• प्रश्न :

    कार्य संस्कृति से आप क्या समझते हैं? संस्कृति तथा कार्य संस्कृति किस प्रकार एक-दूसरे से संबंधित हैं? चर्चा करें।

    16 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • कार्य संस्कृति किसे कहते हैं?

    • संस्कृति तथा कार्य संस्कृति में क्या संबंध है।

    • कुछ उदाहरणों के माध्यम से दोनों के मध्य संबंधों को समझाएं ।

    कार्य संस्कृति से आशय कार्यालय के उस संपूर्ण वातावरण से है जो कार्य के विषय में कर्मचारियेां की मनोवृत्तियों को निर्धारित करता है। प्राय: प्रत्येक संगठन की एक विशिष्ट कार्य संस्कृति होती है।

    जिस प्रकार हमारी संस्कृति हमें बताती है कि हमें क्या करना चाहिये क्या नहीं, किसी विशेष परिस्थिति में कैसा व्यवहार करना चाहिये कैसा नहीं, किन मूल्यों का अनुगमन करना चाहिये किनका नहीं तथा बाकी लोगों से क्या अपेक्षाएँ रखनी चाहिये और क्या नहीं; उसी प्रकार किसी संगठन की कार्य संस्कृति उसके कर्मचारियों को इन्हीं सब विषयों से जुड़े निर्देश प्रदान करती है।

    कार्य संस्कृति संगठन के विभिन्न पक्षों में अभिव्यक्त होती है जैसे संगठन का उद्देश्य क्या है? अपनी सामाजिक भूमिका के प्रति उसकी राय क्या है? कर्मचारियों पर कैसी आचरण संहिताएँ तथा नियमावलियाँ लागू होती है, कौन-से प्रतीकों का प्रयोग संगठन करता है तथा उसके कर्मचारियों की सामान्य आदतें किस प्रकार की है, इत्यादि।

    संस्कृति तथा कार्य संस्कृति में संबंध

    किसी संगठन की कार्य संस्कृति काफी हद तक उस समाज की मूल संस्कृति से प्रभावित होती है। इसे निम्नलिखित उदाहरणों द्वारा समझा ज सकता है-

    • जैसी सत्ता की संरचना संस्कृति में होती है वैसी ही कार्य संस्कृति में भी दिखती है। उदाहरण- जिन देशों में पितृसत्तावादी ढाँचा है वहाँ कि कार्य संस्कृति में शक्ति का अंतराल भी साफ दिखाई देता है जबकि जिन समाजों में परिवार भीतर से लोकतांत्रिक हो गया है वहाँ कार्य संस्कृति में भी समानता तथा स्वतंत्रता का भाव दिखेगा।
    • यदि संस्कृति में व्यक्तिवाद अधिक हावी है तो कर्मचारी अपने संगठन के प्रति आर्थिक व भावनात्मक दृष्टि से कम निर्भर होगे तथा उसकी व्यक्तिगत पहचान को ही महत्त्व दिया जाएगा सामाजिक पहचान को नहीं। दूसरी ओर यदि संस्कृति के सामूहिक ढाँचों का अधिक महत्त्व है तो व्यक्ति अपने संगठन पर अधिक निर्भर होगा तथा उसकी सामूहिक पहचान से अधिक महत्त्व मिलेगा।
    • यदि समाज में सांस्कृतिक वैविध्य है और वैविध्य के प्रति सम्मान का भाव या लचीलापन है तो कार्य संस्कृति में भी विभिन्न वर्गों का बेहतर अनुपात होगा तथा समावेशी विकास होगा।
    • संस्कृतिक सहजता पर अधिक बल दिया जाता है या औपचारिकता पर इस संदर्भ में भी जैसी प्राथमिकताएँ संस्कृति में है वैसी ही कार्यालय के भीतर भी दिखेगी।

    होक्सटेड ने इस संबंध में सांस्कृतिक आयाम का सिद्धांत प्रस्तुत किया है जिसका सार यह है कि संस्कृति कार्य संस्कृति को व्यापक स्तर पर प्रभावित करती है।