संसद टीवी संवाद

नीली क्रांति | 17 Sep 2019 | भारतीय अर्थव्यवस्था

संदर्भ

अभी बहुत समय नहीं बीता जब 30 अगस्त 2019 को उपराष्ट्रपति ने हैदराबाद में एक्वा एक्वारिया इंडिया के पाँचवें संस्करण का उदघाटन किया। यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इस वर्ष की थीम थी ‘भारत के अंतर्क्षेत्र में नीली क्रांति पहुँचाना’। (Taking Blue Revolution to India’s Hinterland)’।

नीली क्रांति किसानों की आय दुगुनी करने हेतु एक सहबद्ध कार्यक्रम के रूप में मछली तथा समुद्री उत्पादों को पकड़ने के कार्य को प्रोत्साहित करने के सरकारी प्रयासों का एक अंग है। इसका संबंध मत्स्यपालन उद्योग में तीव्र विकास से है। अपने प्रयासों के एक भाग के रूप में, समुद्री खाद्य (Sea Food) उत्पादन और निर्यात बढ़ाने और संवहनीय मत्स्यपालन को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार ने एक स्वतंत्र मत्स्यपालन मंत्रालय गठित किया है। 2019-20 के बजट में सरकार ने नवगठित मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय हेतु लगभग 3,737 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

नीली क्रांति

मछलीपालन

भारत में नीली क्रांति

परिणाम

अप्रयुक्त क्षमता

सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए कदम

नीली क्रांति 2.0/नील क्रांति मिशन

इस कार्यक्रम के कुछ निश्चित उद्देश्य हैं जो निम्नलिखित हैं:

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना

वित्तीय आवंटन

मनरेगा (MGNREGA) के तहत की गई पहल

चुनौतियाँ

आगे की राह

अभ्यास प्रश्न: प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2024 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य में ‘नीली क्रांति’ के महत्त्व पर प्रकाश डालिये।