• प्रश्न :

    भारत सहित विश्व के प्रमुख ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्रों की पहचान कीजिये। इन क्षेत्रों में ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास के कारकों की पहचान कीजिये।

    03 Feb, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोल

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    भूमिका।

    विश्व के प्रमुख ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्रों का वर्णन।

    अवस्थिति में विभिन्न कारकों की भूमिका।

    द्वितीय विश्व युद्ध से पूर्व ऑटोमोबाइल उत्पादन यूरोप के कुछ देशों तक ही सीमित था, जिसमें जर्मनी का रूर क्षेत्र, यूनाइटेड किंगडम के लंदन, बर्मिंघम तथा इटली प्रांत प्रमुख थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ऑटोमोबाइल उत्पादन क्षेत्र में अग्रणी बन गया।

    महान झीलों के आस-पास के क्षेत्र जैसे-ड्रेटायट, क्लीवलैंड आदि में प्रमुख ऑटोमोबाइल उद्योग स्थापित किये गए। तीव्र औद्योगीकरण तथा तकनीकी परिवर्तन ने एशियाई देशों को भी इस क्षेत्र की ओर प्रेरित किया और शीघ्र ही जापान, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देश ऑटोमोबाइल के प्रमुख उत्पादक बन गए। वर्तमान में चीन विश्व का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उत्पादक है। धीरे-धीरे वैश्वीकरण और आर्थिक सुधारों ने भारत का ध्यान भी इस क्षेत्र की ओर आकर्षित किया और तीव्र विकास करते हुए भारत के कई मेट्रोपोलिटन शहर ऑटोमोबाइल विनिर्माण के केंद्र बन गए। हैदराबाद, अहमदाबाद आदि क्षेत्रों ने भी इस दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है।

    विभिन्न कारकों की भूमिका:

    • बाज़ार: ऑटोमोबाइल को एक लग्ज़री वस्तु समझा जाता है। इसलिये बाज़ार और खासकर बड़े शहरों के निकट इसकी स्थापना को प्राथमिकता दी जाती है। यह भारग्राही (Weight gaining) उद्योग भी है। इसलिये भी इसकी स्थापना बाज़ार के आस-पास ही की जाती है।
    • परिवहन: नए उद्योगों को ऐसे क्षेत्रों में स्थापित किया जाता है जहाँ आंतरिक तथा बाह्य परिवहन की उत्तम व्यवस्था हो। इसके अलावा इससे संबंधित कच्चे माल (सीसा, टायर, प्लास्टिक, लोहा) को एक जगह लाने के लिये भी उन्नत व्यवस्था अनिवार्य है।
    • श्रम: सस्ते किंतु कुशल श्रम की उपलब्धता।
    • सरकारी नीतियाँ: कर संबंधी दरें और आसान नीतियाँ भी इनके स्थानीयकरण को प्रभावित करती हैं।
    • औद्योगिक संकुल: एक जगह पर विभिन्न उद्योगों की अवस्थिति भी ऑटोमोबाइल के विभिन्न पुर्ज़ों की उपलब्धता को आसान तथा सस्ता बनाती है।