• प्रश्न :

    मुस्लिम महिलाओं के विवाह संबंधी अधिकारों के संरक्षण के लिये लाए गए नए बिल की सकारात्मक तथा नकारात्मक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए इसकी प्रासंगिकता पर विचार करें।

    02 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    हाल ही में संसद में मुस्लिम महिलाओं के विवाह संबंधी अधिकारों के संरक्षण के लिये लाए गए बिल में तीन तलाक को गैरकानूनी बताते हुए इसका प्रयोग करने वाले व्यक्ति के लिये अधिकतम 3 वर्ष की कैद तथा जुर्माने की सजा़ का प्रावधान किया गया है।  इससे संबंधित सकारात्मक तथा नकारात्मक पक्ष को निम्न रूप में देखा जा सकता है।

    सकारात्मक पक्ष

    • तीन तलाक की व्यवस्था को समाप्त करना हमारे संविधान के अनुच्छेद 14 के आदर्शों के अनुकूल है। साथ ही इससे इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गये निर्देशों का पालन भी हो सकेगा।
    • इससे मुस्लिम समाज में महिलाओं का उत्पीड़न  घटेगा, जिससे समाज में लिंग आधारित विभेद की समस्या घटेगी।
    • इसे दंडनीय तथा गैर जमानत  अपराध बनाए जाने से पुरुषों में अनावश्यक रूप से तलाक भी जाने की प्रवृत्ति में कमी आएगी।
    • इसके अलावा तलाक की स्थिति में अधिनियम की धारा 5 तथा धारा 6 के तहत किये गए उचित मुआवजा के प्रावधान महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा भी उपलब्ध करवाते हैं।

    समस्याएँ

    • तीन तलाक व्यवस्था के प्रयोग को साबित करना एक कठिन कार्य है ऐसे में इसका प्रयोग पुरुषों के उत्पीड़न के लिये भी किया जा सकता है।
    • तीन तलाक की धारा 3 को अवैध  किए जाने से इसका प्रभाव ही समाप्त हो गया है।  ऐसे में यह  दंड  एक ऐसे अपराध के लिये है  जिसका होना ही संभव नहीं। यह इस कानून की तार्किक असंगति को दर्शाता है। हालाँकि इसे अपराध किए जाने का प्रयास माना जा सकता है।

    प्रासंगिकता:
    निश्चय ही तीन तलाक को अवैध किया जाना महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है। यह वर्तमान समय के महिला आंदोलन के अनुकूल भी है। इससे मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा और निकाह हलाला जैसी व्यवस्था पर भी नियंत्रण लगेगा, क्योंकि अब इस विधि से तलाक ही नहीं होगा तो निकाह हलाला की आवश्यकता ही नहीं होगी। किंतु एक सिविल कार्य को दंडनीय अपराध बनाना पुरुषों के उत्पीड़न का कारण बन सकता है। साथ ही  बहुविवाह जैसे प्रावधानों का व्यावहारिक समाधान भी आवश्यक है, जो महिलाओं के उत्पीड़न का एक बड़ा कारण है। अधिक प्रासंगिक बनाने के लिये इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।