विश्व खाद्य कार्यक्रम | 06 Jan 2021

 Last Updated: July 2022 

‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ (World Food Programme-WFP) एक अग्रणी मानवीय संगठन है जो आपात स्थिति में लोगों के जीवन को बचाने और परिवर्तित हेतु  खाद्य सहायता प्रदान करता है यह पोषण स्तर में सुधार करने और लचीलापन लाने हेतु समुदायों के साथ मिलकर कार्य करता है।

  • इसकी स्थापना वर्ष 1961 में खाद्य एवं कृषि संगठन(Food and Agriculture Organization- FAO) तथा ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ (United Nations General Assembly-UNGA) द्वारा अपने मुख्यालय रोम, इटली में की गई थी।
  • यह संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समूह (UNSDG) का सदस्य भी है, जो सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDGs) को पूरा करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों एवं संगठनों का एक गठबंधन है।
    • अंतर्राष्ट्रीय समुदाय वर्ष 2030 तक भुखमरी को समाप्त करने, खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने एवं पोषण में सुधार करने हेतु प्रतिबद्ध है।
    • WFP 120 से अधिक देशों और क्षेत्रों में संघर्ष के कारण विस्थापित और आपदाओं से निराश्रित लोगों के लिये जीवन रक्षक खाद्य सामग्री प्रदान करने हेतु कार्य करता है।

उद्देश्य

  • डब्ल्यूएफपी आपातकालीन सहायता के साथ-साथ पुनर्वास एवं विकास सहायता पर भी केंद्रित है।
    • इसका दो-तिहाई काम संघर्ष-प्रभावित देशों में होता है, जहाँ अन्य जगहों की तुलना में लोगों के तीन गुना कुपोषित होने की संभावना है।
  • यहरोम स्थित दो अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है:
    • खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization-FAO): यह संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को नीतियों के निर्माण एवं धारणीय कृषि का समर्थन करने हेतु योजना बनाने एवं कानूनों में परिवर्तन करने में मदद करता है।
    • कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष (International Fund for Agricultural Development- IFAD): इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता हेतु बनाई गई परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जाता है।
  • भोजन तक पहुँच प्रदान करके भुखमरी को समाप्त करना।
  • पोषण में सुधार एवं खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना।
  • सतत् विकास लक्ष्य को कार्यान्वयन का समर्थन एवं इसके परिणामों को साझा करना।

डब्ल्यूएफपी की रणनीतिक योजना (2022-2025): भुखमरी के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही

  • 2022-2025 के लिये डब्ल्यूएफपी की रणनीतिक योजना सतत् विकास के लिये 2030 एजेंडा और इससे जुड़े सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लिये नए सिरे से वैश्विक प्रतिबद्धता पर आधारित है।
    • यह कई तरीकों की रूपरेखा तैयार करता है कि WFP, साझेदारी में काम करते हुए, जीवन को सबसे अधिक कुशलता के माध्यम से बचा सकता है और बदल सकता है।
  • WFP की रणनीतिक योजना में 2030 का विज़न अंतर्निहित है:
    • विश्व में खाद्य असुरक्षा और कुपोषण को समाप्त करना (SDG 2 - ज़ीरो हंगर)
    • राष्ट्रीय और वैश्विक अभिकर्त्ताओं द्वारा एसडीजी (एसडीजी 17 - लक्ष्यों के लिये भागीदारी) हासिल करना।
  • सामरिक योजना एसडीजी के परस्पर जुड़ाव पर ज़ोर देती है, इस बात पर प्रकाश डालती है कि डब्ल्यूएफपी की गतिविधियाँ भी अन्य लक्ष्यों की दिशा में योगदान करती हैं और उन पर निर्भर करती हैं।
  • भुखमरी के प्रमुख कारण संघर्ष, जलवायु संकट और आर्थिक मंदी, डब्ल्यूएफपी की प्रोग्रामिंग, नई साझेदारी इन समस्याओं के लिये प्रवेश बिंदु प्रदान करते हैं। इस तरह की बड़ी और जटिल वैश्विक चुनौतियों के बीच, डब्ल्यूएफपी मुख्य रूप से तत्काल ज़रूरतों को पूरा करेगा, जबकि लचीलापन बनाने और भेद्यता के मूल कारणों को दूर करने के अवसरों का लाभ उठाएगा।
  • भुखमरी के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही और WFP के दृष्टिकोण को प्राप्त करना 5 परिणामों पर निर्भर करता है:
    • लोग अपनी तत्काल भोजन और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाना।
    • लोगों के पास बेहतर पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के परिणाम ।
    • लोगों के पास बेहतर और टिकाऊ आजीविका ।
    • राष्ट्रीय कार्यक्रमों और प्रणालियों को मजबूत किया जाना।
    • मानवीय और विकासकर्ता अधिक कुशल और प्रभावी होना।
  • WFP का कार्य सात सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होगा, जिसमें चार क्रॉस-कटिंग प्राथमिकताएँ कार्यक्रम की दक्षता और प्रभावशीलता को अधिकतम करेंगी।
    • लोगों में निवेश करना, साझेदारी को मज़बूत करना, फंडिंग को बढ़ाना और विविधता लाना, सबूतों पर निर्माण करना, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना और नवाचार को बढ़ावा देना - बिल्डिंग ब्लॉक्स जो WFP की रणनीतिक योजना को सक्षम करते हैं।

वित्तपोषण

  • डब्ल्यूएफपी के पास वित्तीयन का कोई स्वतंत्र स्रोत नहीं है, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक दान द्वारा वित्तपोषित है।सरकारें इसमें प्रमुख दानकर्त्ता  होती हैं लेकिन संगठन को निजी क्षेत्र एवं व्यक्तियों से भी वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
    • सरकारें: सरकारें डब्ल्यूएफपी के लिये वित्तपोषण की प्रमुख स्रोत हैं। संगठन को संयुक्त राष्ट्र के निर्धारित योगदानों की कोई बकाया राशि अथवा इसका कोई अंश प्राप्त नहीं होता है। लगभग 60 से अधिक सरकारें डब्ल्यूएफपी की मानवीय एवं विकास परियोजनाओं हेतु वित्त प्रदान करती हैं।
    • कॉर्पोरेट्स: कॉर्पोरेट द्वारा पोषित कार्यक्रमों के माध्यम से कंपनियाँ भुखमरी से लड़ने में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं।
      • निजी एवं गैर-लाभकारी संस्थाओं द्वारा दिये जाने वाले दान में आपातकालीन कार्यों हेतु फ्रंटलाइन समर्थन; डब्ल्यूएफपी की रसद व वित्तपोषण क्षमताओं को बढ़ाने के लिये विशेषज्ञता व विद्यालय में भोजन हेतु नकद सहायता शामिल है।
    • व्यक्ति: व्यक्तियों के योगदान से भुखमरी से ग्रस्त लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया जा सकता है। व्यक्तिगत दान कई प्रकार से किया जा सकता है:
      • संकट के दौरान आपातकालीन राशन की उपलब्धता।
      • स्कूलों में भुखमरी से त्रस्त बच्चों के लिये विशेष भोजन की व्यवस्था करना।
      • गरीब परिवारों की बालिकाओं को स्कूल जाने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु खाद्य प्रोत्साहन।
      • संघर्ष एवं प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनज़र स्कूलों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांँचे के पुनर्निर्माण और लोगों के लिये प्रबंध करना, भोजन करने हेतु वित्त की उपलब्धता सुनिश्चित।

शेयर द मील

  • शेयर द मील संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की एक पहल है।
  • शेयर द मील एप के माध्यम से प्राप्त दान से विभिन्न डब्ल्यूएफपी कार्यों का वित्त पोषण किया जाता है, जिसका उद्देश्य क्षमता निर्माण एवं स्कूल फीडिंग कार्यक्रमों से लेकर आपात स्थितियों में खाद्य सहायता आदि प्रदान करना है।
  • इस एप को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था और तब से इसने विश्व के कुछ सबसे बड़े खाद्य संकटों के दौरान देश की सहायता की है जिसमें यमन, सीरिया एवं नाइजीरिया आदि देश शामिल शामिल हैं।

डब्ल्यूएफपी एवं भारत 

डब्ल्यूएफपी वर्ष 1963 से भारत में कार्य कर रहा है जो देश में अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के बाद से खाद्य वितरण से लेकर तकनीकी सहायता के क्षेत्र में कार्य करता है। भारत में डब्ल्यूएफपी मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में सहायता करता है:

  • लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में परिवर्तन: डब्ल्यूएफपी भारत की स्वयं की सब्सिडी वाली खाद्य वितरण प्रणाली की दक्षता, जवाबदेही एवं पारदर्शिता को बेहतर बनाने हेतु कार्यरत है, जिससे देश भर में लगभग 800 मिलियन गरीब लोगों को गेहूँ, चावल, चीनी एवं मिट्टी के तेल की आपूर्ति होती है।
  • सरकार द्वारा वितरित भोजन कार्यक्रम का सुदृढ़ीकरण:  डब्ल्यूएफपी सरकारी स्कूलों के लिये मध्याह्न भोजन कार्यक्रम (Midday Meal school programme) के तहत भोजन के पोषण गुणों में वृद्धि करने हेतु स्कूल भोजन में बहु-सूक्ष्म पोषक तत्त्वों के सुदृढ़ीकरण करने हेतु कार्य करता है।
    • पायलट प्रोजेक्ट में देखा गया कि लौह तत्त्वों की अधिक मात्रा युक्त चावल जिसे एक ही ज़िले में वितरित किया गया था, के परिणामस्वरूप एनीमिया में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है।
    • इसने केरल में शिशुओं एवं छोटे बच्चों को दिये जाने वाले भोजन में पोषण तत्त्वों को सुदृढ़ीकरण कर कुपोषण से निपटने में मदद की है।
  • खाद्य असुरक्षा का प्रतिचित्रण/मैपिंग एवं निगरानी: डब्ल्यूएफपी ने भारत के सबसे अधिक खाद्य असुरक्षित क्षेत्रों की पहचान करने के लिये सुभेद्यता विश्लेषण और मैपिंग सॉफ्टवेयर्स का उपयोग किया है, जो नीति एवं राहत कार्य को उचित रूप से लक्षित करते हैं।
    • डब्ल्यूएफपी राज्य सरकार की खाद्य सुरक्षा विश्लेषण इकाई की स्थापना में गरीबी एवं मानव विकास निगरानी एजेंसी का भी समर्थन कर रहा है, जो भुखमरी को पूर्णतः समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में कार्यरत है।

डब्ल्यूएफपी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट

  • खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट- खाद्य संकट पर वैश्विक रिपोर्ट विश्व में तीव्र भुखमरी के पैमाने का वर्णन करती है। यह भुखमरी के उन कारणों का विश्लेषण करती है जो संपूर्ण विश्व में खाद्य संकट में योगदान दे रहे हैं।
    • यह रिपोर्ट ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस द्वारा तैयार की गई है जो एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन है तथा अत्यधिक भुखमरी के मूल कारणों को दूर करने हेतु कार्यरत है।

पुरस्कार

  • डब्ल्यूएफपी को भुखमरी की स्थिति से निपटने के लिये संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और युद्ध एवं संघर्ष के हथियार के रूप में भुखमरी के उपयोग को रोकने के इसके प्रयासों के चलते वर्ष 2020 के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।