• प्रश्न :

    देश में विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने व विभिन्न उद्योगों के विकास में गैर-सरकारी संगठनों एवं स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर टिप्पणी करें। (250 शब्द)

    02 Dec, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    प्रश्न विच्छेद

    देश एवं उद्योगों के विकास में एनजीओ एवं स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को बताना है।

    हल करने का दृष्टिकोण

    एनजीओ के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए विकास में इनकी भूमिका से संबंधित पक्षों को स्पष्ट कीजिये।

    स्वयं सहायता समूह एवं इनकी भूमिका की चर्चा कीजिये।

    आलोचनात्मक पक्ष को स्पष्ट कीजिये।

    सुझावात्मक निष्कर्ष दीजिये।

    गैर-सरकारी संगठन सोशल सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम के अंतर्गत एक ऐसा पंजीकृत संगठन है जो स्वायत्त बोर्डों के माध्यम से संचालित होता है। सामाजिक समस्याओं को हल करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने में एनजीओ की मुख्य भूमिका होती है जिसके अंतर्गत कृषि, पर्यावरण, शिक्षा, संस्कृति आदि क्षेत्र आते हैं। इन एनजीओ को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अनुदान भी दिया जाता है। देश के विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में एनजीओ की भूमिका को निम्न लिखित रूपों में देखा जा सकता है:

    • राज्य के पास नागरिकों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आवश्यक वित्तीय साधन एवं मानवशक्ति नहीं होती, ऐसे में सरकार द्वारा पूरी न की जाने वाली आवश्यकताओं के लिये एनजीओ अतिरिक्त साधन जुटाकर स्थानीय जीवन को समृद्ध कर सकते हैं।
    • एनजीओ शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों, जहाँ संसाधन सीमित हैं, में भी सहायता कर सकते हैं एवं क्षेत्र में संचालित कार्यों को अच्छी प्रकार निष्पादित कर सकते हैं। उदाहरण के लिये स्माइल फाउंडेशन, नन्ही कली, केयर इंडिया आदि एनजीओ की भूमिका इस क्षेत्र में देखी जा सकती है।
    • एनजीओ देश में विभिन्न सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के कल्याण हेतु सरकार द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के संदर्भ में अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के बारे में भी शिक्षित करने का कार्य करते हैं।
    • एनजीओ ‘चेतना’ जहाँ बच्चों के अधिकार के लिये कार्य कर रही है तो एनजीओ ‘ब्रेक थ्रू’ मानव अधिकारों के सशक्तीकरण को लेकर क्रियाशील है।
    • ये वृद्ध, विकलांग, महिलाओं आदि विशेष समूहों की उन आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास भी करते हैं जिनकी पूर्ति राज्य द्वारा वित्तीय अभाव के कारण समुचित रूप से नहीं हो पाती। वर्तमान में हेल्प ऐज इंडिया वृद्धों के कल्याण के लिये कार्य कर रही है।
    • इसी प्रकार वर्तमान में बैंकिंग एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं से सहायता प्राप्त करने में वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये स्वयं सहायता समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

    स्वयं सहायता समूह के तहत 10-20 लोग एक समूह बनाते हैं और आपस में मिलकर कुछ धन जमा करते हैं। इस जमा धन का प्रयोग समूह के लोग आपस में ऋण प्रदान करने एवं स्वरोज़गार को बढ़ाने के लिये करते हैं। इसके माध्यम से विभिन्न कुटीर उद्योगों जैसे-शहद निर्माण, वस्त्रों पर कासीदाकारी, आचार बनाना, मोम निर्माण आदि को बढ़ावा मिलता है। ये समूह कुटीर उद्योगों के विकास के साथ-साथ रोज़गार एवं आय सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। देश के विकास में इनकी भूमिका को निम्न रूप में देख सकते हैं:

    • स्वयं सहायता समूह देश के बेरोज़गार युवाओं के लिये एक वरदान की तरह हैं क्योंकि इनके माध्यम से समान जाति, धर्म, वर्ग के युवा मिलकर स्वयं सहायता समूह का निर्माण कर रहे हैं एवं इससे मिलने वाली धनराशि का प्रयोग छोटे-मोटे व्यापार में कर रहे हैं।
    • स्वयं सहायता समूह ने महिला सशक्तीकरण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज देश में लाखों महिलाएँ विभिन्न प्रकार के स्वरोज़गारों में संलग्न हैं।

    उपरोक्त के विश्लेषण से देश एवं उद्योगों के विकास में गैर-सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों की भूमिका स्पष्ट है। हालाँकि गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका को लेकर कुछ आशंकाएँ भी व्यक्त की जा रही हैं परंतु इसका प्रभावी हल निकाला जाना चाहिये।