• प्रश्न :

    कृषि में प्रत्येक स्तर पर महिलाओं की बहुआयामी भूमिका की नकारा नहीं जा सकता। वर्तमान में कृषि क्षेत्र में महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियों की चर्चा करें तथा बताए कि कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका में सुधार हेतु सरकार द्वारा कौन-कौन से प्रयास किये जा रहे हैं।

    08 May, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • भूमिका

    • कृषि क्षेत्र में महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियाँ

    • सरकारी प्रयास

    • निष्कर्ष

    खाद्य तथा कृषि संगठनों के अनुसार भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान लगभग 32% है, जबकि कुछ राज्यों की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान पुरुषों की तुलना में अधिक है। 2011 की जनगणना के अनुसार, कुल मुख्य महिला श्रमिकों में से 55% कृषि मज़दूर और 24% कृषक थी। FAO का यह भी मानना है कि यदि महिलाओं को पुरुषों के समान उत्पादक संस्थाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित हो जाती है तो वे अपने खेतों में 20 – 30% तक की उपज में वृद्धि कर सकते हैं।

    कृषि क्षेत्र में महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनौतियाँ

    • संस्थागत ऋण का अभाव
    • सम्पत्ति के अधिकारों का अभाव
    • महिला किसानों को आधुनिक अनुबंध-कृषि से अलग रखा जाना।
    • जब विशिष्ट शारीरिक श्रम को स्वचालित बनाने हेतु एक नई तकनीक प्रारंभ की जाती है तो महिलायें अपनी नौकरियां खो देती है।
    • बेहतर प्रशिक्षण का अभाव
    • लैगिंक भेदभाव
    • निम्न प्रतिनिधित्व
    • कृषि को अधिक उत्पादक बनाने के लिये संसाधनों और आधुनिक आगतों (बीज, उर्वरक, कीटनाशक) तक पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सामान्यत: कम पहुंच प्राप्त होती है।

    सरकारी प्रयास:

    • अभी तक चल रही सभी योजनाओं तथा कार्यक्रमों में महिला लाभार्थियों के लिये बजट आवंटन में वृद्धि।
    • जैविक कृषि, स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि के तहत महिलाओं को प्राथमिकता।
    • सहकारी समितियों में भागीदारी बढ़ाने के लिये सहकारी शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन।
    • महिलाओं के लिये किसान क्रेडिट कार्ड तथा कृषि प्रसंस्करण के माध्यम से आजीविका के अवसर सृजित करना।

    उपरोक्त के अतिरिक्त 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महिलाओं की भूमिका को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है।