संसद टीवी संवाद

सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021 | 05 Aug 2021 | भारतीय अर्थव्यवस्था

चर्चा में क्यों? 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम, 2008 (Limited Liability Partnership Act, 2008) में सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021 के जरिये संशोधन को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के बारे में:

एलएलपी और पारंपरिक साझेदारी फर्मों के बीच अंतर:

विधेयक की मुख्य विशेषताएँ:

आगे की राह

निष्कर्ष

सीमित देयता भागीदारी व्यवसाय का सबसे लचीला रूप है और भागीदारों को एक अधिक सुरक्षित व्यावसायिक वातावरण प्रदान करता है। विधेयक के माध्यम से प्रस्तावित नवीनतम संशोधन बहुत सारे छोटे और बड़े उद्यमों को कवरेज प्रदान करेंगे और एक कंपनी के साथ-साथ पारंपरिक साझेदारी फर्मों को भी लाभ प्रदान करेंगे।

हालाँकि नए व्यवसायों को अधिक अवसर प्रदान करने के लिये एंजेल निवेशकों तक पहुँच को आसान बनाने और ईएसओपी जारी करने के संदर्भ में मानदंडों में अधिक आसानी की आवश्यकता है।