• प्रश्न :

    आर्थिक विकास का नेहरूवियन मॉडल बेहद उत्साहजनक होने के बावजूद कुछ सीमाओं से बंधा था जिसके कारण यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में पूर्णतः सफल न हो सका किंतु इसकी प्रासंगिकता आज भी है। चर्चा करें।

    06 Jan, 2020 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    हल करने का दृष्टिकोणः

    • नेहरु मॉडल का संक्षिप्त परिचय।

    • उद्देश्य तथा सीमाएँ।

    • प्रासंगिकता।

    नेहरु समाजवादी विचारों से प्रभावित थे तथा उनके द्वारा प्रस्तुत अर्थव्यवस्था का मॉडल सार्वजनिक क्षेत्र को नेतृत्वकता तथा निजी क्षेत्र को सहायक की भूमिका प्रदान करने का पक्षधर था। राज्य द्वारा संचालित नौकरशाही को इसमें मुख्य भूमिका निभानी थी।

    नेहरु की नीति के अनुरूप चलकर-

    • भारत ने धीरे-धीरे ही सही किंतु उत्पादन में आत्मनिर्भरता तथा विविधता की ओर कदम बढ़ाए।
    • घरेलू उद्योगों को भी आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया गया।
    • सार्वजनिक क्षेत्र मज़बूत हुआ जिससे रोज़गार सृजन की संभावनाएँ भी बढ़ी।

    किंतु इस नीति की कुछ सीमाएँ भी रही; जैसे - प्रारंभिक दौर में संवृद्धि दर का अपेक्षानुरूप न बढ़ना, उच्च मुद्रास्फिति, नवाचार की कमी, नौकरशाही का अत्यधिक हस्तक्षेप तथा निर्यात की उपेक्षा आदि।

    उपरोक्त सीमाओं के बावजूद नेहरुवियन मॉडल के प्रमुख तत्त्व, जैसे- गरीबी उन्मूलन में राज्य की भूमिका, पूंजी निर्माण पर बल देना, बचत को महत्त्व देना तथा सार्वजनिक उद्यमों को मज़बूत कर रोज़गार की संभावनाओं को बढ़ावा देना आज भी भारत के विकास हेतु महत्त्वपूर्ण कारक है।