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दिवस- 5: अमेरिकी और फ्राँसीसी क्रांतियों ने आधुनिक विश्व में संवैधानिक शासन एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं के उदय में किस प्रकार योगदान दिया? (150 शब्द)

20 Jun 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | इतिहास

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • अमेरिकी और फ्राँसीसी क्रांतियों के संक्षिप्त अवलोकन से उत्तर लेखन की शुरुआत कीजिये।
  • प्रत्येक क्रांति द्वारा प्रस्तुत मूल विचारों और राजनीतिक संरचनाओं पर प्रकाश डालिये।
  • आधुनिक लोकतांत्रिक शासन को आकार देने में उनकी स्थायी विरासत पर विचार प्रस्तुत करते हुए उचित निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

अमेरिकी क्रांति (वर्ष 1776) और फ्राँसीसी क्रांति (वर्ष 1789) ऐसे ऐतिहासिक घटनाक्रम थे जिन्होंने वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को मूलतः परिवर्तित कर दिया। इन दोनों क्रांतियों ने निरंकुश शासन को चुनौती दी तथा आधुनिक युग में संवैधानिक शासन एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं की वैचारिक और संस्थागत नींव रखी।

मुख्य भाग:

अमेरिकी क्रांति का योगदान

  • अमेरिकी क्रांति ने वर्ष 1776 में 'स्वतंत्रता की उद्घोषणा' (Declaration of Independence) का मार्ग प्रशस्त किया, जिसमें प्राकृतिक अधिकारों, जन-संप्रभुता तथा अत्याचारी शासन के विरुद्ध विद्रोह के अधिकार के सिद्धांतों की उद्घोषणा की गयी।
  • इसके पश्चात वर्ष 1787 में विश्व का पहला लिखित संविधान अस्तित्व में आया, जिसने निम्नलिखित व्यवस्थाओं की स्थापना की—
    • शक्तियों का पृथक्करण (मोंटेस्क्यू के विचारों से प्रेरित),
    • कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका के बीच 'परीक्षण और संतुलन' (Checks and Balances) की प्रणाली,
    • संघीय संरचना तथा
    • वर्ष 1791 में 'अधिकार-पत्र' (Bill of Rights) के माध्यम से व्यक्ति की स्वतंत्रताओं की रक्षा।

अमेरिकी संविधान मॉडल ने कनाडा, लैटिन अमेरिका तथा उपनिवेशोत्तर एशिया व अफ्रीका जैसे देशों में संवैधानिक विकास को प्रेरित किया, विशेषतः लिखित संविधान की परंपरा और न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) की व्यवस्था को।

फ्राँसीसी क्रांति का योगदान

  • फ्राँसीसी क्रांति ने निरंकुश राजतंत्र एवं सामंती विशेषाधिकारों का अंत कर दिया तथा उनके स्थान पर जन-प्रभुसत्ता और गणतंत्रात्मक व्यवस्था की स्थापना की।
  • वर्ष 1789 में घोषित ‘मानव और नागरिक के अधिकारों की उद्घोषणा’ ने विधि के समक्ष समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं धर्मनिरपेक्ष नागरिक राष्ट्रवाद की घोषणा की।
  • फ्राँसीसी क्रांतिकारी सभाओं ने वर्ष 1792 में सार्वभौमिक पुरुष मताधिकार की शुरुआत की, जो उस समय के लिये एक क्रांतिकारी लोकतांत्रिक अवधारणा थी।
  • इस क्रांति ने समस्त यूरोप में राजतंत्र विरोधी तथा गणतंत्र समर्थक विद्रोहों को प्रेरणा दी, जैसे: वर्ष 1848 की क्रांति, जिसने आगे चलकर 20वीं शताब्दी के उपनिवेश-विरोधी आंदोलनों को भी दिशा दी।

वैश्विक प्रभाव और विरासत

  • फ्राँसीसी तथा अमेरिकी, दोनों क्रांतियों ने संविधान को राजनैतिक सत्ता की वैध नींव के रूप में स्थापित किया, जिससे 'ईश्वरीय अधिकार' तथा 'वंशानुगत शासन' की मान्यता समाप्त हुई।
  • इन क्रांतियों ने विधि का शासन, नागरिकता, समानता तथा राजनैतिक प्रतिनिधित्व जैसे सिद्धांतों को संस्थागत स्वरूप प्रदान किया।
  • इन मूल्यों ने आधुनिक उदार-लोकतांत्रिक राज्य की नींव रखी, जो संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्रों, द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात बने संविधानों तथा सार्वभौमिक मानवाधिकार ढाँचों को प्रभावित करते हैं।

निष्कर्ष

जैसा कि एलेक्सिस द टोकेविल ने डेमोक्रेसी इन अमेरिका में लिखा है—"अमेरिकी क्रांति परिपक्व और विवेकपूर्ण स्वतंत्रता के चयन का परिणाम थी, जबकि फ्राँस की क्रांति समानता के उग्र प्रेम से उत्पन्न हुई थी।"

इन दोनों क्रांतियों ने मिलकर एक द्वैध विरासत का निर्माण किया: अमेरिका ने संवैधानिक ढाँचे की रूपरेखा प्रदान की और फ्राँस ने लोकतंत्र में जन-भागीदारी तथा क्रांतिकारी ऊर्जा का संचार किया, जिसने आधुनिक विश्व की लोकतांत्रिक संस्थाओं को गहराई से प्रभावित किया।