• प्रश्न :

    चीन की वे प्रमुख सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिस्थितियाँ क्या थीं जिन्होंने चीनी गृहयुद्ध में कम्युनिष्ट पार्टी को विजय दिलाई?

    21 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 1 इतिहास

    उत्तर :

    भूमिका:


    चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की विजय ने न केवल चीन को बल्कि सम्पूर्ण विश्व को प्रभावित किया। इस विजय ने कर्मठता, राष्ट्रप्रेम, संगठन, नेतृत्व आदि अनेक घटकों के सम्मिलन का परिचय दिया। कम्युनिस्ट पार्टी की इस अभूतपूर्व विजय के पीछे अनेक कारणों की एक शृंखला को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक आधार पर विभक्त किया जा सकता है।

    विषय-वस्तु

    सामाजिक कारण:

    कुओमिंगतांग दल, जो साम्यवादी दल का एकमात्र विरोधी था, का चीनी समाज में लोकप्रियता काफी घट गई थी। विदेशी शासन के अत्याचारों और शोषण के कारण समाज में कुओमिंगतांग दल की राष्ट्रवादी सरकार के प्रति असंतोष उत्पन्न हुआ।
    इसके विपरीत चीनी साम्यवादी दल ने अपनी संस्कृति के पक्ष में इतिहास तथा जापानी उपनिवेशवाद के शोषण के विरूद्ध समाज का नेतृत्व किया। इसका परिणाम यह हुआ कि समाज ने गृहयुद्ध के समय कुओमिंगतांग के स्थान पर साम्यवादी दल का समर्थन किया।

    राजनीतिक कारण:

    कुओमिंगतांग दल की राष्ट्रवादी पार्टी का सैन्य संगठन एवं नीतियाँ अप्रभावी थीं। सैनिकों को समय पर वेतन नहीं मिलता था। सैन्य अधिकारी व्यक्तिगत लाभों से संचालित होते थे। इन नीतियों ने राष्ट्रवादी दल की सरकार को कमजोर किया।

    कुओमिंगतांग दल के मुखिया च्यांग काई शेक ने अदूरदर्शिता का परिचय दिया। उसने जापानी आक्रामकता की तुलना में साम्यवादी दल को बड़ा खतरा माना, जबकि साम्यवादी दल ने जापानी आक्रामकता के विरूद्ध राष्ट्रीय एकता को महत्त्वपूर्ण माना। फलस्वरूप गृहयुद्ध के समय जनता ने साम्यवादी दल का समर्थन किया।च्यांग काई शेक की अपेक्षा माओ त्से तुंग एक अच्छा नेतृत्वकर्त्ता था।

    आर्थिक कारण:

    कुओमिंगतांग की राष्ट्रवादी सरकार ने साम्राज्यवादी शक्तियों के साथ गठबंधन किया था, जबकि साम्राज्यवादी शक्तियाँ चीनी जनता, संसाधन आदि का शोषण करने में लगी हुई थी।

    जनता में सरकार के विरूद्ध आर्थिक असंतोष भी बढ़ गया था। वस्तुओं की उपलब्धता के बावजूद भी कालाबाजारी के कारण महंगाई बढ़ गई थी। मुनाफाखोरों पर सरकार नियंत्रण लगा पाने में असमर्थ थी।

    निष्कर्ष


    इस प्रकार साम्यवादियों की सफलता का कारण उनकी बढ़ती लोकप्रियता तथा कुओमिंगतांग दल की उसी अनुपात में बढ़ती अलोकप्रियता थी। जनता राष्ट्रवादी सरकार की नीतियों से तंग आ चुकी थी, फलस्वरूप किसी अन्य विकल्प के अभाव में उन्होंने साम्यवादी दल का समर्थन किया।