संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) | 22 Aug 2019

 Last Updated: July 2022 

यूनिसेफ का इतिहास

  • संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund-UNICEF) संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को बनाया गया था।
  • पूर्व में इसे संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (United Nations International Children's Emergency Fund) कहा जाता था।
  • पोलैंड के चिकित्सक लुडविक रॉश्मन ने यूनिसेफ का गठन करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
  • इसे बनाने का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध में तबाह हुए देशों में बच्चों और माताओं को आपातकालीन स्थिति में भोजन और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना था।
  • 1950 में यूनिसेफ के दायरे को विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की दीर्घकालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये विस्तारित किया गया था।
  • 1953 में यह संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी हिस्सा बन गया और इस संगठन के नाम में से ‘अंतर्राष्ट्रीय’ एवं ‘आपातकालीन’ शब्दों को हटा दिया गया।
  • अब इसका नाम संयुक्त राष्ट्र बाल कोष है किंतु मूल संक्षिप्त नाम ‘यूनिसेफ’ को बरकरार रखा गया।

वित्तीय स्थिति

  • यूनिसेफ का वित्त पोषण विभिन्न सरकारों और निजी दाताओं द्वारा किया जाता है। संगठन के संसाधनों का दो-तिहाई योगदान विभिन्न देशों की सरकारें करती हैं।
  • निजी समूहों और व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय समितियों के माध्यम से शेष योगदान किया जाता है। यह अनुमान लगाया जाता है कि यूनिसेफ के राजस्व का 92 प्रतिशत सेवा कार्यक्रम के लिये वितरित किया जाता है।
  • यूनिसेफ के कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देने के लिये सामुदायिक स्तर की सेवाओं को विकसित करने पर ज़ोर देते हैं।
  • यूनिसेफ को वर्ष 1965 में नोबेल शांति पुरस्कार, वर्ष 1989 में इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार और वर्ष 2006 में प्रिंस ऑफ अस्तुरियस अवॉर्ड मिला था।

कार्यक्षेत्र विस्तार

  • यूनिसेफ का अधिकांश कार्यक्षेत्र 190 देशों/क्षेत्रों में मौजूद है। 150 से अधिक देशों के कार्यालयों/ मुख्यालयों और यूनिसेफ के नेटवर्क से जुड़े अन्य कार्यालयों तथा 34 राष्ट्रीय समितियाँ मेज़बान सरकारों के साथ विकसित कार्यक्रमों के माध्यम से यूनिसेफ के मिशन को पूरा करती है। सात क्षेत्रीय कार्यालय आवश्यकतानुसार देशों के कार्यालयों को तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं।
  • यूनिसेफ का आपूर्ति विभाग कोपेनहेगन में स्थित है और यह HIV, पोषण संबंधी खुराक, आपातकालीन आश्रयों, परिवारों के पुनर्मिलन तथा बच्चों और माताओं के लिये टीके, एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं जैसी आवश्यक वस्तुओं के वितरण के प्राथमिक बिंदु के रूप में कार्य करता है।
  • 36 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड इसकी नीतियों को तय करता है, कार्यक्रमों को मंज़ूरी देता है और प्रशासनिक तथा वित्तीय योजनाओं की देख-रेख करता है। कार्यकारी बोर्ड उन सरकारी प्रतिनिधियों से मिलकर बना है जो आमतौर पर तीन साल के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा चुने जाते हैं।

क्रियाविधि एवं नियमन

प्रत्येक देश में स्थित यूनिसेफ कार्यालय मेज़बान सरकार के साथ सहयोग कायम कर एक अनूठे कार्यक्रम के माध्यम से अपने मिशन को पूरा करता है। यह कार्यक्रम बच्चों और महिलाओं के अधिकारों का एहसास कराने के लिये व्यावहारिक तरीकों पर केंद्रित है। क्षेत्रीय कार्यालय इस कार्य का मार्गदर्शन करते हैं और आवश्यकतानुसार राष्ट्रीय कार्यालयों को तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं। संगठन का समग्र प्रबंधन और प्रशासन मुख्यालय में होता है, जहाँ बच्चों पर वैश्विक नीति बनाई जाती है। यूनिसेफ के सभी कार्यों का मार्गदर्शन और उनकी निगरानी उपरोक्त कार्यकारी बोर्ड करता है। कार्यकारी बोर्ड के कार्यों का समन्वय एक ब्यूरो द्वारा किया जाता है जिसमें अध्यक्ष और चार उपाध्यक्ष होते हैं, प्रत्येक अधिकारी पाँच क्षेत्रीय समूहों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है।

यूनिसेफ की राष्ट्रीय समितियाँ

  • ये राष्ट्रीय समितियाँ 38 (औद्योगिक) देशों में हैं तथा इनमें से प्रत्येक एक स्वतंत्र स्थानीय गैर-सरकारी संगठन के रूप में स्थापित है। राष्ट्रीय समितियाँ सार्वजनिक क्षेत्र से धन जुटाती हैं।
  • यूनिसेफ को पूरी तरह से स्वैच्छिक योगदान से वित्तपोषित किया जाता है और राष्ट्रीय समितियाँ सामूहिक रूप से यूनिसेफ की वार्षिक आय का लगभग एक-तिहाई हिस्सा जुटाती हैं। यह दुनिया भर में छह मिलियन व्यक्तिगत दाताओं के निगमों, नागरिक समाज संगठनों के योगदान के माध्यम से आता है।

प्रचार और अनुदान संचयन

  • अमेरिका, नेपाल और कुछ अन्य देशों में यूनिसेफ अपने ‘ट्रिक-ऑर-ट्रीट फॉर यूनिसेफ’ कार्यक्रम के लिये जाना जाता है, जिसमें बच्चे यूनिसेफ के लिये पैसा इकट्ठा करते हैं।
  • वस्तुत: यूनिसेफ दुनियाभर के 191 देशों और क्षेत्रों में मौजूद है, लेकिन नौ अन्य देश (बहामास, ब्रुनेई, साइप्रस, लातविया, लिचटेंस्टीन, माल्टा, मॉरीशस, मोनाको और सिंगापुर) इसमें शामिल नहीं हैं।
  • विकसित देशों में लोग यूनिसेफ की 36 राष्ट्र समितियों में से किसी एक की गतिविधियों के माध्यम से यूनिसेफ के काम के बारे में जानकारी लेते हैं।
  • ये गैर-सरकारी संगठन (NGO) मुख्य रूप से धन संचयन, यूनिसेफ ग्रीटिंग कार्ड और उत्पादों को बेचने, निजी और सार्वजनिक भागीदारी बनाने, बच्चों के अधिकारों का समर्थन करने और अन्य सहायता प्रदान करने का ज़िम्मा उठाते हैं।
  • यूनिसेफ के लिये अमेरिकी कोष राष्ट्रीय समितियों में सबसे पुराना है, जिसकी स्थापना 1947 में हुई थी।

ट्रिक-ऑर-ट्रीट यूनिसेफ बॉक्स

वर्ष 1950 के बाद जब फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनिया में बच्चों के एक समूह ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पीड़ितों की मदद के लिये हैलोवीन (अमेरिका में मनाया जाने वाला एक उत्सव) पर मिले 17 डॉलर दान में दे दिये, तभी से उत्तरी अमेरिका में ट्रिक-ऑर-ट्रीट यूनिसेफ बॉक्स हेतु दान देने की एक परंपरा बन गई है। 31 अक्तूबर से पहले ये छोटे नारंगी बक्से स्कूलों और अन्य स्थानों पर बच्चों को सौंप दिये जाते हैं। वर्ष 2012 तक यूनिसेफ अभियान के लिये ट्रिक-ऑर-ट्रीट ने कनाडा में लगभग 91 मिलियन डॉलर और अमेरिका में 167 मिलियन डॉलर से अधिक धनराशि जुटाई।

गर्ल स्टार प्रोजेक्ट

द गर्ल स्टार प्रोजेक्ट फिल्मों की एक श्रृंखला है जो भारत के पाँच उत्तरी राज्यों में सबसे वंचित समुदायों की उन लड़कियों की कहानी है, जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक बाधाओं के बावजूद जीवन में सफलता प्राप्त की है। ये युवतियाँ अपने समुदायों में रोल मॉडल बनने की दिशा में बढ़ी हैं और छोटी लड़कियों को स्कूल जाने तथा अपनी शिक्षा जारी रखने के लिये प्रेरित करती हैं। इन्होंने शिक्षण और नर्सिंग से लेकर तीरंदाज़ी, मधुमक्खी पालन जैसे व्यवसायों का चयन किया है, जो पारंपरिक रूप से पुरुषों का कार्यक्षेत्र रहा है। गर्ल स्टार यूनिसेफ की सबसे चर्चित परियोजनाओं में से एक है।

किड्स यूनाइटेड

किड्स यूनाइटेड वर्ष 2000 से वर्ष 2007 के बीच जन्मे चार बच्चों का एक फ्रांसीसी संगीत समूह है। यह यूनिसेफ के अभियानों का समर्थन करने के लिये बनाया गया है तथा दो गायकों हेलेन सेगारा और कॉर्निले द्वारा प्रायोजित है। वर्ष 2015 में यूनिवर्सल चिल्ड्रन डे पर पहला एल्बम ‘अनमोंडे मीइलुर’ (एक बेहतर दुनिया) लॉन्च किया गया था। इसे फ्राँस में स्वर्ण प्रमाणन (Gold Certificate) मिला।

यू-रिपोर्ट

यू-रिपोर्ट एक नि:शुल्क SMS, सामाजिक निगरानी उपकरण और सामुदायिक भागीदारी के लिये वास्तविक समय (Real Time) सूचना प्रणाली है, जिसे सामुदायिक नेतृत्व वाले विकास, नागरिक सहभागिता और सकारात्मक बदलाव को मज़बूत करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

SMS-पोल और अलर्ट यू-पत्रकारों को भेजे जाते हैं और वास्तविक समय पर प्रतिक्रिया की जानकारी एकत्र की जाती है। परिणाम और विचार समुदाय के साथ वापस साझा किये जाते हैं। निर्वाचित मुद्दों में स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, स्वच्छता, युवा बेरोज़गारी, रोग प्रकोप जैसे सामाजिक मुद्दे शामिल होते हैं। यह पहल वर्तमान में 41 देशों में चालू है और इसमें 3 मिलियन से अधिक लोगों को शामिल किया गया है।

सेलिब्रिटी राजदूत

यूनिसेफ राजदूत मनोरंजन उद्योग, राजनीति, फिल्म, टेलीविज़न, संगीत, खेल और उससे जुड़े अन्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे बच्चों की ज़रूरतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं और अपनी प्रतिभा तथा प्रसिद्धि का उपयोग यूनिसेफ की ओर से धन जुटाने, उसका समर्थन करने और शिक्षित करने के लिये करते हैं।

अवसंरचनात्मक सुविधाएँ

यूनिसेफ वर्ल्ड वेयरहाउस

पुराना यूनिसेफ वर्ल्ड वेयरहाउस डेनमार्क में एक बड़ी आवासीय सुविधा है, जो यूनिसेफ के सुपुर्दगी योग्य सामानों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थियों को आपातकालीन सहयोग देने सहित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेडक्रॉस और रेड क्रीसेर सोसाइटीज़ की मेज़बानी भी करता है। वर्ष 2012 तक यह सुविधा कोपेनहेगन के मारमोर-मोलोइन में एक गोदाम के रूप में थी। एक छत के नीचे कोपेनहेगन में संयुक्त राष्ट्र की सभी गतिविधियों को पूरा करने के लिये यूएन सिटी के निर्माण के साथ, कोपेनहेगन के मुक्त बंदरगाह के बाहरी हिस्सों में गोदाम सेवा को स्थानांतरित कर दिया गया है। इसमें यूनिसेफ आपूर्ति प्रभाग है जो दुबई, पनामा और शंघाई में रणनीतिक परिवहन हब का प्रबंधन करता है। गोदाम में विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ होती हैं, जैसे- खाद्यान्न, जल शोधन हेतु गोलियाँ, आहार और विटामिन की खुराक इत्यादि।

यूनिसेफ इनोसेंटी रिसर्च सेंटर

यूनिसेफ इनोसेंटी रिसर्च सेंटर इटली के फ्लोरेंस में वर्ष 1988 में स्थापित किया गया था। औपचारिक रूप से इसे अंतर्राष्ट्रीय बाल विकास केंद्र के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों से संबंधित मुद्दों की अंतर्राष्ट्रीय समझ में सुधार करना तथा आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने वाली आर्थिक नीतियों को प्रोत्साहन देना है। यह केंद्र औद्योगिक और विकासशील देशों में बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पूर्ण कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने में मदद करने के लिये भी कार्य करता है।

गोद लेने का कार्यक्रम

यूनिसेफ की यह नीति है कि कोई अन्य विकल्प नहीं होने पर ही अनाथालयों को केवल बच्चों के लिये अस्थायी आवास के रूप में उपयोग किया जाना चाहिये। यूनिसेफ बच्चों के लिये स्थायी अनाथालयों के बड़े पैमाने पर निर्माण का विरोध करता रहा है और जहाँ तक संभव हो सके परिवारों और समुदायों में ही बच्चों के लिये स्थान खोजने यानी उन्हें गोद देने को प्राथमिकता देता है। यूनिसेफ विदेशी माता-पिता को गोद देने के बजाय स्वदेश में ही बच्चों की देखभाल करने पर ज़ोर देता है।

शिशु मृत्यु-दर

बाल मृत्यु दर कुछ क्षेत्रों में उतनी तेज़ी से कम नहीं हुई है जितनी कि अनुमान लगाया गया था। उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में अभी भी उच्चतम बाल मृत्यु दर है (प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 92 मौतें)। वैश्विक रूप से पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में लगभग आधी मौतें कुपोषण के कारण होती हैं।

कॉर्पोरेट साझेदारी

यूनिसेफ विभिन्न कंपनियों के साथ सीधे अपने व्यावसायिक व्यवहारों को बेहतर बनाने के लिये काम करता है, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत दायित्वों के अनुरूप लाता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे बाज़ार, कार्यस्थल और समुदाय के दायरे में बच्चों के अधिकारों का सम्मान करें। वर्ष 2012 में यूनिसेफ ने बच्चों के अधिकारों और व्यावसायिक सिद्धांतों को विकसित करने के लिये ‘सेव द चिल्ड्रेन’ एवं ‘द यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पेक्ट’ के साथ काम किया तथा कार्य बिंदु साझा किये और अब यूनिसेफ की यही सलाह इन्हीं कंपनियों के लिये दिशा-निर्देश बना दी गई हैं। यूनिसेफ एक उचित परिश्रम प्रक्रिया के माध्यम से अपनी सामाजिक स्थिरता में सुधार करने की कोशिश करने वाली कंपनियों के साथ काम करता है, जहाँ उनकी आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रम जैसे मुद्दों की पहचान की जा सकती है और इस संबंध में कार्रवाई की जा सकती है।

सामरिक योजना (2022–2025):

  • यूनिसेफ की रणनीतिक योजना, 2022-2025, हर जगह सभी बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिये यूनिसेफ की अनारक्षित प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
    • यह एक महत्वपूर्ण समय पर लाई गई है जब बच्चों के मानवाधिकारों को एक हद तक खतरे में डाल दिया जाता है जो एक पीढ़ी से अधिक में नहीं देखा गया है।
  • यह 2030 की ओर दो अनुक्रमिक योजनाओं में से पहली है और यह सभी व्यवस्थाओं में बाल-केंद्रित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में यूनिसेफ के योगदान का प्रतिनिधित्व करती है। जैसे, यह देश के कार्यक्रमों और राष्ट्रीय समितियों के लिये एक वैश्विक ढाँचा प्रदान करता है।
  • रणनीतिक योजना COVID-19 से एक समावेशी पुनर्प्राप्ति की दिशा में समन्वित कार्रवाई का मार्गदर्शन करेगी, SDGs की उपलब्धि की दिशा में त्वरण और एक ऐसे समाज की प्राप्ति जिसमें प्रत्येक बच्चे को शामिल किया गया है एवं बिना किसी भेदभाव के अवसर और उनके अधिकारों को पूरा किया गया है।
  • योजना को बच्चों, समुदायों, सरकारों, संयुक्त राष्ट्र की सहयोगी एजेंसियों, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और अन्य भागीदारों की आवाज़ों द्वारा सूचित किया गया था।
    • यह प्रमुख प्रोग्रामेटिक लक्ष्यों और परिणाम क्षेत्रों के संबंधित समूह, परिवर्तन रणनीतियों और समर्थकों को रेखांकित करता है, जिसमें जलवायु कार्रवाई, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर नए या त्वरित दृष्टिकोण शामिल हैं।