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दिवस 24: भावनात्मक बुद्धिमत्ता को भावनाओं पर आधारित अवलोकन द्वारा परिभाषित किया जाता है। विश्लेषण कीजिये। (150 शब्द)

03 Aug 2022 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | सैद्धांतिक प्रश्न

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता को परिभाषित करके अपने उत्तर की शुरुआत कीजिये और उल्लेख कीजिये कि यह भावनाओं पर कैसे आधारित है।
  • व्यक्ति के जीवन में संवेगात्मक बुद्धि के महत्त्व का उल्लेख कीजिये।
  • उल्लेख कीजिये कि इसे कैसे सुधारा जा सकता है।
  • भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिये।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता का अर्थ, स्वयं के भीतर और दूसरों में भावनात्मक सूचनाओं को सही और प्रभावी ढंग से समझना,प्रक्रिया करना और नियंत्रित करने की क्षमता है। साथ ही, किसी की सोच और कार्यों का मार्गदर्शन करने और दूसरों को प्रभावित करने के लिये प्राप्त जानकारी का उपयोग करना है।

भावनात्मक गुणक (Emotional Quotient- EQ) किसी के EI का एक माप है यानी इससे एक मानकीकृत परीक्षण के माध्यम से स्वयं और दूसरों के संबंध में भावनाओं के बारे में जागरूकता का पता चलता है।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता के विभिन्न स्वरूप निम्नानुसार हैं:

  • स्व-जागरूकता: यह किसी भी समय हमारी भावनाओं का सटीक रूप से विश्लेषण करने और हमारी वरीयताओं के अनुसार निर्णय लेने की क्षमता है। स्व-जागरूकता का एक और अर्थ हमारी क्षमताओं का यथार्थवादी मूल्यांकन करना और अत्यधिक आत्मविश्वास प्राप्त करना है।
  • स्व-विनियमन: इसका तात्पर्य भावनाओं पर नियंत्रण से है ताकि कार्य प्रारंभ करने में बाधा न आए और यह सहायक हो। इसका एक अन्य तात्पर्य उद्देश्य की ईमानदारी और तात्कालिक सुखों में विलंब की इच्छा भी है। समग्रत: इसका आशय है कि व्यत्ति भावनात्मक तनाव से जल्दी उभर सके।
  • सहानुभूति: यह दूसरे क्या महसूस कर रहे हैं, यह समझने की क्षमता है। यह किसी व्यक्ति को दूसरों के दृष्टिकोण से वस्तुओं को देखने में सक्षम बनाता है। इसका तात्पर्य है, लोगों के विविध समूहों के साथ तालमेल और अनुकूलन करने की तत्परता।
  • सामाजिक कौशल: इनमें सामाजिक स्थितियों और तंत्र को सही ढंग से समझकर रिश्तों में भावनाओं को संभालने की क्षमता होती है, जैसे- लोगों के साथ सहज व्यवहार करना, सहयोग और टीम वर्क को बढ़ावा देना।

भावनात्मक गुणक (EQ) बनाम बुद्धिमत्ता गुणक (IQ)

  • EQ किसी व्यक्ति की भावनात्मक बुद्धिमत्ता के स्तर का माप है। यह किसी व्यक्ति की भावनाओं को देखने, नियंत्रित करने, मूल्यांकन करने और व्यक्त करने की क्षमता को संदर्भित करता है।
  • IQ एक व्यक्ति की बुद्धि का आकलन करने के लिये डिज़ाइन किये गए कई मानकीकृत परीक्षणों में से एक से प्राप्त आकलन है। इसका उपयोग अकादमिक क्षमताओं को निर्धारित करने और ऑफ-द-चार्ट इंटेलिजेंस या मानसिक चुनौतियों वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिये किया जाता है।
  • EQ भावनाओं की पहचान करने, दूसरों की भावनाओं का मूल्यांकन करने, अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने, दूसरों की भावनाओं को समझने, सामाजिक संचार की सुविधा के लिये भावनाओं का उपयोग करने और दूसरों से संबंधित होने जैसी क्षमताओं पर केंद्रित है।
  • IQ दृश्य और स्थानिक प्रसंस्करण, दुनिया का ज्ञान, द्रव तर्क, कार्यशील स्मृति और अल्पकालिक स्मृति एवं मात्रात्मक तर्क जैसी क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता में निम्नलिखित तरीकों से सुधार किया जा सकता है:

  • स्वयं का मूल्यांकन करके व्यक्ति विभिन्न स्थितियों में अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को जान सकता है।
  • दूसरों को देखकर व्यक्ति दूसरों की भावनाओं को समझ सकता है।
  • अपनी अभिव्यक्ति में सुधार करके व्यक्ति बेहतर ढंग से संवाद कर सकता है।
  • दूसरों पर किसी की कार्रवाई के प्रभाव का विश्लेषण करके व्यक्ति अपने कार्यों को ठीक कर सकता है।

आजकल संगठन विभिन्न सामूहिक गतिविधियों, अभ्यासों, संगोष्ठियों और परीक्षणों के माध्यम से अपने कर्मचारियों के बीच भावनात्मक बुद्धिमत्ता में सुधार के लिये पहल करते हैं। हालाँकि जीवन में किसी के अनुभवों के कारण उम्र (परिपक्वता) के साथ EI में भी सुधार होता है।