• प्रश्न :

    गिग इकॉनमी से आप क्या समझते हैं? औद्योगीकरण 4.0 और गिग इकॉनमी किस प्रकार एक दूसरे से अंतर्संबंधित है? चर्चा करें।

    24 Jun, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • गिग इकॉनमी का परिचय। 

    • बिंदुवार समझाएं की औद्योगीकरण 4.0 से यह किस प्रकार से अंतर्संबंधित है?

    • निष्कर्ष ।

    गिग इकॉनमी एक ऐसी मुक्त बाज़ार व्यवस्था है जहाँ पारंपरिक पूर्णकालिक रोज़गार के स्थान पर अस्थायी रोज़गार का प्रचलन होता है। इसके तहत कंपनियाँ या संगठन अपनी अल्पकालिक या विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु स्वतंत्र श्रमिकों के साथ अनुबंध करते हैं। ऐसे श्रमिक एक बार कार्य या प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अपनी रूचि के अनुसार दूसरे कार्य या प्रोजेक्ट की ओर आगे बढ़ने के लिये स्वतंत्र होते हैं।

    विश्वव्यापी मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म नैकिन्से के अनुसार पूरी दुनिया में गिग इकॉनमी का प्रसार तेज़ी से हो रहा है। दरअसल केंद्रीकृत संचार वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग, डैशबोर्ड, वास्तविक समय कार्य निर्धारण इत्यादि के तकनीकी विकास ने गिग इकॉनमी के लिये एक बाजार निर्मित किया तो वहीं स्टार्ट-अप संस्कृति के उद्भव ने इसे लोकप्रिय बना दिया।

    गिग इकॉनमी अपनाने के अनेक लाभ है जैसे-बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के भी गिक इकॉनमी का आकार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है, जो इसके विशेष लाभों में एक है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि उच्च कौशलयुक्त मानव संसाधन की आवश्यकतानुसार उपब्धता होती है। गिग कर्मी को एक से अधिक स्रोतों से आय अर्जित करने का अवसर मिलता है। महिलाओं के संदर्भ में देखें तो सभी ज़िम्मेदारियों का निवर्हन करते हुए पूर्णकालिक कार्मिक के तौर पर अपनी भूमिका को निरंतर बनाए रख पाती है।

    गिग इकॉनमी औद्योगिकरण 4.0 में अंतर्सबंध निम्नलिखित बिंदुओं के अंतर्गत समझा जा सकता है-

    • अर्थशास्त्री रोनॉल्ड के अनुसार, कोई भी कंपनी तब तक उन्नति करती है जब तक चाहरदीवारी में बैठा कर लोगों को काम कराना, बाजार में जाकर काम करा लेने से सस्ता होगा। अर्थात कोई भी कंपनी यदि बाज़ार में जाकर, प्रत्येक विशिष्ट काम अलग-अलग विशेषज्ञों से कराती है और यह लागत कंपनी के सामान्य लागत से कम है जो स्वाभाविक बात है कि एक निश्चित वेतन पर लंबे समय के लिये लोगों की नौकरी पर रखने के बजाए वह बाज़ार में जाना पसंद करेगी।
    • औद्योगीकरण क्रांति 3.0 में वैश्वीकरण निजीकरण तथा उदारीकरण ने बाज़ार में निकलकर काम लेना आसान बना दिया।
    • गौरतलब है कि औद्योगीकरण 4.0 के कारण हमारे कार्य करने के तरीकों में व्यापक बदलाव आएगा।
    • रोबोटिक्स, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, नैनों टेक्नोलॉजी तथा वर्चुअल रियलिटी जैसी तमाम तकनीकें जब आपस में मिलेंगी तो उत्पादन और निर्माण के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा।

    नि:संदेह इस वैश्विक महामारी ने गिग इकॉनमी के प्रसार में ब्रेक लगा दिया है किंतु इस बात की संभावना है कि लॉकडाउन के बाद इसका तीव्र गति से प्रसार होगा।