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दिवस 18: क्वांटम कम्प्यूटिंग पारंपरिक कम्प्यूटिंग से कैसे भिन्न है? क्वांटम कंप्यूटिंग के उपयोग और चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

28 Jul 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | विज्ञान-प्रौद्योगिकी

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण

  • क्वांटम कंप्यूटिंग को परिभाषित कीजिये और इसके गुणों का उल्लेख कीजिये।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग और पारंपरिक कंप्यूटिंग के बीच अंतर बताइये।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग की प्रयोज्यता और चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग के उचित उपयोग के लिये कुछ उपायों का सुझाव देते हुए निष्कर्ष निकालिये।

क्वांटम कंप्यूटिंग एक तेज़ी से उभरती हुई तकनीक है जो क्लासिक कंप्यूटरों हेतु बहुत जटिल समस्याओं को हल करने के लिये क्वांटम यांत्रिकी के नियमों का उपयोग करती है।

क्वांटम कंप्यूटिंग के गुण:

क्वांटम कंप्यूटिंग के मूल गुण सुपरपोज़िशन (Superposition), एंटैंगलमेंट (Entanglement) और इंटरफेरेंस (Interference) हैं।

  • सुपरपोज़िशन: यह क्वांटम प्रणाली की एक साथ कई अवस्थाओं में होने की क्षमता को संदर्भित करता है। सुपरपोज़िशन का एक उदाहरण किसी सिक्के का उछाला जाना है, जो लगातार बाइनरी अवधारणा के तहत हेड्स या टेल्स रूप में भूमि पर गिरता है। हालाँकि, जब वह सिक्का मध्य हवा में होता है, तो यह हेड्स और टेल्स दोनों होता है (जब तक यह जमीन पर न गिर जाए)। माप से पहले इलेक्ट्रॉन क्वांटम सुपरपोज़िशन में होते हैं।
  • एंटैंगलमेंट: इसका अर्थ है एक जोड़ी (क्यूबिट्स) के दो सदस्य एकल क्वांटम अवस्था में मौजूद होते हैं। किसी एक क्यूबिट की स्थिति को बदलने से तुरंत दूसरे की स्थिति में भी परिवर्तन (एक पूर्वानुमानित तरीके से) होगा। ऐसा तब भी होता है जब वे बहुत अधिक दूरी पर अलग-अलग रखे हों। आइंस्टीन द्वारा इस तरह की घटना को ‘एक्शन एट ए डिस्टेंस’ का नाम दिया गया।
  • इंटरफेरेंस: क्वांटम इंटरफेरेंस बताता है कि प्राथमिक कण (क्यूबिट्स) किसी भी समय (सुपरपोज़िशन के माध्यम से) एक से अधिक स्थानों पर उपस्थित नहीं हो सकते, लेकिन यह एक व्यक्तिगत कण, जैसे कि फोटॉन (प्रकाश कण) अपने स्वयं के प्रक्षेपवक्र को पार कर अपने मार्ग की दिशा से हस्तक्षेप कर सकता है।

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क्वांटम कम्प्यूटिंग पारंपरिक कंप्यूटिंग
क्वांटम कंप्यूटर पाँचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर हैं। कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी का उपयोग किया जाता है।
क्वांटम कंप्यूटिंग में क्वांटम तंत्र जैसे उलझाव और सुपरपोज़िशन की घटना का उपयोग किया जाता है जो कहता है कि एक ही समय में एक से अधिक अवस्था हो सकते हैं। इस कंप्यूटिंग में विद्युत परिपथ की पारंपरिक घटना (Classical Phenomenon) का उपयोग किया जाता है। इस परिघटना के अनुसार, एक समय में केवल एक ही अवस्था होती है जो या तो ON या OFF होाती है।
यूबिट या क्‍वांटम बिट की मदद से क्‍वांटम कंप्‍यूटर में सूचनाओं का भंडारण किया जाता है। क्‍बिट 0 या 1 की मदद से सूचनाओं का भंडारण पारंपरिक रूप से किया जाता है।
बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक्स को क्वांटम ट्रांजिस्टर, SQUID या सुपरकंडक्टिंग क्वांटम इंटरफेरेंस डिवाइस द्वारा वर्णित किया गया है। CMOS ट्रांजिस्टर द्वारा बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक्स का वर्णन किया गया है।
क्वांटम कंप्यूटर, पारंपरिक कंप्यूटरों के साथ-साथ सुपर कंप्यूटर की तुलना में कई गुना तेज होते हैं। पारंपरिक कंप्यूटर, क्वांटम कंप्यूटर की तुलना में धीमे होते हैं।
क्वांटम कंप्यूटिंग का उपयोग बड़े डेटा विश्लेषण और सिमुलेशन में किया जाता है। पारंपरिक कंप्यूटर मेमोरी के अंदर जानकारी संग्रहीत करते हैं और आवश्यकताओं के आधार पर परिणाम उत्पन्न करने के लिये उस जानकारी हेतु एल्गोरिदम, गणना और सूत्र लागू करते हैं।

क्वांटम प्रौद्योगिकी का उपयोग:

  • सुरक्षित संचार:
    • चीन ने हाल ही में स्थलीय स्टेशनों और उपग्रहों के बीच सुरक्षित क्वांटम संचार लिंक का प्रदर्शन किया।
    • यह अन्य क्षेत्रों के साथ उपग्रहों, सैन्य और साइबर सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह अपने उपयोगकर्त्ताओं को अकल्पनीय रूप से तीव्र कंप्यूटिंग और सुरक्षित एवं हैकरहित उपग्रह संचार की सुविधा प्रदान करता है।
  • अनुसंधान: यह गुरुत्वाकर्षण, ब्लैक होल आदि से संबंधित भौतिकी के कुछ मूलभूत प्रश्नों को हल करने में सहायक हो सकता है। इसी तरह, क्वांटम पहल जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट (Genome India Project- GIP) को एक बढ़त प्रदान कर सकती है, जो जीवन विज्ञान, कृषि और चिकित्सा में नई क्षमता को सक्षम करने के लिये 20 संस्थानों का एक साझा प्रयास है।
  • आपदा प्रबंधन: क्वांटम अनुप्रयोगों से सुनामी, सूखा, भूकंप और बाढ़ का अधिक सटीकता से पूर्वानुमान लगाए जाने की संभावनाएँ हैं। जलवायु परिवर्तन के संबंध में डेटा के संग्रह को क्वांटम तकनीक के माध्यम से बेहतर तरीके से सुव्यवस्थित किया जा सकता है।
  • औषधि: क्वांटम कंप्यूटिंग नए अणुओं की खोज और संबंधित प्रक्रियाओं में लगने वाली समय-सीमा (लगभग 10-वर्षों) को घटाकर कुछ दिनों तक कर सकता है।
  • औद्योगिक क्रांति4.0 को संवर्द्धित करना: क्वांटम कंप्यूटिंग औद्योगिक क्रांति 4.0 का एक अभिन्न अंग है। यह सफलता औद्योगिक क्रांति4.0 से संबंधित अन्य तकनीकों जैसे-इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (IoT), मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने के लिये शुरु की गई अन्य रणनीतिक पहलों में मददगार होगी। जो भविष्य में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था (Knowledge economy) की नींव रखने में सहायक होगा।

क्वांटम कंप्यूटिंग से संबद्ध चुनौतियाँ:

  • क्वांटम कंप्यूटिंग का नकारात्मक विघटनकारी प्रभाव क्रिप्टोग्राफिक एन्क्रिप्शन (Cryptographic Encryption) पर देखा जा सकता है जिसका उपयोग संचार और कंप्यूटर सुरक्षा में किया जाता है।
  • यह सरकार के समक्ष भी चुनौती उत्पन्न कर सकता है क्योंकि अगर यह तकनीक गलत हाथों में चली गई, तो सरकार के सभी आधिकारिक और गोपनीय डेटा के हैक होने एवं उनका दुरुपयोग होने का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

सोशल मीडिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लंबे विकास क्रम के बाद, अब उन्हें विनियमित करने की मांग की जा रही है। व्यापक रूप से उपलब्ध होने से पहले क्वांटम कंप्यूटिंग हेतु एक नियामक ढाँचा विकसित करना चाहिये। परमाणु तकनीक की तरह समस्या के हाथ से निकलने से पहले ही इसे राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विनियमित करना या इसके वैध उपयोग की सीमाओं को परिभाषित करना भी बेहतर होगा।