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राष्ट्रीय अवसंरचना परियोजनाएँ | 02 Sep 2020 | भारतीय अर्थव्यवस्था

चर्चा में क्यों?

हाल में भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले से देश को संबोधित करते हुए अन्य कई क्षेत्रों के साथ देश के अवसंरचना क्षेत्र से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घोषणा की है। वर्तमान में COVID-19 महामारी के बीच इस प्रकार की घोषणा का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है। प्रधानमंत्री ने देश को तेज़ी से आधुनिकता की तरफ ले जाने के लिये समग्र बुनियादी ढाँचे के विकास को एक नई दिशा प्रदान करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। प्रधानमंत्री के अनुसार, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन' (National Infrastructure Pipeline- NIP) के तहत देश में अवसंरचना विकास पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु: 

‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन'

(National Infrastructure Pipeline- NIP):  

प्रमुख तथ्य:  

सुझाव:

इस रिपोर्ट में अलग-अलग उद्देश्यों के लिये तीन समितियों के गठन का भी सुझाव दिया है- 

  1. निगरानी: NIP की प्रगति की निगरानी और विलंब को दूर करने हेतु समिति का गठन। 
  2. क्रियान्वयन की समीक्षा: परियोजना में क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु प्रत्येक अवसंरचना के लिये मंत्रालय स्तर पर एक संचालन समिति।   
  3. वित्तीय संसाधन जुटाने हेतु: NIP के लिये वित्तीय संसाधन जुटाने हेतु आर्थिक मामलों के विभाग’ (Department of Economic Affairs- DEA) के अंतर्गत एक संचालन समिति का गठन। 

अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में अवसंरचना परियोजनाओं की भूमिका:

चुनौतियाँ:

अवसर और समाधान:   

परियोजनाओं का चुनाव:  

विकास वित्तीय संस्थान की स्थापना:

(Development Finance Institution- DFI)   

लंबित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान:  

निजी क्षेत्र की भागीदारी:

अभ्यास प्रश्न: ‘राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन’ का संक्षिप्त परिचय देते हुए वर्तमान परिस्थितियों में देश के विकास में इसकी भूमिका की समीक्षा कीजिये