• प्रश्न :

    हिंदी व्याकरण के संदर्भ में किशोरीदास वाजपेयी के योगदान का आकलन कीजिये। (2014, प्रथम प्रश्न-पत्र, 2a)

    15 Dec, 2017 रिवीज़न टेस्ट्स हिंदी साहित्य

    उत्तर :

    हिंदी व्याकरण लेखन के चौथे चरण में किशोरीदास वाजपेयी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इनका व्याकरण-लेखन पूर्व के सभी प्रयासों के दोषों को दूर करने में सहायक सिद्ध हुआ।

    वाजपेयी जी का व्याकरण-लेखन में महत्त्वपूर्ण योगदान यह है कि इन्होंने कामता प्रसाद के व्याकरण लेखन की कमियों को दूर करने का प्रयास किया। इस कार्य हेतु 1954 में काशी नागरी प्रचारिणी सभा ने यह कार्य इनको सौंपा। इस कार्य को इन्होंने बखूबी पूरा किया।

    दूसरा योगदान यह है कि 1915-1950 के दौरान मानकीकरण की प्रक्रिया चल रही थी और हिंदी भाषा का स्वरूप भी तेज़ी से बदल रहा था। ऐसे समय में वाजपेयी जी ने हिंदी व्याकरण को अद्यतन बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्य में उनका सहयोग करने वालों में राहुल सांकृत्यायन, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर तथा पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्र का नाम प्रमुख है।

    हालाँकि, ‘हिंदी शब्दानुशासन’ नामक इस व्याकरण ग्रंथ में कुछ वाजपेयी जी के निजी दोष प्रकट हुए हैं, जैसे चलती हुई लोकभाषा का प्रयोग, कामता प्रसाद गुरु के व्याकरण पर तीखा व्यक्तिगत आक्षेप आदि।