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आर्कटिक परिषद | 22 Oct 2019 | विविध

 Last Updated: July 2022 

आर्कटिक परिषद आर्कटिक क्षेत्र में सामान्य आर्कटिक मुद्दों, विशेषकर आर्कटिक क्षेत्र में सतत विकास और पर्यावरणीय सुरक्षा के प्रति आर्कटिक देशों, आर्कटिक के देशज समुदायों और अन्य आर्कटिक निवासियों के बीच सहयोग, समन्वय और अनुक्रिया बढ़ाने के लिये एक प्रमुख अंतर-सरकारी फोरम है।

आर्कटिक परिषद जैवविविधता में परिवर्तन, समुद्री बर्फ का पिघलना, प्लास्टिक प्रदूषण और ब्लैक कार्बन जैसे मुद्दों निपटने के लिये एक सर्वसम्मति आधारित निकाय के रूप में कार्य करती है।

आर्कटिक परिषद का इतिहास

आर्कटिक परिषद की संरचना

आर्कटिक परिषद आर्कटिक देशों साथ ही साथ आर्कटिक के देशज समुदायों और अन्य आर्कटिक निवासियों के बीच सहयोग, समन्वय और अनुक्रिया बढ़ाने के लिये एक उच्चस्तरीय अंतर-सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1996 में ओटावा घोषणा से हुई।

पर्यवेक्षकों के प्रवेश हेतु मानदंड

किसी आवेदक की पर्यवेक्षक स्तर हेतु परिषद द्वारा उपयुक्तता निर्धारण में परिषद अन्य बातों के अलावा इस बात को ध्यान में रखेगी कि किस सीमा तक पर्यवेक्षक:

परिषद की क्रियाविधि

परिषद का कार्य मुख्य रूप से छह कार्यकारी समूहों में किया जाता है:

  1. आर्कटिक संदूषक कार्रवाई कार्यक्रम (ACAP): उत्सर्जनों और अन्य प्रदूषकों के निर्मोचन को घटाने में राष्ट्रीय कार्यों को प्रोत्साहित करने हेतु यह एक दृढ़कारी और सहायक व्यवस्था के रूप में कार्य करता है।
  2. आर्कटिक निगरानी और आकलन कार्यक्रम (AMAP): यह आर्कटिक पर्यावरण, पारिस्थितिकी तंत्र और मानव जनसंख्या की निगरानी करता है और सरकारों को प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों से निपटने में सहायता देने के लिये वैज्ञानिक सलाह देता है।
  3. आर्कटिक वनस्पति और जीव-जंतु संरक्षण कार्यकारी समूह (CAFF): .आर्कटिक जैव संसाधनों की संवहनीयता सुनिश्चित कर यह आर्कटिक जैव विविधता संरक्षण के लिये कार्य करता है।
  4. आपातकाल निरोध, तैयारी और प्रतिक्रिया कार्यकारी समूह (EPPR): यह दुर्घटनावश अवमुक्त प्रदूषकों या रेडियोन्यूक्लाइड्स के असर या खतरे से आर्कटिक पर्यावरण को बचाने के लिये कार्य करता है।
  5. आर्कटिक समुद्री पर्यावरण रक्षा (PAME) कार्यकारी समूह: यह आर्कटिक परिषद की गतिविधियों का केंद्र बिन्दु है जो आर्कटिक समुद्री पर्यावरण की रक्षा और उसके संवहनीय प्रयोग से संबंधित है।
  6. सतत विकास कार्यकारी समूह (SDWG): यह आर्कटिक क्षेत्र में संवहनीय विकास और समग्र रूप से आर्कटिक समुदायों की दशा में सुधार के लिये कार्य करता है।

परिषद की कार्यप्रणाली

आर्कटिक परिषद की उपलब्धियाँ

  1. आर्कटिक में वैमानिक और समुद्री खोज एवं बचाव पर सहयोग समझौता, वर्ष 2011 की मंत्रिस्तरीय बैठक में न्यूक, ग्रीनलैंड में इस पर हस्ताक्षर हुए।
  2. आर्कटिक में समुद्री तेल प्रदूषण तैयारी और प्रतिक्रिया पर सहयोग समझौता, जिस पर किरुना, स्वीडन में वर्ष 2013 में मंत्रिस्तरीय बैठक में हस्ताक्षर हुए।
  3. अंतर्राष्ट्रीय आर्कटिक वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाने पर समझौता, अलास्का के फेयरबैंक्स में वर्ष 2017 की मंत्रिस्तरीय बैठक में हस्ताक्षर हुए।

भारत और आर्कटिक

व्यावसायिक और रणनीतिक हित