संसद टीवी संवाद

सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश | 11 Aug 2020 | भारतीय अर्थव्यवस्था

संदर्भ:  

केंद्र सरकार द्वारा देश के 23 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (Public Sector Undertking- PSU) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि इन उपक्रमों में विनिवेश की अनुमति केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पहले ही दी जा चुकी है। केंद्रीय वित्त मंत्री के अनुसार, सरकार ऐसे समय में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी बेचना चाहती है जब उसे इसका सही मूल्य प्राप्त हो। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये केंद्र सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश से और अतिरिक्त 90,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी की बिक्री से प्राप्त होने का अनुमान है।   

 

प्रमुख बिंदु:

विनिवेश (Disinvestment): 

निजीकरण (Privatisation):  

उद्देश्य: 

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM): 

विनिवेश का कारण:

प्रतिस्पर्द्धा: 

नवीनीकरण का आभाव: 

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL):  

विदेशी निवेश की संभावनाएँ और निजीकरण :

लाभ:   

चुनौतियाँ:  

अन्य चुनौतियाँ:

समाधान: 

आगे की राह: 

अभ्यास प्रश्न: विनिवेश से आप क्या समझाते हैं? देश में आर्थिक क्षेत्र में आई गिरावट को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में विनिवेश के निर्णय की समीक्षा कीजिये।