अध्ययन पेपर 4 केस स्टडीज़

    उत्तर :

    पुलिस अधिकारी के पास उपलब्ध विकल्प:-

    1. मंत्री की कार्रवाई से बचने के लिये वह चतुराई से जाँच में देरी करता है।

    • इस विकल्प का चुनाव अनुचित है।
    • पुलिस अधिकारी को तुरंत कार्रवाई करनी होगी और जाँच को आगे बढ़ाना होगा।
    • ऐसे मामलों में प्रक्रिया में देर करने से मामला कमज़ोर हो जाता है।
    • इस तरह की कार्रवाई रणनीतिक रूप से स्व-हित में काम करने और कर्तव्य का निर्वहन न करने जैसा है।

    2. पुलिस अधिकारी चुपचाप ट्रांसफर ले लेता है।

    • इस विकल्प का चुनाव अनुचित है।
    • पुलिस अधिकारी को कानून का पालन करते हुए अपराध की जाँच करनी चाहिये।
    • उसे बाहरी कारकों से प्रभावित हुए बिना मामले के तथ्यों के आधार पर कानूनी प्रावधानों को लागू करना चाहिये।
    • स्थानांतरण का चुनाव पुलिस अधिकारी के अवसरवादी व्यवहार को प्रदर्शित करेगा और यह दर्शाएगा कि वह मंत्री की गुड बुक में बने रहना चाहता है। यह अधिकारी के कर्तव्य का अपमान होगा।

    3. मामले को अधिक तूल न दे और व्यापारी को अधिक कानूनी प्रावधानों को लागू करने के लिये अदालत जाने की सलाह दे।

    • इस विकल्प का चुनाव भी अनुचित है क्योंकि इसमें कुटिल या कपटपूर्ण आचरण शामिल है।
    • इस तरह से काम करने की वजह से पुलिस अधिकारी अपना कर्तव्य या अपनी ज़िम्मेदारी व्यापारी या पीड़ित को हस्तांतरित कर देगा।
    • पुलिस अधिकारी को इस तरह की कार्ययोजना का सहारा लिये बिना सीधे अपना कर्तव्य निभाना होगा।
    • मामले को प्रभावित किये बिना पुलिस को अभियोजन पक्ष की तरफ से अदालत के सामने केस को पेश करना होगा।
    • पुलिस की तुलना में पीड़ित कमज़ोर स्थिति में होते हैं और शायद ही कभी वे स्वयं अभियुक्त पर प्रभावी कार्रवाई कर सकें। इसलिये उन्हें पुलिस के पूर्ण समर्थन की आवश्यकता होती है।

    4. चुलबुल के खिलाफ बिना पक्षपात के कार्य करना। साथ ही पुलिस अधिकारी द्वारा मंत्री को यह बताया जाना चाहिये कि वह अपने घनिष्ठ का पक्ष न ले क्योंकि यह विधि के शासन के विरुद्ध है।

    • इस विकल्प का चुनाव किया जाना सही होगा।
    • एक जाँच अधिकारी का कर्तव्य है कि वह अपराध का संज्ञान ले, निष्पक्ष रूप से और जितनी जल्दी संभव हो सके जाँच करे। चूँकि यह उसका कानूनी (और नैतिक भी) कर्तव्य है, उसे अन्य रणनीतिक या व्यक्तिगत विचारों से विचलित नहीं होना चाहिये।
    • इसके अलावा मंत्री को स्पष्ट रूप से यह बताना सही है कि वह अपने पद का दुरुपयोग कर रहा है और उसने न्यायिक प्रक्रिया के साथ छेड़छाड़ की है।

    निष्कर्ष

    राजनीति और राजनेताओं का अपराधीकरण, नौकरशाहों और अपराधियों की साँठगाँठ के चलते अपराध के राजनीतिकरण जैसे मामले में सरकार को कोई ठोस उपाय करना चाहिये। द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने सिफारिश की है कि भ्रष्टाचार की परिभाषा को व्यापक करते हुए इस तरह के कृत्यों को उसमें शामिल करना चाहिये और आचार संहिता को सख्ती से लागू किया जाना चाहिये।