• प्रश्न :

    जेट स्ट्रीम के विकास की अवस्थाओं को स्पष्ट करते हुए इसके महत्त्व पर चर्चा करें।

    03 Oct, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    भूमिका में :-  

    जेट स्ट्रीम को स्पष्ट करते हुए इसके विकास चक्र की संक्षिप्त चर्चा के साथ उत्तर प्रारंभ करें।

    विषय-वस्तु में :-

    भूमिका से लिंक रखते हुए जेट स्ट्रीम विकास की चारों अवस्थाओं को विश्लेषित करके लिखें, जैसे :

    1. प्रथम अवस्था में जेट स्ट्रीम की स्थिति ध्रुवों के पास होती है। 
    2. द्वितीय अवस्था में रासबी लहरों के निर्माण के साथ जेट स्ट्रीम का भूमध्य रेखा की ओर विस्तार होने लगता है। 
    3. तृतीय अवस्था में जेट स्ट्रीम का प्रवाह पूर्णतया लहरनुमा हो जाता है। 
    4. चतुर्थ अवस्था में अत्यधिक देशांतरीय प्रवाह के कारण तरंगों का विच्छेदन, फलस्वरूप मूल धारा से अलग होकर चक्राकार मार्ग का निर्माण। 

    प्रथम पैराग्राफ से लिंक रखते हुए द्वितीय पैराग्राफ में जेट स्ट्रीम के महत्त्व पर चर्चा करें, जैसे :

    • जेट स्ट्रीम की उपस्थिति के कारण ही मध्य अक्षांशों में चक्रवातों का प्रबल हो जाना, परिणामस्वरूप सामान्य से अधिक वृष्टि। 
    • जेट स्ट्रीम के कारण धरातलीय चक्रवातों एवं प्रतिचक्रवातों के स्वरूप में परिवर्तन होने से मौसम में उतार-चढ़ाव। 
    • ऊपरी वायुमंडल में अभिसरण तथा अपसरण होने से उच्च तलीय चक्रवातों एवं प्रतिचक्रवातों का निर्माण इत्यादि। 

    अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।

    नोट : निर्धारित शब्द-सीमा में विश्लेषित करके लिखें।